गाजियाबादएक घंटा पहले
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गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत।
संयुक्त किसान मोर्चा का घटक संगठन 14 नवंबर को यूपी के पीलीभीत जिला स्थित पूरनपुर में किसान सभा करेगा। इसको ‘लखीमपुर न्याय महापंचायत’ नाम दिया गया है। इस सभा में एसकेएम के कई नेता दिल्ली के बॉर्डरों से जाएंगे। तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी नहीं होने के विरोध में यह सभा आयोजित की जा रही है।
इधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने लखनऊ में 22 नवंबर को आयोजित होने वाली किसान महापंचायत की तैयारी तेज कर दी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से भी किसान बसों व अन्य वाहनों से लखनऊ महापंचायत में जाएंगे। लखनऊ महापंचायत संपन्न होते ही 26 नवंबर की तैयारी शुरू हो जाएगी। इस दिन दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसानों के धरने को एक साल पूरा होने जा रहा है। 26 को गाजीपुर, सिंघु, टीकरी और शाहजहांपुर बॉर्डरों पर बड़ी सभाएं बुलाई गई हैं।
29 नवंबर से 500 किसानों का जत्था ट्रैक्टरों से रोजाना संसद भवन तक जाएगा, जहां शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। लखनऊ महापंचायत, किसान आंदोलन की बरसी और संसद मार्च के लिए एसकेएम व उनके घटक संगठन लगातार बैठकें कर रहे हैं।
टिकैत ने कहा- गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा चौकियां बनाई जाएं
गाजीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार को एक बैठक करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने धरनास्थल की सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे पर एक तरफ का ट्रैफिक खुला हुआ है। पता नहीं कोई कुछ यहां फेंककर चला जाए। बाहर के लोग पता नहीं किस भेष में आ जाएं। इसलिए हमको धरनास्थल के नजदीक चौकियां बनानी पड़ेंगी। इन चौकियों पर छह-छह घंटे की ड्यूटी रहेगी। ड्यूटी देने वाले लोग छह घंटे तक जागेंगे। टिकैत ने कहा कि यह सेंसेटिव जोन है। हमें सारी चीजों से बचना है।