Greater Noida Authority News : "ग्रेटर नोएडा के सादुल्लापुर में अवैध निर्माण का खेल!, जागरूक ग्रामीण की शिकायत पर भी प्राधिकरण मौन क्यों?", अवैध निर्माणकर्ताओं की 'रात की रणनीति' और अधिकारियों की चुप्पी

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
गौतम बुद्ध नगर जिले के गांव सादुल्लापुर में अवैध निर्माण का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। हैरानी की बात यह है कि यह सब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जानकारी में होते हुए भी जारी है। स्थानीय जागरूक ग्रामीण द्वारा की गई शिकायत और जनसुनवाई पोर्टल (IGRS) पर दर्ज संदर्भ संख्या 40014125012520 के बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासनिक चुप्पी और अधिकारियों की कथित मिलीभगत से यह मुद्दा गंभीर होता जा रहा है।
अवैध निर्माणकर्ताओं की ‘रात की रणनीति’ और अधिकारियों की चुप्पी
ग्रामीणों ने बताया कि खसरा संख्या 1095 पर कुछ लोग प्राधिकरण की अनुमति के बिना लगातार निर्माण कार्य कर रहे हैं।
स्थानीय फील्ड स्टाफ द्वारा मौके पर निरीक्षण कर काम को रोका गया, लेकिन कुछ समय बाद निर्माण कार्य रात्रि के अंधेरे में फिर से शुरू कर दिया गया।
यह स्पष्ट रूप से प्रशासनिक मुनाफाखोरी और लापरवाही का उदाहरण है। आखिर किसके इशारे पर यह सब हो रहा है? जब अवैध निर्माण की जानकारी प्राधिकरण को पहले से है, तो निर्णायक कार्रवाई अब तक क्यों नहीं हुई?
IGRS पर दर्ज शिकायत – सिर्फ औपचारिकता?
ग्रामीण द्वारा की गई शिकायत में स्पष्ट रूप से प्राधिकरण की जानकारी में निर्माण का जिक्र है, लेकिन जवाब में जो सफाई दी गई है, वह किसी रुटीन प्रक्रिया से अधिक कुछ नहीं लगती।
जवाब में कहा गया है कि:
“स्थलीय निरीक्षण में अवैध निर्माण पाया गया, जिसे रुकवाया गया था।
लेकिन देर रात पुनः निर्माण कार्य किया जा रहा है।
अभियंत्रण विभाग द्वारा सभी अवैध निर्माणकर्ताओं को नोटिस भेजे जा चुके हैं।”
अब सवाल यह उठता है कि नोटिस भेजने से क्या निर्माण रुक गया है? क्या यह फॉर्मलिटी भर है या कोई जिम्मेदार एक्शन भी तय होगा?
प्राधिकरण का रवैया संदेहास्पद
ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ प्राधिकरण अधिकारी ही इस अवैध निर्माण में परोक्ष रूप से सहयोग कर रहे हैं।
लोगों में यह चर्चा आम है कि बिना अंदरूनी सहमति के गांव की सरकारी भूमि पर कोई निर्माण संभव नहीं है।
वहीं कुछ लोग कहते हैं कि
“अगर प्राधिकरण वाकई में कार्रवाई चाहता, तो जेसीबी लेकर जाकर निर्माण ढहा चुका होता।”
प्रशासन से उठते सवाल
- अब तक निर्माण क्यों नहीं रोका गया पूरी तरह से?
- अवैध निर्माणकर्ताओं पर FIR क्यों नहीं दर्ज हुई?
- प्राधिकरण की अनुमति के बिना रात में काम चलाना किसकी जानकारी में है?
- क्या IGRS पर शिकायतें सिर्फ दिखावे के लिए ली जाती हैं?
मामले की जांच का अनुरोध – उच्चाधिकारियों से अपील
रफ़्तार टुडे मांग करता है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो।
@OfficialGNIDA @dmgbnagar @myogioffice @ChiefSecyUP से अपील है कि इस संदर्भ में:
- निर्माण की जगह पर तत्काल निरीक्षण कराया जाए।
- निर्माणकर्ता व सहयोगी अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
- IGRS पर दर्ज शिकायतों की निष्पक्ष जांच के लिए स्वतंत्र समिति बनाई जाए।

जागरूक ग्रामीणों की उम्मीदें अब मीडिया और न्यायपालिका पर
सादुल्लापुर गांव के जागरूक लोगों को अब प्रशासनिक व्यवस्था से कम और जनजागरण से ज्यादा उम्मीदें हैं। ग्रामीणों का मानना है कि जब तक मीडिया और जनता की नजर इन मामलों पर नहीं पड़ेगी, तब तक ऐसे अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार के खेल यूं ही चलते रहेंगे।
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