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GNIM College News : बीसीए विभाग ने सूरजकुंड मेले की यात्रा से छात्रों को दिया पारंपरिक कला और संस्कृति का अनुभव, व्यवसायिक कौशल भी सिखाया!

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (जीएनआईएम) के बीसीए विभाग ने एक यादगार और शैक्षिक यात्रा का आयोजन किया, जिसमें छात्रों को पारंपरिक सूरजकुंड मेले में ले जाया गया। इस यात्रा का उद्देश्य न केवल भारतीय संस्कृति, कला और हस्तशिल्प को समझना था, बल्कि छात्रों को व्यवसाय, विपणन और उद्यमिता के प्रति प्रेरित करना भी था।

एक अद्भुत शैक्षिक यात्रा की शुरुआत

सूरजकुंड मेला, जो हर साल एक बड़े आयोजन के रूप में जाना जाता है, एक ऐसा मंच है जहां भारत के विभिन्न कोनों से आने वाले कारीगर अपनी कला और शिल्प का प्रदर्शन करते हैं। यह मेला दुनिया भर के हस्तशिल्प और सांस्कृतिक धरोहर को संजोता है, जो भारतीयता की अमूल्य पहचान है। इस मेले की यात्रा को लेकर बीसीए विभाग के छात्रों में एक अद्भुत उत्साह था, क्योंकि यह एक ऐसा मौका था जहां वे न केवल अपनी पाठ्यपुस्तकों से बाहर जाकर वास्तविक दुनिया का अनुभव प्राप्त कर सकते थे, बल्कि पारंपरिक कला रूपों और शिल्प के बारे में भी गहरी समझ हासिल कर सकते थे।

संस्था के प्रमुख और मार्गदर्शक
इस महत्वपूर्ण आयोजन का नेतृत्व श्री संजीव कुमार (एचओडी बीसीए), डॉ. सरू बाजवा, सुश्री रूमा सिंह, सुश्री योगिता कौशल, और श्री शिवम अग्रवाल ने किया। इसके अलावा, इस यात्रा के आयोजन में प्रधानाचार्य डॉ. सुशांत पांडे और प्रोफेसर अन्नू बहल के मार्गदर्शन का भी महत्वपूर्ण योगदान था। माननीय अध्यक्ष श्री बी. एल. गुप्ता जी ने आशीर्वाद देकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

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बीसीए विभाग ने सूरजकुंड मेले की यात्रा से छात्रों को दिया पारंपरिक कला

मेला यात्रा का उद्देश्य और सार्थकता

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य छात्रों को भारतीय कला और संस्कृति से अवगत कराना था, ताकि वे अपनी सांस्कृतिक पहचान को समझ सकें। साथ ही, इस अवसर का लाभ उठाते हुए छात्रों को व्यवसायिक कौशल सीखने का भी मौका मिला। सूरजकुंड मेला में विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प, बुनाई तकनीकें, और स्वदेशी कला रूपों का प्रदर्शन किया गया था, जिनसे छात्रों को पारंपरिक कारोबार की प्रक्रिया को समझने का अवसर मिला।

बीसीए छात्रों ने मेले में हस्तनिर्मित शिल्प, काष्ठ कला, पेंटिंग्स, मिट्टी के बर्तन, और अन्य पारंपरिक कलाओं का अवलोकन किया। वे इन कारीगरों से संवाद करते हुए ब्रांडिंग, विपणन और प्रोडक्ट सेल्स से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर रहे थे, जिससे वे आने वाले समय में उद्यमिता के क्षेत्र में खुद को और बेहतर तरीके से स्थापित कर सकें।

उद्यमिता और पारंपरिक व्यवसायों पर रोशनी

सूरजकुंड मेला केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं था, बल्कि यह छात्रों के लिए एक व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण था। छात्रों को यह जानने का अवसर मिला कि कैसे पारंपरिक हस्तनिर्मित उत्पाद आधुनिक व्यापारिक दुनिया में अपनी जगह बना सकते हैं। मेले में छात्रों को उन कारीगरों से मिलने का मौका मिला, जिन्होंने पारंपरिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचाना। यह छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव था, जिसमें उन्होंने समझा कि कैसे स्थानीय उत्पाद को वैश्विक बाज़ार में बिक्री के लिए उपयुक्त बनाया जा सकता है।

इस यात्रा के दौरान छात्रों ने यह भी सीखा कि उद्यमिता केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह छोटे कस्बों और गाँवों तक फैली हुई है। ब्रांडिंग और विपणन की सही समझ के साथ, पारंपरिक व्यवसायों को भी सफलता प्राप्त हो सकती है। यह छात्रों को उनके व्यवसायिक दृष्टिकोण को और व्यापक बनाने के लिए प्रेरित करने वाला अनुभव था।

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एक उज्जवल भविष्य की दिशा में कदम

इस यात्रा ने छात्रों को व्यवसाय और उद्यमिता के महत्व को समझाने के साथ-साथ यह भी दिखाया कि कैसे पारंपरिक और आधुनिकता का समावेश करके एक नई दिशा प्राप्त की जा सकती है। सूरजकुंड मेले के दौरान छात्र न केवल सांस्कृतिक विविधता से रूबरू हुए, बल्कि उन्होंने व्यवसायिक कौशल और विपणन के मूल तत्वों को भी सीखा।

इस यात्रा ने छात्रों को अपने क्षितिज को विस्तृत करने और एक उज्जवल भविष्य की दिशा में साहसिक कदम उठाने के लिए एक प्रेरणादायक मंच प्रदान किया। छात्रों ने मेले के दौरान हर पहलू पर चर्चा की, जिसमें लोक कला, हस्तशिल्प, विपणन रणनीतियाँ, और व्यवसाय शामिल थे।

आगे का रास्ता और आने वाले आयोजन

सूरजकुंड मेले की यात्रा की सफलता के बाद, बीसीए विभाग अब इस तरह के और भी शैक्षिक और प्रेरणादायक कार्यक्रमों की योजना बना रहा है, जिनसे छात्रों को न केवल अपनी शैक्षिक यात्रा को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा, बल्कि वे व्यावसायिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी समृद्ध हो सकेंगे।

शिक्षक और छात्रों की संयुक्त टीम इस यात्रा को एक अविस्मरणीय अनुभव मानते हैं और भविष्य में ऐसे कई अन्य शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना पर विचार कर रही है।

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