परीक्षित निर्भय, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 11 Nov 2021 05:13 AM IST
सार
मल्टी ऑर्गन फेलियर के मामले बढ़े, जवान और बुजुर्ग दोनों बराबर डेंगू की चपेट में।
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
कोरोना वायरस की तरह डेंगू भी एक ही मरीज को फिर से संक्रमित कर सकता है। अस्पतालों में कई मामले आए हैं, जिनमें मरीज को कुछ समय पहले डेंगू हुआ था, दोबारा संक्रमित होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। इनकी जांच में डेंगू का अलग स्ट्रेन मिला है।
आईएलबीएस अस्पताल के निदेशक डॉ. एसके सरीन का कहना है कि डेंगू के चार सीरो टाइप स्ट्रेन होते हैं, मरीजों में अभी जो स्ट्रेन मिले हैं, वह बेहद खतरनाक हैं। किसी को पहले डेंगू हुआ है, तो उन्हें दूसरे सीरो टाइप स्ट्रेन का संक्रमण हो सकता है। ऐसे करीब पांच से छह मामले देखने को मिले हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ. नवल ने भी यही बात कही है। उन्होंने बताया कि डेंगू का संक्रमण मरीज को दो बार हो सकता है। इस समय स्थिति काफी गंभीर है। कई ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं, जिनमें डेंगू के कारण शरीर के दूसरे अंग प्रभावित होने लगते हैं। इस स्थिति को मल्टी ऑर्गन फेलियर माना जाता है, जिसमें मरीज के बचने की संभावना बहुत कम रह जाती है।
सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. अतुल गोगिया ने बताया कि अस्पतालों में बिस्तरों का संकट बरकरार है। पिछले करीब एक महीने में डेंगू संक्रमण के सैंकड़ों मरीज इलाज के लिए उनके यहां पहुंच चुके हैं। हालात ऐसे हैं कि बिस्तर न होने पर मरीज को स्ट्रेचर पर रखना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि डेंगू का संक्रमण सभी आयुवर्ग में दिखाई दे रहा है। जवान से लेकर बुजुर्ग तक इससे संक्रमित हो रहे हैं। आसपास के राज्यों से आने वाले कई मरीजों की हालत गंभीर देखने को मिल रही है।
साल 2015 में डेंगू था घातक
आचार्य भिक्षु अस्पताल के डॉ. हृदयेश का कहना है कि साल 2015 में बड़े पैमाने पर डेंगू का प्रकोप देखा गया था। अक्तूबर माह में ही कुल मामलों की संख्या 10600 को पार कर गई थी, आंकड़ों के लिहाज से 1996 के बाद 2015 में दिल्ली में सबसे ज्यादा मच्छर जनित बीमारियां फैली थीं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
- इस साल 30 अक्तूबर तक मलेरिया के 160, चिकनगुनिया के 81 मामले।
- इस साल 30 अक्तूबर तक डेंगू के 2708 मामले, नौ मौतें।
- बीते सात दिन में 1171 लोग डेंगू की चपेट में आए।
- साल 2017 में डेंगू ने 2022 लोगों को बीमार किया, तीन साल बाद संख्या बढ़ी।
विस्तार
कोरोना वायरस की तरह डेंगू भी एक ही मरीज को फिर से संक्रमित कर सकता है। अस्पतालों में कई मामले आए हैं, जिनमें मरीज को कुछ समय पहले डेंगू हुआ था, दोबारा संक्रमित होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। इनकी जांच में डेंगू का अलग स्ट्रेन मिला है।
आईएलबीएस अस्पताल के निदेशक डॉ. एसके सरीन का कहना है कि डेंगू के चार सीरो टाइप स्ट्रेन होते हैं, मरीजों में अभी जो स्ट्रेन मिले हैं, वह बेहद खतरनाक हैं। किसी को पहले डेंगू हुआ है, तो उन्हें दूसरे सीरो टाइप स्ट्रेन का संक्रमण हो सकता है। ऐसे करीब पांच से छह मामले देखने को मिले हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ. नवल ने भी यही बात कही है। उन्होंने बताया कि डेंगू का संक्रमण मरीज को दो बार हो सकता है। इस समय स्थिति काफी गंभीर है। कई ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं, जिनमें डेंगू के कारण शरीर के दूसरे अंग प्रभावित होने लगते हैं। इस स्थिति को मल्टी ऑर्गन फेलियर माना जाता है, जिसमें मरीज के बचने की संभावना बहुत कम रह जाती है।
सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. अतुल गोगिया ने बताया कि अस्पतालों में बिस्तरों का संकट बरकरार है। पिछले करीब एक महीने में डेंगू संक्रमण के सैंकड़ों मरीज इलाज के लिए उनके यहां पहुंच चुके हैं। हालात ऐसे हैं कि बिस्तर न होने पर मरीज को स्ट्रेचर पर रखना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि डेंगू का संक्रमण सभी आयुवर्ग में दिखाई दे रहा है। जवान से लेकर बुजुर्ग तक इससे संक्रमित हो रहे हैं। आसपास के राज्यों से आने वाले कई मरीजों की हालत गंभीर देखने को मिल रही है।
साल 2015 में डेंगू था घातक
आचार्य भिक्षु अस्पताल के डॉ. हृदयेश का कहना है कि साल 2015 में बड़े पैमाने पर डेंगू का प्रकोप देखा गया था। अक्तूबर माह में ही कुल मामलों की संख्या 10600 को पार कर गई थी, आंकड़ों के लिहाज से 1996 के बाद 2015 में दिल्ली में सबसे ज्यादा मच्छर जनित बीमारियां फैली थीं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
- इस साल 30 अक्तूबर तक मलेरिया के 160, चिकनगुनिया के 81 मामले।
- इस साल 30 अक्तूबर तक डेंगू के 2708 मामले, नौ मौतें।
- बीते सात दिन में 1171 लोग डेंगू की चपेट में आए।
- साल 2017 में डेंगू ने 2022 लोगों को बीमार किया, तीन साल बाद संख्या बढ़ी।
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