GL Bajaj College News : जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च ने किया एचआर कॉन्क्लेव 4.0 का आयोजन, "डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और एआई से कार्यस्थल का भविष्य"
🚀 एचआर जगत के दिग्गजों ने साझा किए विचार, कार्यस्थल के बदलते स्वरूप पर हुई गहन चर्चा
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। तकनीकी प्रगति और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (GLBIMR) ने एचआर कॉन्क्लेव 4.0 का भव्य आयोजन किया। इस वर्ष का मुख्य विषय था—
“डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और एआई के माध्यम से कार्यस्थल का भविष्य आकार देना।”
🌟 कॉन्क्लेव में क्या रहा खास?
✅ उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने साझा किए अपने विचार
✅ छात्रों और प्रोफेशनल्स को मिली गहरी अंतर्दृष्टि
✅ भविष्य के एचआर ट्रेंड्स पर विशेष चर्चा
✅ एआई और ऑटोमेशन से बदलते कार्यस्थल की दिशा पर मंथन
🎙️ प्रमुख एचआर विशेषज्ञों ने संभाला मंच
कॉन्क्लेव में विभिन्न प्रमुख कंपनियों के छह एचआर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए, जिनमें शामिल थे—
🔹 अभिषेक कुमार – हेड एचआर, एरिक्सन ग्लोबल इंडिया प्रा. लि. (GSC & GCC)
🔹 नितिन खिंद्रिया – सीएचआरओ, ओमेगा सेकी मोबिलिटी
🔹 कशिश कपूर – हेड एचआर, एनईसी कॉर्पोरेशन इंडिया
🔹 वीर भारती – हेड एचआर बिजनेस पार्टनर, यामाहा मोटर सॉल्यूशंस इंडिया
🔹 कुमार आलोक शुभम – जनरल मैनेजर एचआर, मैक्स एस्टेट्स लि.
🔹 विभूति गुप्ता – टीए एशिया, लेनोवो
🔎 कॉन्क्लेव की मुख्य चर्चाएं
🎯 भविष्य के कार्यस्थल में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की भूमिका – विशेषज्ञों ने बताया कि कंपनियां कैसे नई तकनीकों को अपनाकर कार्यस्थल की दक्षता बढ़ा रही हैं।
🎯 अपस्किलिंग और रिस्किलिंग का महत्व – एआई और ऑटोमेशन के दौर में नए कौशल सीखना कितना जरूरी है।
🎯 स्वचालन और मानव संसाधन का संतुलन – मशीनों और इंसानों के बीच सही संतुलन बनाए रखने की रणनीतियां।
🎯 भू-राजनीति और वैश्विक रुझान – एचआर रणनीतियों पर अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का प्रभाव।
🎯 कौशल बनाम अनुभव – भविष्य में दक्षता-आधारित भर्ती का बढ़ता रुझान।
🎯 एआई से नौकरी पर प्रभाव – नए रोजगार अवसर सृजित करने के अभिनव तरीके खोजने की जरूरत।
📌 छात्रों और प्रोफेशनल्स को क्या मिला?
✅ उद्योग जगत के विशेषज्ञों से सीधे संवाद का अवसर।
✅ वास्तविक केस स्टडी और एआई-संचालित कार्यस्थल में आगे बढ़ने की रणनीतियां।
✅ आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए प्रैक्टिकल समाधान।
📢 विशेषज्ञों के विचार
🔹 अभिषेक कुमार (हेड एचआर, एरिक्सन) –
“भविष्य का कार्यस्थल पूरी तरह डिजिटल होने जा रहा है। नई तकनीकों को अपनाने और कर्मचारियों को अपस्किल करने से कंपनियां प्रतिस्पर्धा में आगे रहेंगी।”
🔹 नितिन खिंद्रिया (सीएचआरओ, ओमेगा सेकी मोबिलिटी) –
“मानव संसाधन का क्षेत्र तेजी से बदल रहा है। कंपनियों को न केवल तकनीकी अपग्रेडेशन बल्कि कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा।”
🔮 निष्कर्ष: भविष्य के लिए एक मजबूत आधार
यह कॉन्क्लेव सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक महत्वपूर्ण पहल थी जिसने छात्रों और पेशेवरों को बदलते एचआर परिदृश्य की बेहतर समझ दी।
इस आयोजन ने जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च की शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।
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