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Swelling is coming in the wind pipe of the lungs of corona affected people, the coming 10 to 15 days may be difficult | कोरोना प्रभावित लोगों के लंग्स की विंड पाइप में आ रही है सूजन, आने वाले 10 से 15 दिन हो सकते हैं मुश्किल

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नई दिल्ली13 घंटे पहले

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प्रदूषण से बढ़ सकती है कि निमोनिया के मरीजों की संख्या, आईसीयू तक की पड़ जरूरत सकती है। -फाइल फोटो - Dainik Bhaskar

प्रदूषण से बढ़ सकती है कि निमोनिया के मरीजों की संख्या, आईसीयू तक की पड़ जरूरत सकती है। -फाइल फोटो

पराली जलाने और दिवाली पर पटाखों के चलते प्रदूषण और ज्यादा खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। इस प्रदूषण की वजह से लोगों में सांस लेने, लंग्स व हार्ट तक में समस्या आ रही है। इस संबंध में चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की सेकेंड वेव में जिन मरीजों के फेफड़ों पर गंभीर असर पड़ा, प्रदूषण की वजह से यह समय उन लोगों के लिए बेहद मुश्किल होने वाला है।

कोरोना प्रभावित लोगों के लंग्स की विंड पाइप की लाइनिंग में सूजन आ रही है। जिससे यह किसी भी इंफेक्शन से बेहद जल्दी संक्रमित हो सकते है। यह भी कहा जा रहा है कि आने वाले दस से 15 दिनों में निमोनिया के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ सकती है और आईसीयू तक की जरुरत पड़ सकती है। ऐसे लोगों को डॉक्टर प्रदूषण से बचाव और जांच की सलाह दे रहे है।

कोरोना की सेकेंड वेव के दौरान बड़ी संख्या में लोग ऐसे थे
वहीं डॉ. विवेका कुमार का कहना है कि कोरोना की सेकेंड वेव के दौरान बडी संख्या में लोग ऐसे थे, जिनके लंग्स पर काफी असर पड़ा था। काफी लोगों के लंग्स डेमेज हो गए थे। इस वक्त प्रदूषण की जो स्थिति है, उससे लंग्स और डेमेज हाे जाएंगे। इसका असर यह होगा कि सांस लेने में काफी परेशानी होगी ही, साथ ही निमोनिया होने को खतरा है।
मौजूदा हालत के अनुसार आने वाले दस से 15 दिनों में निमोनिया की पीक देखने को मिल सकती है। अस्पतालों में बड़ी संख्या में निमोनिया के मरीज होंगे, जिन्हें वैटिलेटर, आईसीयू की जरुरत पड़ेगी। निमोनिया इसलिए हो सकता है कि क्योंकि जब लंग्स डेमेज हो जाएंगे तो उसमें लिक्विड भरने के चांस रहते है और कई बार मबाद भी भर जाता है।

जिन लोगों को कोई समस्या नहीं थी, उन्हें भी सांस फूलने की परेशानी
डॉ अरविंद कुमार का कहना है कि जिन लोगों को कोई समस्या नहीं थी, उन्हें भी आजकल सांस फूलने की परेशानी हो रही है। स्वस्थ लोग भी दमा अस्थमा की चपेट में आ रहे है। तीन मंजिला इमारत की सीढ़िया चढ़ने पर जितनी सांस फूलनी चाहिए, उससे कही ज्यादा सांस फूल रही है। साथ ही प्रदूषण की वजह से लोगों के विंड पाइप की लाइनिंग में भी सूजन आ रही है। इस सूजन की वजह से व्यक्ति किसी भी तरह के वायरस से आसानी से संक्रमित हो सकता है।

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