Sharda University News : कॉलेज से कॉर्पोरेट तक, शारदा विश्वविद्यालय के सातवें एचआर कॉन्क्लेव ने एआई, नवाचार और भविष्य के कार्यबल पर डाली नई रोशनी, शारदा विश्वविद्यालय का दृष्टिकोण शिक्षा और उद्योग के बीच सेतु
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
शारदा विश्वविद्यालय में सातवें एचआर कॉन्क्लेव का आयोजन एक भव्य और शिक्षाप्रद अनुभव बनकर उभरा। इस कार्यक्रम का आयोजन शारदा स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज और नोएडा चैप्टर पीएनजीआई (प्रोफेशनल नेटवर्क ग्रुप ऑफ इंडिया) के सहयोग से किया गया। देश के प्रमुख मानव संसाधन विशेषज्ञ, शिक्षाविद, और उद्योग जगत के दिग्गज इस आयोजन का हिस्सा बने।
कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य एचआर क्षेत्र में हो रहे नए रुझानों, नवाचारों, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के महत्व पर चर्चा करना था। इसके अलावा, शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटते हुए छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना इस आयोजन का केंद्र बिंदु रहा।
कॉन्क्लेव की मुख्य चर्चाएं: इनोवेशन और भविष्य के कार्यबल की नींव
कॉन्क्लेव में कई पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं, जिनमें प्रतिभा साम्राज्य का युग, एआई और एचआर में क्रांतिकारी बदलाव, और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के सीएचआरओ सलिल लाल और डीएस ग्रुप की सीएचआरओ सिमिन अस्करी ने अपने अनुभव साझा किए और कहा कि एचआर केवल संसाधनों का प्रबंधन नहीं, बल्कि संगठनों के विकास का मुख्य आधार बन गया है। एआई और डिजिटल तकनीक एचआर के कार्यक्षेत्र को बदल रही हैं और इसे अधिक प्रभावशाली बना रही हैं।
मोटिवेशनल स्पीकर का संदेश: बदलाव को अपनाएं, चुनौतियों को अवसर बनाएं
कार्यक्रम में प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर और बिजनेस एडवाइजर आनंद अमृतराज ने छात्रों और प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा:
“कॉलेज से कॉर्पोरेट जीवन की यात्रा एक बड़ी छलांग है। यह प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन इसे विकास के अवसरों के रूप में अपनाना चाहिए। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखना, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन आपको न केवल कॉर्पोरेट जीवन के लिए तैयार करेंगे, बल्कि इसे सफलतापूर्वक जीने में भी मदद करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि कॉर्पोरेट जीवन में धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण ही सफलता की कुंजी हैं।
शारदा विश्वविद्यालय का दृष्टिकोण: शिक्षा और उद्योग के बीच सेतु
शारदा स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज की डीन सैली लुकोज ने कॉन्क्लेव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आयोजन अकादमिक और उद्योग की मांगों को जोड़ने का एक बेहतरीन प्रयास है।
उन्होंने कहा, “यह मंच छात्रों के लिए प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, और प्लेसमेंट के नए अवसर प्रदान करता है। साथ ही, यह उद्योग जगत और शिक्षा क्षेत्र के बीच लंबे समय तक चलने वाले सहयोग को बढ़ावा देता है। हमारा उद्देश्य छात्रों को न केवल अकादमिक ज्ञान देना है, बल्कि उन्हें व्यावहारिक जीवन के लिए तैयार करना भी है।”
एचआर पुरस्कार और सम्मान समारोह
कार्यक्रम के समापन पर उत्कृष्ट एचआर प्रथाओं के लिए पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर एचआर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पेशेवरों को सम्मानित किया गया।
शारदा विश्वविद्यालय की पहल: छात्रों के लिए सुनहरा भविष्य
इस कॉन्क्लेव ने यह सिद्ध कर दिया कि शारदा विश्वविद्यालय शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह आयोजन न केवल छात्रों को कॉर्पोरेट जगत के लिए तैयार करने में सहायक रहा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने की दिशा में भी एक कदम था।
कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थिति
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक अधिकारी जैसे डॉ. श्वेता गुप्ता, डॉ. रुचि जैन गर्ग, प्रो. अभिनंदा भट्टाचार्य, डॉ. शांति नारायण, और डॉ. हरिशंकर श्याम भी मौजूद रहे।
कॉन्क्लेव का निष्कर्ष
शारदा विश्वविद्यालय में आयोजित यह सातवां एचआर कॉन्क्लेव भविष्य के कार्यबल को आकार देने और कॉर्पोरेट जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों को तैयार करने का उत्कृष्ट उदाहरण है। कार्यक्रम ने शिक्षा और उद्योग के बीच सेतु का काम किया और यह सुनिश्चित किया कि छात्रों को सही दिशा में प्रेरित किया जाए।
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