संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 29 नवंबर को संसद में जाने के एलान से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी हुई हैं। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत होगी। उसमें धान की खरीद और लखीमपुर घटना पर रणनीति बनेगी।
29 नवंबर को 30 ट्रैक्टर-ट्रॉली पर 500 किसान टीकरी बॉर्डर और यूपी गेट के रास्ते दिल्ली संसद की तरफ कूच करेंगे। किसान सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस करने और एमएसपी पर गारंटी देने की मांग करेंगे। वहीं, यूपी गेट पर किसान पदाधिकारियों के बीच महापंचायत को लेकर रणनीति बनी।
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि एसकेएम ने 22 से 29 नवंबर तक के कार्यक्रम तय किए हैं। 22 को लखनऊ में महापंचायत होगी। इसके बाद 26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस दिन चार राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब को छोड़कर अन्य बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग होगी। इन चार राज्यों को इसलिए छोड़ा गया है कि यह दिल्ली के आसपास हैं और यहां पहले से आंदोलन चल रहा है।
अभी तक आंदोलन का समाधान न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार कुछ ज्यादा ही सख्त है। जो वह देश के अन्नदाता की आवाज को सुनना नहीं चाहती है। लेकिन किसान भी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर बैठे हुए हैं। सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यदि वह शर्मदार है तो आंदोलन को एक साल पूरे होने से पहले ही तीन कानूनों को वापस लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून बना दे।
ट्रैक्टर लेकर दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से अभी संपर्क नहीं हुआ है। लेकिन 30 ट्रैक्टरों के साथ 500 किसान संसद जाकर अपनी बात रखेंगे। पुलिस अधिकारियों से भी वार्ता की जाएगी। सरकार जब तक बातचीत नहीं करेगी, तब तक आंदोलन का समाधान नहीं होगा। बिना न्याय के किसान वापस घर नहीं जाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 29 नवंबर को संसद में जाने के एलान से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी हुई हैं। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत होगी। उसमें धान की खरीद और लखीमपुर घटना पर रणनीति बनेगी।
29 नवंबर को 30 ट्रैक्टर-ट्रॉली पर 500 किसान टीकरी बॉर्डर और यूपी गेट के रास्ते दिल्ली संसद की तरफ कूच करेंगे। किसान सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस करने और एमएसपी पर गारंटी देने की मांग करेंगे। वहीं, यूपी गेट पर किसान पदाधिकारियों के बीच महापंचायत को लेकर रणनीति बनी।
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि एसकेएम ने 22 से 29 नवंबर तक के कार्यक्रम तय किए हैं। 22 को लखनऊ में महापंचायत होगी। इसके बाद 26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस दिन चार राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब को छोड़कर अन्य बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग होगी। इन चार राज्यों को इसलिए छोड़ा गया है कि यह दिल्ली के आसपास हैं और यहां पहले से आंदोलन चल रहा है।
अभी तक आंदोलन का समाधान न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार कुछ ज्यादा ही सख्त है। जो वह देश के अन्नदाता की आवाज को सुनना नहीं चाहती है। लेकिन किसान भी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर बैठे हुए हैं। सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यदि वह शर्मदार है तो आंदोलन को एक साल पूरे होने से पहले ही तीन कानूनों को वापस लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून बना दे।
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