गाजियाबादएक घंटा पहले
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गाजियाबाद में जगह-जगह कूड़ा जला
एनसीआर के जनपदों की एयर क्वालिटी पिछले 10 दिन से खराब है। स्थिति यह है कि यहां का एक्यूआई सबसे खराब श्रेणी में पहुंच रहा है। ऐसे में अस्पतालों में सांस के रोगी बढ़ गए हैं। गाजियाबाद के एमएमजी जिला अस्पताल में पहले रोजाना सांस के 20-25 मरीज आते थे, अब इनकी संख्या 40 पार पहुंच गई है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, गुरुवार को पूरे देश में सबसे खराब एयर क्वालिटी गाजियाबाद जिले की रही। यहां का एक्यूआई 461 दर्ज किया गया। सबसे खराब श्रेणी में आगरा, बागपत, दिल्ली, बुलंदशहर, ग्रेटर नोएडा, हापुड़, नोएडा और वृंदावन भी शामिल हैं। गाजियाबाद में एयर क्वालिटी की यह स्थिति दिवाली से पहले से बनी हुई है। हर बाद पराली के चलते प्रदूषण का शोर मचता था, लेकिन इस बार पराली जलाने की घटनाओं में कमी आने के बावजूद एयर क्वालिटी खराब बनी हुई है।
गाजियाबाद कलक्ट्रेट में वायु प्रदूषण को लेकर अफसरों की बैठक हुई।
PCB ने कहा- वाहनों की धूल और धुएं से प्रदूषण
वायु प्रदूषण कम करने के संबंध में गाजियाबाद कलक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को एक बैठक हुई। पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने बताया कि गाजियाबाद में चार एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन संचालित हैं। इनसे एक्यूआई मापा जाता है। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण की मुख्य वजह परिवहन क्षेत्र में होने वाली धूल और ट्रांस बाउंड्री पॉल्यूशन है जो एडवर्स मेट्रोलॉजिकल कंडीशन के कारण डिस्पर्स नहीं हो पा रहे हैं। पीसीबी ऑफिसर के मुताबिक, 10 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं, जहां वायु प्रदूषण पर जुर्माना लगाया गया है और एनजीटी केा रिपोर्ट भेजी गई है। डीएम ने रोड स्वीपिंग व जल छिड़काव निरंतर कराने का निर्देश बैठक में दिया।
नोएडा में प्रदूषण फैला रहे खटारा वाहनों को सीज करने की कार्रवाई हुई है।
नोएडा में परिवहन विभाग की बड़ी कार्रवाई
नोएडा जिले के परिवहन विभाग ने वायु प्रदूषण के मद्देनजर 10 और 11 नवंबर को अभियान चलाया। इसमें बिना वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र के संचालित हो रहे 71 वाहनों, बिना ढके निर्माण सामग्री ले जा रहे 13 वाहनों, ओवरलोड 15 वाहनों और अनाधिकृत रूप से चल रहे 11 वाहनों के विरुद्ध चालान/बंद की कार्रवाई की गई। इसके अलावा पुराने 17 वाहनों को सीज करके सेक्टर-62 नोएडा के डी पार्क में खड़ा करा दिया गया।