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- The Chairman Of The Committee Said: These Books Have Information About Important Cases, This Will Help The Lawyers A Lot In Advocating The Cases.
फरीदाबाद2 घंटे पहले
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जिला अदालत में प्रैक्टिस कर रहे युवा वकीलों को न्यायिक सुधार संघर्ष समिति ने सोमवार को कानून की पुस्तकें वितरित कीं। समिति ने आठवीं बार पुस्तकें वितरित किया।
जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर ने कहा कि इस बार चार तरह की किताबें बांटी गईं। इनमें पहली किताब क्रिमिनल मैनुअल की है। इसमें आईपीसी, सीआरपीसी, आफ आफ एविडेंस और जम्मू कश्मीर में नए एक्ट के बारे में बहुत कुछ है। दूसरी किताब सुप्रीम कोर्ट डाइजेस्ट आन इंडियन पीनल कोड है। इसमें 2010 से 2018 तक के कई अहम केसों की जानकारी है। जबकि तीसरी किताब लॉ आफ इंटरलॉक्यूटरी है। इसमें कई तरह के आर्डर के बारे में जानकारी दी गई है। चौथी किताब 2022 की आधुनिक डायरी है। एडवोकेट पाराशर ने कहा कि ये किताबें युवा वकीलों के बहुत काम आएंगी। पाराशर ने कहा उनका मकसद युवा वकीलों को हर तरह से निपुण बनाना है। कोरोना महामारी के पहले उन्होंने युवा वकीलों के लिए ज्यूडिशियरी ए्ग्जाम के लिए निशुल्क कोचिंग सेंटर भी खुलवाया था। पाराशर ने कहा वे आगे भी इन वकीलों की मदद करते रहेंगे। उन्होंने कहा जिला अदालत में वकीलों के बैठने के लिए सीटें कम हैं। इससे युवा वकीलों को दिक्कत होती है। उन्होंने सीएम मनोहर लाल और डीसी जितेंद्र यादव को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मांग की है कि कोर्ट परिसर में जो खाली जमीन पड़ी है वहां वकीलों के लिए सीटों का निर्माण कराया जाए। पुस्तक वितरण कार्यकऱ्म में कमल सिंह तंवर, बिजेंद्र दत्त कौशिक, धीरज अधाना, नरेंद्र शर्मा, सचिन पाराशर, लोकेश पाराशर, हितेश पाराशर, संजीव तंवर, अनिल अधाना, कुलदीप जेलदार, नवीन भाटी, अभिनीत अधाना, नितेश पाराशर, सुमित नागर, अभिनीत अधाना, हिमांशु डबास, वरुण कपासिया, साहिल चंदीला आदि वकील मौजूद थे। इन सभी वकीलों ने समिति के पुस्तक वितरण कार्यकऱ्म की सराहना करते हुए कहा कि इससे युवा वकीलों को काफी मदद मिलेगी।