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Noida International Airport Chip Project : जेवर में 'चिप-चिप' होने वाली है नौकरियों की बरसात!, ₹3700 करोड़ के खर्चे से बनेगा सेमीकंडक्टरों का स्वर्ग, नोएडा एयरपोर्ट के बगल में मचेगी 'सिलिकॉन' की धूम!!"

नोएडा/जेवर, रफ़्तार टुडे। अरे वाह! उत्तर प्रदेश के जेवर में होने वाला है एक ऐसा धमाका, जिससे नौकरियों की तो लग जाएगी झमाझम बरसात! जी हां, खबर एकदम पक्की है, भारत सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है यूपी के पहले और देश के छठे सेमीकंडक्टर पार्क को बनाने की। और यह पार्क कहां बनेगा? आपके चहेते जेवर में, यमुना एक्सप्रेसवे के इंडस्ट्रियल एरिया के सेक्टर-10 और सेक्टर-28 में! मतलब, अब जेवर सिर्फ एयरपोर्ट के लिए ही नहीं, बल्कि ‘चिप’ बनाने के हब के तौर पर भी जाना जाएगा। और सरकार इसमें कितना पैसा फूंकने वाली है? पूरे ₹3700 करोड़! सोचिए, इतने पैसे में तो कितने सारे समोसे आ जाएं, लेकिन सरकार सोच रही है प्रदेश को टेक्नोलॉजी का बादशाह बनाने की।

यह जो सेमीकंडक्टर पार्क बनने जा रहा है ना, यह कोई मामूली बात नहीं है। यह उत्तर प्रदेश के लिए टेक्नोलॉजी के दरवाजे खोलने जैसा है। अभी तक तो हम लोग ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते ही थे, लेकिन अब यूपी में ही यह सब बनना शुरू हो जाएगा। और इसका सबसे बड़ा फायदा किसको होगा? हमारे नौजवानों को! अब उन्हें बेंगलुरु और चेन्नई के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे नौकरियों के लिए। अपने ही प्रदेश में, अपने घर के पास ही मिलेगी हाई-फाई नौकरी, वो भी सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनी में! सोचिए, कैसा लगेगा जब आपका बेटा या बेटी कहेगा, “मम्मी-पापा, मैं तो अब चिप बनाता हूं!” एकदम छाती चौड़ी हो जाएगी।

अब आप सोच रहे होंगे कि यह सेमीकंडक्टर पार्क जेवर में ही क्यों? इसकी भी एक खास वजह है। जेवर में बन रहा है एकदम ब्रांड न्यू, चकाचक इंटरनेशनल एयरपोर्ट। और यह पार्क उस एयरपोर्ट से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर होगा! मतलब, कंपनियों के लिए कच्चा माल लाना और तैयार माल को दुनिया के कोने-कोने में भेजना कितना आसान हो जाएगा! जैसे घर के बगल में ही सब्जी मंडी हो, तो सामान लाने में क्या दिक्कत? वैसे ही, एयरपोर्ट के बगल में कंपनी होगी तो माल इधर से उधर करने में कोई परेशानी नहीं। और हां, विदेशी कंपनियों की भी तो नजरें रहेंगी इस पर। जब देखेंगे कि एयरपोर्ट इतना पास है, तो वे भी सोचेंगे, “चलो, जेवर में ही अपनी फैक्ट्री लगा लेते हैं!” इससे क्या होगा? और भी ज्यादा निवेश आएगा, और भी ज्यादा नौकरियां मिलेंगी।

अब बात करते हैं सरकारी ‘लॉलीपॉप’ की, मतलब उन रियायतों की जो सरकार निवेशकों को देने वाली है। यूपी सरकार तो एकदम दिल खोलकर बैठी है निवेशकों का स्वागत करने के लिए। जो भी सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनी जेवर में जमीन खरीदेगी, उसे जमीन की कीमत में 75 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी! सोचिए, अगर जमीन ₹100 की है तो आपको सिर्फ ₹25 देने पड़ेंगे! बाकी ₹75 तो सरकार देगी! है ना कमाल की बात? और सिर्फ इतना ही नहीं, जो कंपनियां कंपाउंड सेमीकंडक्टर, सेंसर, एटीएमपी (असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग) और दूसरी नई-नई टेक्नोलॉजी पर काम करेंगी, उन्हें तो और भी ज्यादा स्पेशल छूट मिलेगी। मतलब, सरकार चाहती है कि एकदम लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाली कंपनियां यूपी में आएं और यहां पर अपना अड्डा जमाएं।

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यमुना प्राधिकरण पर प्रस्तावित जमीन

बिजली तो आजकल हर कंपनी की जान होती है। बिना बिजली के तो पंखा भी नहीं चलता, तो फैक्ट्री कैसे चलेगी? इसीलिए यूपी सरकार ने बिजली के मामले में भी निवेशकों को बड़ी राहत दी है। अगर कोई कंपनी दूसरे राज्यों से बिजली खरीदती है, तो उसे 25 साल तक ट्रांसमिशन और व्हीलिंग शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी! मतलब, बिजली का बिल भी आधा! इससे कंपनियों का खर्चा कम होगा और वे ज्यादा माल बना पाएंगी, जिससे बाजार में मुकाबला भी बढ़ेगा और चीजें सस्ती भी हो सकती हैं।और सुनिए, अभी तो और भी पिटारे खुलने बाकी हैं! जो भी निवेशक जेवर में अपनी कंपनी लगाएगा, उसे स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में भी 100 प्रतिशत की छूट मिलेगी! मतलब, जमीन खरीदते वक्त जो कागजी कार्रवाई होती है, उसका एक भी पैसा नहीं लगेगा। एकदम मुफ्त! और जो छोटे-मोटे निवेशक हैं, उनके लिए भी सरकार ने खास इंतजाम किया है। उन्हें हर साल अधिकतम ₹7 करोड़ तक की ब्याज सब्सिडी मिलेगी, वो भी 5 प्रतिशत की दर से। मतलब, अगर आपने बैंक से लोन लिया है तो सरकार उस पर ब्याज में भी मदद करेगी। यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि छोटे-छोटे व्यापारी भी आगे आएं और इस विकास की गंगा में डुबकी लगाएं।

अब जरा सोचिए, जब इतना सब कुछ होगा तो उत्तर प्रदेश का तकनीकी भविष्य कैसा होगा? एकदम रॉकेट की तरह उड़ेगा! HCL और फॉक्सकॉन जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां पहले से ही यूपी में काम कर रही हैं, और अब यह सेमीकंडक्टर पार्क बनने के बाद तो यहां पर टेक्नोलॉजी का एकदम मेला लग जाएगा। उम्मीद है कि 2027 तक तो यहां पर चिप्स का कमर्शियल प्रोडक्शन भी शुरू हो जाएगा। और कितना प्रोडक्शन होगा? हर महीने 3.6 करोड़ चिप्स! सुनकर तो आंखें चौंधिया गईं ना? इतने सारे चिप्स बनेंगे तो क्या होगा?

हम लोग जो मोबाइल, लैपटॉप और दूसरी इलेक्ट्रॉनिक चीजें खरीदते हैं, उनके लिए हमें दूसरे देशों पर कम निर्भर रहना पड़ेगा। मतलब, भारत भी धीरे-धीरे सेमीकंडक्टर बनाने के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा!तो दोस्तों, जेवर में बनने वाला यह सेमीकंडक्टर पार्क सिर्फ एक फैक्ट्री नहीं है, यह उत्तर प्रदेश के युवाओं के सपनों को उड़ान देने का एक नया मंच है। यह राज्य को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने का एक मजबूत कदम है। और यह भारत को इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बनने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण योगदान देगा। अब बस इंतजार है उस दिन का, जब जेवर ‘चिप-चिप’ की आवाज से गूंजेगा और यहां के नौजवान गर्व से कहेंगे, “यह है मेरा उत्तर प्रदेश, टेक्नोलॉजी का पावरहाउस

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