Corruption Free India News : "जब सड़क बन गई हादसों की वजह, तो गड्ढों में लगाए पेड़!, ग्रेटर नोएडा में करप्शन के खिलाफ अनोखा विरोध, ठेकेदारों और अफसरों को भेजो जेल!", देशभर में बनी चर्चा का विषय

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे ब्यूरो।
एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात कर रही है, वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लापरवाहियों ने जनता को जानलेवा सड़कों का तोहफा दे दिया है। बात सिर्फ उखड़ी बजरी और गड्ढों की नहीं है, बात है उस भ्रष्ट तंत्र की जिसने जनता की जान की कीमत पर घटिया सड़कें बनाई और करोड़ों का खेल खेल लिया। इसी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने — वो भी एक बिल्कुल अनोखे अंदाज़ में।
गड्ढों में पेड़ लगाकर जताया विरोध, देशभर में बनी चर्चा का विषय
सामान्यत: विरोध-प्रदर्शन नारों और पोस्टरों के जरिए होता है, लेकिन इस बार सेक्टर-36 और सिग्मा फर्स्ट की बदहाल सड़कों पर गड्ढों में पौधे रोपकर विरोध किया गया। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बलराज हूंण के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने होली पब्लिक स्कूल के पास से 130 मीटर रोड को जोड़ने वाली सड़क पर बने गहरे खतरनाक गड्ढों में पेड़ लगाए, ताकि लोगों को यह दिखाया जा सके कि ये गड्ढे किसी खेत या बागवानी के लिए नहीं, बल्कि घातक लापरवाही के गवाह हैं।
5 साल चलने वाली सड़क 1 साल में टूटी – आखिर क्यों?
करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय और कुलबीर भाटी ने बताया कि सड़क निर्माण की मानक अवधि कम से कम 5 वर्ष होती है। लेकिन प्राधिकरण और ठेकेदारों की मिलीभगत से बनी ये सड़कें 1 साल में ही उखड़ रही हैं, जिससे न केवल पैदल यात्रियों को बल्कि खासतौर पर दो पहिया वाहन चालकों को खतरा बना रहता है। बजरी पर फिसलकर कई लोग घायल हो चुके हैं।
हर गड्ढे के पीछे भ्रष्टाचार की गहराई छुपी है
प्रवीण भारतीय ने स्पष्ट कहा – “इन गड्ढों की गहराई उतनी नहीं है जितनी इनके पीछे हो रहे भ्रष्टाचार की है। अधिकारी और ठेकेदार मिलकर घटिया सामग्री से सड़कें बना रहे हैं, फिर उन्हें देखकर मुंह फेर लेते हैं। ना निगरानी होती है, ना गुणवत्ता की जांच।” उन्होंने मांग की कि ऐसे अधिकारियों और ठेकेदारों को चिन्हित कर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए और जेल भेजा जाए।

प्रदर्शन ने खींचा लोगों का ध्यान, सोशल मीडिया पर भी छाए विरोध के दृश्य
इस विरोध की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। लोग कह रहे हैं – “शायद पौधे ही अब इन सड़कों को भरेंगे!” ट्विटर पर #PotholeProtest और #GreaterNoidaCorruption ट्रेंड करने लगे। आम जनता इस रचनात्मक विरोध को प्रशंसनीय और व्यंग्यात्मक दोनों बता रही है।
घटनास्थल पर मौजूद रहे संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता
इस विरोध प्रदर्शन में बलराज हूंण के साथ कुलबीर भाटी, पवन यादव, नीरज भाटी, विजय प्रताप सिंह, धर्मेंद्र भाटी, पुनीत भाटी, देवेंद्र नागर (क्यामपुर) और पुष्पेंद्र शर्मा जैसे दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने मिलकर गड्ढों में पौधे लगाए और प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाज़ी की।
अब सवाल – क्या कोई अफसर या ठेकेदार सस्पेंड होगा?
जनता अब यह सवाल कर रही है कि क्या यह विरोध भी बाकी मामलों की तरह कागज़ों में ही दब जाएगा, या फिर प्राधिकरण इस बार जिम्मेदारों पर कार्रवाई करेगा? क्या अधिकारियों की मिलीभगत की जांच की जाएगी? और क्या ठेकेदारों के लाइसेंस रद्द होंगे?
करप्शन फ्री इंडिया संगठन की चेतावनी – नहीं मानी बात, तो होगा बड़ा जन आंदोलन
प्रवीण भारतीय और बलराज हूंण ने चेतावनी दी है कि यदि प्राधिकरण ने अब भी सड़कों की गुणवत्ता नहीं सुधारी और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को जिला मुख्यालय तक ले जाया जाएगा। साथ ही हाईकोर्ट का रुख करने की भी चेतावनी दी गई है।
रफ्तार टुडे की राय – जनता को चाहिए जवाबदेही, सिर्फ जुमले नहीं
इस तरह के अनोखे विरोध यह बताते हैं कि आम जनता अब सिर्फ वादों और उद्घाटनों से नहीं, बल्कि ज़मीन पर दिखने वाले बदलाव से संतुष्ट होती है। प्राधिकरण को चाहिए कि वह ऐसी समस्याओं की नियमित जांच करे, ठेकेदारों का रिकॉर्ड देखे और सड़क निर्माण में पारदर्शिता लाए।
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