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Noida News : नोएडा के डंपिंग ग्राउंड्स में लगने वाली आग बनी 'सुलगती समस्या', NCF ने ठोस नीति की मांग की, अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप!

नोएडा, रफ्तार टुडे। नोएडा में कूड़े के ढेरों में लगने वाली आग एक पुरानी लेकिन गंभीर समस्या बन चुकी है। हर साल गर्मी के मौसम में शहर के विभिन्न डंपिंग ग्राउंड्स और सार्वजनिक स्थलों पर आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं, जिससे जहरीला धुआं फैलता है और स्थानीय लोगों का जीवन प्रभावित होता है। इसके बावजूद नोएडा प्राधिकरण इस मुद्दे पर वर्षों से केवल आश्वासन ही देता आ रहा है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

अब इस गंभीर समस्या को लेकर नोएडा सिटीजन फोरम (NCF) ने उत्तर प्रदेश सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। फोरम का कहना है कि “यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो स्थिति और भयावह हो सकती है।”

जहरीला धुआं, दमघोंटू माहौल, बढ़ता प्रदूषण – आखिर कब मिलेगी राहत?

नोएडा में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेरों में अक्सर आग लगने की घटनाएं होती हैं, जिससे आसपास के इलाकों में जहरीला धुआं फैलता है। यह समस्या केवल पर्यावरणीय नुकसान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस धुएं में मौजूद जहरीले कण सांस की बीमारियों, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और आंखों में जलन जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।

बच्चे और बुजुर्ग इस प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। खासकर, सेक्टर 125, 135, 137, 150, 76, 78, और 121 जैसे इलाकों में रहने वाले लोग लगातार इस समस्या से परेशान हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कूड़ा जलाने से निकलने वाला धुआं उनके घरों में भर जाता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है।

NCF की सख्त चेतावनी – ठोस नीति बनाओ या आंदोलन के लिए तैयार रहो!

नोएडा सिटीजन फोरम (NCF) के महासचिव प्रशांत त्यागी ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि,

“नोएडा प्राधिकरण को बार-बार चेतावनी दी गई है कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए, लेकिन अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ता। भाजपा के वरिष्ठ नेता और नोएडा विधायक पंकज सिंह ने भी इस मुद्दे पर कई बार आवाज उठाई, लेकिन उनकी अपीलों को भी अनदेखा किया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि आखिर इन लापरवाह अधिकारियों को कौन बचा रहा है?

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NCF ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में नोएडा प्राधिकरण से जवाब तलब करे और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। फोरम ने सरकार से यह भी अपील की है कि इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए एक ठोस नीति बनाई जाए और उसे सार्वजनिक किया जाए, ताकि जनता को यह पता चल सके कि उनकी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

नोएडा प्राधिकरण पर उठे सवाल – आखिर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई?

नोएडा प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए प्रशांत त्यागी ने कहा,

“आखिर क्यों इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा? क्यों नहीं लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई होती? जब विधायक पंकज सिंह खुद इस मुद्दे को कई बार उठा चुके हैं, तो फिर भी इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया जा रहा?”

उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्राधिकरण की लापरवाही और भ्रष्टाचार का सीधा उदाहरण है। यदि समय रहते इस समस्या को नियंत्रित नहीं किया गया, तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

स्थानीय लोग बोले – प्रशासन सो रहा है, हमें खुद करनी होगी अपनी सुरक्षा!

नोएडा के सेक्टर 137 में रहने वाले विकास शर्मा ने कहा,

“रात के समय जब कूड़े में आग लगती है, तो हमारे घरों में जहरीला धुआं भर जाता है। बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत होती है। लेकिन प्रशासन केवल मूकदर्शक बना बैठा है।”

इसी तरह सेक्टर 78 की निवासी प्रीति अग्रवाल ने बताया,

“हमारे इलाके में कई बार आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन हर बार प्रशासन सिर्फ औपचारिकता निभाकर चला जाता है। कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। अगर इसी तरह चलता रहा, तो हमें खुद कोई समाधान निकालना पड़ेगा।”

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नोएडा सिटीजन फॉर्म

क्या कहती है पर्यावरणविदों की रिपोर्ट?

पर्यावरणविदों के अनुसार, कूड़े के ढेरों में लगने वाली आग से PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषक कण हवा में घुल जाते हैं, जो लंबे समय तक लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव डालते हैं। खासकर दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पहले से ही गंभीर स्तर पर है, और ऐसी घटनाएं इसे और अधिक खराब कर रही हैं।

नोएडा की वायु गुणवत्ता पहले से ही कई बार खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है, और यदि समय रहते इस मुद्दे को हल नहीं किया गया, तो शहर को आने वाले समय में और भी बड़े पर्यावरणीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।

सरकार कब देगी जवाब?

NCF की मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई करे और एक ठोस नीति बनाए। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नोएडा प्राधिकरण को मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन करना चाहिए।

यदि जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो NCF ने संकेत दिया है कि वह बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन और कानूनी कार्रवाई की ओर बढ़ सकता है।

जनता की उम्मीदें सरकार से – कब मिलेगा समाधान?

नोएडा की जनता अब इस समस्या से निजात चाहती है। लोग सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही डंपिंग ग्राउंड्स में आग लगने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

रफ्तार टुडे इस मुद्दे पर नजर बनाए रखेगा और आगे की जानकारी आपको देता रहेगा।


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