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Shramik Mitra Scheme Launched Workers Will Get Information About Government Schemes – दिल्ली: श्रमिक मित्र योजना की शुरुआत, श्रमिकों को मिलेगी सरकार के योजनाओं की जानकारी

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुशील कुमार कुमार
Updated Mon, 08 Nov 2021 11:04 PM IST

सार

कंस्ट्रक्शन बोर्ड से रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को दिल्ली सरकार से निम्नलिखित सुविधाएं मिलती हैं जिनका लाभ श्रमिकों के द्वारा उठाया जा सकता है।

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दिल्ली सरकार ने श्रमिक मित्र योजना की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत सरकार लगभग 800 श्रमिक मित्रों की नियुक्ति करेगी। ये श्रमिक मित्र श्रमिकों के बीच में जाकर उन्हें दिल्ली सरकार के द्वारा उनके हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देंगे। इससे श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का बेहतर लाभ मिल सकेगा। इस समय दिल्ली सरकार श्रम मंत्रालय में लगभग छह लाख श्रमिक रजिस्टर्ड हैं। सरकार ने इसे एक बड़ी योजना बताया है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को इस योजना की शुरुआत के अवसर पर कहा कि श्रमिक किसी भी शहर के विकास की नीव होते हैं। उनके बिना किसी शहर का विकास संभव नहीं होता। यही कारण है कि सरकार उनके विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार अनेक योजनाएं चलाती हैं,  लेकिन जानकारी के अभाव में कई श्रमिक उनका उचित लाभ नहीं उठा पाते हैं। अब इन श्रमिकों के बीच में से ही कुछ लोगों को श्रमिक मित्र के रूप में नियुक्त किया जाएगा। वे अपने साथियों को इन कार्यक्रमों की जानकारी दे सकेंगे, जिन्हें सरकार के द्वारा उनकी भलाई के लिए चलाया जा रहा है। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के बाद ज्यादा से ज्यादा श्रमिक सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।

कंस्ट्रक्शन बोर्ड से रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को दिल्ली सरकार से निम्नलिखित सुविधाएं मिलती हैं जिनका लाभ श्रमिकों के द्वारा उठाया जा सकता है। श्रमिकों को दिल्ली सरकार से मिलने मिलने वाली सहायता के तहत घर निर्माण के लिए तीन लाख से पांच लाख रुपये, मातृत्व लाभ में 30 हजार रुपये, टूल खरीदने के लिए 20 हजार रुपये का लोन व 5 हजार रुपये की सहायता राशि, श्रमिकों के प्राकृतिक मृत्यु पर एक लाख व दुर्घटना मृत्यु पर दो लाख की सहायता राशि, अपंग हो जाने पर एक लाख की सहायता राशि व 3 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन, बच्चों की स्कूली शिक्षा व उच्च शिक्षा के लिए 500 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह, श्रमिकों व उनके बच्चों के विवाह के लिए 35 हजार से 51 हजार रुपये की सहायता राशि, मेडिकल असिस्टेंस के लिए 2000 रुपये, वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 3000 रुपये प्रतिमाह (हर साल 300 रुपये की वृद्धि) की सहायता राशि दी जाती है।

विस्तार

दिल्ली सरकार ने श्रमिक मित्र योजना की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत सरकार लगभग 800 श्रमिक मित्रों की नियुक्ति करेगी। ये श्रमिक मित्र श्रमिकों के बीच में जाकर उन्हें दिल्ली सरकार के द्वारा उनके हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देंगे। इससे श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का बेहतर लाभ मिल सकेगा। इस समय दिल्ली सरकार श्रम मंत्रालय में लगभग छह लाख श्रमिक रजिस्टर्ड हैं। सरकार ने इसे एक बड़ी योजना बताया है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को इस योजना की शुरुआत के अवसर पर कहा कि श्रमिक किसी भी शहर के विकास की नीव होते हैं। उनके बिना किसी शहर का विकास संभव नहीं होता। यही कारण है कि सरकार उनके विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार अनेक योजनाएं चलाती हैं,  लेकिन जानकारी के अभाव में कई श्रमिक उनका उचित लाभ नहीं उठा पाते हैं। अब इन श्रमिकों के बीच में से ही कुछ लोगों को श्रमिक मित्र के रूप में नियुक्त किया जाएगा। वे अपने साथियों को इन कार्यक्रमों की जानकारी दे सकेंगे, जिन्हें सरकार के द्वारा उनकी भलाई के लिए चलाया जा रहा है। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के बाद ज्यादा से ज्यादा श्रमिक सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।

कंस्ट्रक्शन बोर्ड से रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को दिल्ली सरकार से निम्नलिखित सुविधाएं मिलती हैं जिनका लाभ श्रमिकों के द्वारा उठाया जा सकता है। श्रमिकों को दिल्ली सरकार से मिलने मिलने वाली सहायता के तहत घर निर्माण के लिए तीन लाख से पांच लाख रुपये, मातृत्व लाभ में 30 हजार रुपये, टूल खरीदने के लिए 20 हजार रुपये का लोन व 5 हजार रुपये की सहायता राशि, श्रमिकों के प्राकृतिक मृत्यु पर एक लाख व दुर्घटना मृत्यु पर दो लाख की सहायता राशि, अपंग हो जाने पर एक लाख की सहायता राशि व 3 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन, बच्चों की स्कूली शिक्षा व उच्च शिक्षा के लिए 500 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह, श्रमिकों व उनके बच्चों के विवाह के लिए 35 हजार से 51 हजार रुपये की सहायता राशि, मेडिकल असिस्टेंस के लिए 2000 रुपये, वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 3000 रुपये प्रतिमाह (हर साल 300 रुपये की वृद्धि) की सहायता राशि दी जाती है।

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