GNIOT MBA News : "जीएनआईओटी एमबीए संस्थान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता और नाटकीय मंचन, छात्रों ने दिखाया शानदार प्रदर्शन"

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
नॉलेज पार्क-2 स्थित जीएनआईओटी एमबीए संस्थान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं नाटकीय मंचन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों, संघर्ष और उपलब्धियों को उजागर करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डॉ. अंशुल शर्मा ने किया, जिन्होंने महिलाओं के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की नारी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है, बल्कि हर कठिनाई को पार कर सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है।
वाद-विवाद प्रतियोगिता: तर्कों की टक्कर में दिखी छात्रों की बेहतरीन सोच
कार्यक्रम की पहली प्रतियोगिता वाद-विवाद थी, जिसमें मैनेजमेंट के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस दौरान दहेज प्रथा उन्मूलन, बाल विवाह, कृषि क्षेत्र में महिलाओं का योगदान जैसे गंभीर विषयों पर गहन चर्चा हुई।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों ने प्रभावशाली तर्कों और आंकड़ों के साथ अपने पक्ष को मजबूती से प्रस्तुत किया, जिससे दर्शकों को गहरी सामाजिक सोच और जागरूकता का अनुभव हुआ।

प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे:
✅ प्रथम स्थान – राधा (इंटिग्रेटिड एमबीए द्वितीय वर्ष)
✅ द्वितीय स्थान – अंकुर (इंटिग्रेटिड एमबीए तृतीय वर्ष)
✅ तृतीय स्थान – आकाश अत्री (इंटिग्रेटिड एमबीए तृतीय वर्ष)
निर्णायकों ने सभी प्रतिभागियों की भाषण क्षमता, तथ्यात्मक सटीकता और प्रस्तुति कौशल के आधार पर अंक दिए।
नाटकीय मंचन: ऐतिहासिक और आधुनिक परिप्रेक्ष्य में नारी शक्ति का प्रदर्शन
वाद-विवाद प्रतियोगिता के बाद छात्रों द्वारा महिला सशक्तिकरण और सामाजिक चुनौतियों पर नाटकीय मंचन प्रस्तुत किए गए। नाटक के विषय थे:
🎭 “सीता की अग्निपरीक्षा” – जिसमें रामायण की एक महत्वपूर्ण घटना को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया।
🎭 “द्रौपदी का चीरहरण” – महाभारत के इस प्रकरण के माध्यम से महिलाओं के सम्मान और अधिकारों का संदेश दिया गया।
🎭 “आज की नारी” – जिसमें आधुनिक समाज में महिलाओं की स्थिति और संघर्ष को उकेरा गया।
इंटिग्रेटिड एमबीए तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत “विपरीत परिस्थितियों और कठिनाइयों के बावजूद महिलाओं की सफलता” विषय पर आधारित नाटक को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया। इस नाटक ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से झकझोर दिया और हर किसी को महिला सशक्तिकरण की गहराई से समझ दी।

डायरेक्टर का संदेश: “नारी शक्ति को पहचानो, उसका सम्मान करो”
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अंशुल शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा:
“इस तरह के कार्यक्रम केवल प्रतियोगिता नहीं होते, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने का माध्यम भी होते हैं। आज की बेटियां जब भी अवसर पाती हैं, वे हर क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करती हैं। राजनीति हो, उद्योग जगत हो, खेल हो या शिक्षा – महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।”
उन्होंने इस तरह के आयोजनों को नियमित रूप से करने की जरूरत पर भी बल दिया, जिससे विद्यार्थियों को सामाजिक मुद्दों की समझ और प्रस्तुति कौशल में निपुणता हासिल हो सके।
सम्मान और पुरस्कार वितरण
इस अवसर पर विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से संस्थान के डीन डॉ. पंकज सिन्हा, विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमार, डॉ. सुशील मौर्य, डॉ. नक्षत्रेश, मिस करिश्मा, मिस शक्ति शुक्ला सहित सभी शिक्षकगण उपस्थित रहे।
सभी उपस्थितों ने प्रतियोगिता और नाटकीय मंचन की भूरी-भूरी प्रशंसा की और छात्रों के उत्साह को देखकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर जोर दिया।
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