Sharda University News : "तंबाकू छोड़ो, जिंदगी से नाता जोड़ो!", शारदा यूनिवर्सिटी ने बिसरख में चलाया जागरूकता शिविर, मुंह के कैंसर और नशे के खिलाफ उठाई बुलंद आवाज

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।।
तंबाकू छोड़ने का समय अब आ गया है!
इसी संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर बिसरख क्षेत्र में एक विशेष जन जागरूकता शिविर का आयोजन किया, जिसका शुक्रवार को भव्य समापन हुआ।
स्वास्थ्य और संकल्प – शिविर का दोहरा उद्देश्य
इस शिविर का मुख्य उद्देश्य था –
✔️ स्थानीय निवासियों को तंबाकू के दुष्प्रभावों से अवगत कराना
✔️ मुंह की जांच व मौखिक स्वास्थ्य पर मुफ्त परामर्श देना
✔️ स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना और तंबाकू से दूर रहने की शपथ दिलाना
बड़ी संख्या में ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों से लोग इस शिविर में पहुंचे और मुफ्त जांच, दंत चिकित्सा परामर्श एवं जागरूकता सत्र का लाभ उठाया।
डीन डॉ. एम. सिद्धार्थ ने दी चेतावनी: “तंबाकू एक मूक हत्यारा है”
शिविर के समापन अवसर पर स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज के डीन डॉ. एम. सिद्धार्थ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा –
🗣️ “तंबाकू एक मूक हत्यारा है, जो सबसे पहले हमारे मुंह, मसूड़ों और शरीर पर हमला करता है। इससे दूरी बनाना ही स्वस्थ जीवन की पहली शर्त है। यह जागरूकता शिविर केवल एक दिन का प्रयास नहीं, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत है।”
उन्होंने बताया कि तंबाकू सेवन की वजह से भारत में हर साल लाखों लोगों की असमय मृत्यु हो जाती है, और यदि समय रहते लोग सचेत नहीं हुए तो हालात और भयावह हो सकते हैं।
मुफ्त दंत जांच और परामर्श से बढ़ा लोगों का भरोसा
शिविर में भाग लेने वाले लोगों को दंत चिकित्सकों द्वारा मुफ्त मौखिक जांच,
🪥 गम डिसीज़,
🦷 कैविटी,
🩺 माउथ कैंसर की प्रारंभिक पहचान,
और सही ब्रशिंग टेक्निक्स की जानकारी दी गई।
शिविर में मरीजों को न केवल बीमारी के बारे में बताया गया, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया गया कि कैसे नियमित देखभाल से इनसे बचा जा सकता है।
डॉ. स्वाति शर्मा के नेतृत्व में चला शिविर, युवाओं की टीम रही सक्रिय
इस शिविर का नेतृत्व डॉ. स्वाति शर्मा ने किया, जिनके मार्गदर्शन में पूरी टीम ने बेहतरीन कार्य किया।
उनके साथ मौजूद रहे:
- डॉ. साक्षी
- डॉ. फैसल
- डॉ. भूमिका
- डॉ. निष्ठा
- डॉ. ऋतु
- डेंटल इंटर्न्स की समर्पित टीम
इन्होंने लोगों को फेस-टू-फेस काउंसलिंग, स्लाइड प्रेजेंटेशन और लाइव डेमो के माध्यम से तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में समझाया।
तंबाकू और मुंह के कैंसर: सीधा संबंध
शिविर में यह खुलासा किया गया कि:
👉 तंबाकू चबाना या बीड़ी-सिगरेट पीना — मुंह के कैंसर, मसूड़ों की सूजन, दांतों की सड़न और सांसों की बदबू जैसे गंभीर रोगों का प्रमुख कारण है।
👉 40% से अधिक मौखिक कैंसर मरीजों का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन पाया गया है।
जनसमूह ने ली तंबाकू मुक्त जीवन की शपथ
कार्यक्रम के अंत में एक संकल्प समारोह आयोजित किया गया जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने तंबाकू का सेवन न करने और अपने परिवार व समाज को इसके दुष्परिणामों से बचाने का प्रण लिया।
✋ “ना तंबाकू लेंगे, ना लेने देंगे। नशे को हराएंगे, स्वस्थ समाज बनाएंगे!”
इस शपथ के साथ लोगों में नया आत्मविश्वास और स्वास्थ्य के प्रति सजगता का भाव देखा गया।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस: क्यों जरूरी है यह दिन?
हर साल 31 मई को “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य है –
🔹 लोगों को तंबाकू से जुड़े स्वास्थ्य खतरों के प्रति आगाह करना
🔹 तंबाकू उद्योग की मार्केटिंग रणनीतियों से सतर्क करना
🔹 युवा पीढ़ी को इस लत से बचाना
शारदा यूनिवर्सिटी का यह प्रयास इसी दिशा में एक प्रेरणादायक कदम बनकर सामने आया।
स्थानीय लोगों ने जताया आभार
शिविर में भाग लेने वाले स्थानीय लोगों ने शारदा यूनिवर्सिटी का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषय पर गाँव और कस्बे के लोगों तक पहुंच बनाकर एक सशक्त संदेश दिया।
कई प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होंने पहली बार जाना कि तंबाकू केवल कैंसर ही नहीं, हृदय रोग, फेफड़े की बीमारी और गर्भावस्था में जटिलताओं का भी कारण बन सकता है।
शारदा यूनिवर्सिटी की निरंतर स्वास्थ्य सेवा पहल
शारदा यूनिवर्सिटी केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि समय-समय पर स्वास्थ्य, स्वच्छता और समाजसेवा से जुड़ी पहल कर विश्वविद्यालय ने यह दिखाया है कि उसका विज़न “एकेडमिक एक्सीलेंस विद सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी” है।
डेंटल साइंसेज विभाग द्वारा आयोजित यह शिविर भी इसी विचारधारा की एक झलक थी।
🔚 निष्कर्ष – तंबाकू छोड़ें, जीवन अपनाएं
शारदा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह जागरूकता शिविर तंबाकू विरोधी मुहिम की दिशा में एक अहम प्रयास था।
यदि ऐसी पहलें देश के कोने-कोने में नियमित रूप से हों, तो एक दिन हम एक तंबाकू-मुक्त, स्वस्थ भारत की कल्पना को साकार होते देख सकेंगे।