Breaking News : नोएडा में नदियों के किनारे फार्म हाउसों का 'सपनों का महल' अब बन गया मुसीबत का पहाड़, प्राधिकरण ने पकड़ी सख्ती की राह, एरियल मैपिंग से होगा भांडा फोड़, नोटिस की गूंज से कांपे अवैध निर्माण!

नोएडा, रफ्तार टुडे।
नोएडा में यमुना और हरनंदी नदियों के किनारे अवैध रूप से बनाए गए फार्म हाउसों पर अब बुलडोजर की आहट सुनाई देने लगी है। वर्षों से जो फार्म हाउस आलीशान पार्टियों और हरे-भरे लॉन की तस्वीरें पेश कर रहे थे, अब वे नोएडा प्राधिकरण की हिट लिस्ट में आ गए हैं। इस बार प्राधिकरण ने सिर्फ चेतावनी तक खुद को सीमित नहीं रखा है, बल्कि पूरे योजनाबद्ध तरीके से ‘डूब क्षेत्र’ में बने लगभग 250 फार्म हाउसों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
एरियल मैपिंग से होगा असली चेहरों का खुलासा
प्राधिकरण ने अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लेते हुए इन क्षेत्रों की एरियल मैपिंग शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य है — यह सुनिश्चित करना कि डूब क्षेत्र में कौन-कौन सी संरचनाएं बनी हैं, कितना क्षेत्र कब्जा किया गया है और कहां पर नए निर्माण हो रहे हैं। इन जानकारियों के आधार पर पहले फेज में 250 फार्म हाउसों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
किन-किन सेक्टरों में है सबसे ज्यादा अवैध निर्माण?
नोएडा के सेक्टर-94, 124, 125, 127, 128, 133, 134, 135, 137, 143, 143A, 146, 150, और 168 के साथ-साथ बहलोलपुर, शहदरा, सुथियाना, गढ़ी चौखड़ी और सेक्टर-118 व 123 जैसे क्षेत्रों में सबसे अधिक डूब क्षेत्र की भूमि पर फार्म हाउस बनाए गए हैं। इनमें से कुछ इलाकों में तो पुलिस भी कई बार छापेमारी कर चुकी है और व्यावसायिक उपयोग की गतिविधियों का खुलासा हो चुका है।
खेत की ज़मीन पर बना ‘कंक्रीट का जंगल’
सरकारी नियमों के अनुसार डूब क्षेत्र की भूमि पर केवल खेती की जा सकती है, वह भी सीमित उपयोग के तहत। लेकिन इन इलाकों में खेती के नाम पर आलीशान बंगले, स्वीमिंग पूल, पार्टी लॉन, बड़े-बड़े हॉल और यहां तक कि व्यवसायिक किराये पर दिए जाने वाले विला बना दिए गए हैं। यह पूरी तरह से अवैध और कानून का उल्लंघन है।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई, पर अब दोबारा बड़ी तैयारी
पिछले डेढ़ साल में प्राधिकरण 150 से अधिक फार्म हाउसों को ध्वस्त कर चुका है। कुछ मामलों में फार्म हाउस संचालकों ने कोर्ट की शरण भी ली, लेकिन कोर्ट ने निर्माण को वैध नहीं ठहराया। कई बार कार्रवाइयाँ कुछ समय के लिए रोक दी जाती हैं, लेकिन अब दोबारा योजना के तहत इन इलाकों पर कार्रवाई की रणनीति बनाई जा रही है।
प्रशासनिक टीम का गठन, एसडीएम लीड में कार्रवाई
इस अभियान के लिए एसडीएम के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई है, जिसमें लेखपाल, सिंचाई विभाग और अन्य संबद्ध विभागों के अधिकारी शामिल हैं। ये टीम क्षेत्र में जाकर जमीनी स्थिति की रिपोर्ट तैयार कर रही है, और जिन-जिन स्थानों पर अवैध निर्माण पाए जाएंगे, वहां सीधे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी।
डूब क्षेत्र के किनारों पर लगाए जाएंगे बड़े बोर्ड
नोएडा प्राधिकरण का यह भी प्लान है कि यमुना और हरनंदी के डूब क्षेत्रों में बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर लोगों को चेतावनी दी जाए कि यह भूमि बाढ़ क्षेत्र में आती है और यहां कोई निर्माण वैध नहीं है। इससे नए लोगों को जमीन खरीदने से रोका जा सकेगा और जनता में जागरूकता फैलेगी।

पुलिस रेड और अवैध पार्टियों पर शिकंजा
इन फार्म हाउसों में सिर्फ रहना ही नहीं, बल्कि अवैध पार्टियों और नशे के अड्डों का संचालन भी होता रहा है। पुलिस ने समय-समय पर यहां रेड की है और कई बार बड़ी मात्रा में शराब, डीजे और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। अब जब प्राधिकरण सख्ती के मूड में है, तो अवैध गतिविधियों की कमर भी तोड़ी जा सकती है।
फार्म हाउस संचालक सकते में, नया निर्माण सख्ती से प्रतिबंधित
हालांकि प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल पुराने निर्माणों को ध्वस्त करने की योजना सीमित है, लेकिन किसी भी प्रकार का नया निर्माण अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई ऐसा करता पाया गया, तो न केवल निर्माण तोड़ा जाएगा, बल्कि संबधित अधिकारी और जमीन मालिक पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
अब ‘फार्म हाउस का सपना’ बन सकता है ‘जेल की हवा’ का कारण
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि यमुना और हरनंदी के किनारे बिना सोचे-समझे फार्म हाउस बनाने वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। जहां पहले आलीशान जीवन का सपना देखा जा रहा था, अब वहां नोटिस, केस और ध्वस्तीकरण का डर मंडरा रहा है।
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