Amity University News : बिल्डिंग द फ्यूचर ऑफ इंडिया, एमिटी यूनिवर्सिटी में महामहिम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया राष्ट्रीय कुलपति सम्मेलन का उद्घाटन, शिक्षा को बताया “राष्ट्रीय संपत्ति”, सांसद डॉ. महेश शर्मा ने दिया “राष्ट्रवाद और शिक्षा” पर विशेष व्याख्यान
डा. अशोक कुमार चौहान ने इस आयोजन को भारत की शिक्षा क्रांति के नाम समर्पित बताया और कहा "इस आयोजन से निकलने वाली ऊर्जा और दिशा भारत को शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरु बनाएगी।"

गौतम बुद्ध नगर, रफ़्तार टुडे।
भारत की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक नया अध्याय उस समय जुड़ गया जब एमिटी विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) की सौवीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय कुलपतियों का दो दिवसीय भव्य सम्मेलन आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत के महामहिम उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया और शिक्षा के राष्ट्र निर्माण में योगदान को एक “रणनीतिक राष्ट्रीय संपत्ति” बताया।
जब उपराष्ट्रपति बोले – शिक्षा समानता का सबसे शक्तिशाली उपकरण
उद्घाटन भाषण में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा –
“शिक्षा वो ताकत है जो समाज में गहराई से फैली असमानताओं को खत्म करती है। यह लोकतंत्र को जीवन देती है और युवा मस्तिष्कों में विचारों का क्रांतिकारी बीजारोपण करती है।”
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की तारीफ करते हुए कहा कि यह नीति भारतीयता के मूल तत्वों – सभ्यता, संस्कृति और समरसता – पर आधारित है और हमारे देश के शिक्षा परिदृश्य को तेजी से रूपांतरित कर रही है।
शिक्षा में नवाचार, राष्ट्रीयवाद और विश्वस्तरीय दृष्टिकोण का संगम
उपराष्ट्रपति ने भारत के प्राचीन शिक्षा संस्थानों – नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला – का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि भारत को अब केवल “पढ़ाने वाला” देश नहीं बल्कि “शिक्षा में अग्रणी” राष्ट्र बनना होगा।
“हम केवल पश्चिम के इनोवेशन को देखने वाले छात्र नहीं बने रह सकते। भारत के विश्वविद्यालयों को अब नवाचार, कल्पना और वैश्विक नेतृत्व का केंद्र बनना होगा।”
कुलपतियों की प्रेरक उपस्थिति
सम्मेलन में 300 से अधिक कुलपति शारीरिक रूप से और 200 से अधिक कुलपति वर्चुअली सम्मिलित हुए। मंच की गरिमा बढ़ाई कई दिग्गजों ने:
- डा. अशोक कुमार चौहान, संस्थापक अध्यक्ष, एमिटी शिक्षण समूह
- डा. महेश शर्मा, सांसद, गौतम बुद्ध नगर
- सुनील कुमार शर्मा, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री, यूपी सरकार
- डा. विनय कुमार पाठक, अध्यक्ष, भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU)
- डा. पंकज मित्तल, महासचिव, AIU
भारत – अवसरों, यूनिकॉर्न्स और स्टार्टअप्स की भूमि
उपराष्ट्रपति ने गर्व से कहा कि भारत आज विश्व में स्टार्टअप, यूनिकॉर्न और नवाचार का हब बन चुका है। हर मापदंड पर भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
“आईटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने जैसे फैसलों से उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेश का केंद्र बन रहा है।”
शिक्षा में शोध और बजट का ऐतिहासिक उछाल
AIU अध्यक्ष डॉ. विनय पाठक ने बताया कि
“2014 के बाद से शिक्षा बजट 68,700 करोड़ से बढ़कर 1.48 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। सिर्फ एक दशक में भारत के शिक्षा उद्योग ने 60% की वृद्धि दर्ज की है।”
भारत में अब तक 23 आईआईटी, 20 आईआईएम और 1,200 से अधिक विश्वविद्यालय हैं। यही नहीं, पेटेंट फाइलिंग भी दोगुनी हो चुकी है, जो हमारे देश को रिसर्च एंड इनोवेशन हब बना रहा है।
“एक पेड़ माँ के नाम” – उपराष्ट्रपति ने पौधारोपण कर दी पर्यावरणीय संवेदनशीलता की मिसाल
सम्मेलन के दौरान उपराष्ट्रपति ने “एक पेड़ माँ के नाम” पहल के तहत एमिटी विश्वविद्यालय में पौधारोपण भी किया और यह संदेश दिया कि “हर पेड़ हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए आशा का प्रतीक है।”

नोएडा सांसद डॉ. महेश शर्मा ने दिया “राष्ट्रवाद और शिक्षा” पर विशेष व्याख्यान
इस मौके पर डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि शिक्षा संस्थानों को राष्ट्रवाद का केंद्र बनाना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को देश के प्रति जागरूक और उत्तरदायी बनाना विश्वविद्यालयों का परम कर्तव्य है।
फोकस टॉपिक्स: एआई, साइबर सुरक्षा, ग्लोबल इनोवेशन
दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान इन विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी:
- वैश्वीकरण और अंतर्राष्ट्रीयकरण में भारत की भूमिका
- उच्च शिक्षा में एआई, वीआर, एआर की भूमिका
- साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता
- डिजिटल नैतिकता और क्लाइमेट टेक्नोलॉजी
कार्य योजना जाएगी सभी राज्यों को
सम्मेलन की समाप्ति पर तैयार की गई “यूनिवर्सिटी एक्शन प्लान” की प्रति भारत सरकार के मंत्रालयों, राज्यों के राज्यपालों और शिक्षा निकायों – UGC, AICTE, NAAC – को भेजी जाएगी ताकि नीति निर्माण में सहायक ठोस सुझाव सामने लाए जा सकें।
आयोजकों का उत्साह – एमिटी का गर्व
डा. अशोक कुमार चौहान ने इस आयोजन को भारत की शिक्षा क्रांति के नाम समर्पित बताया और कहा –
“इस आयोजन से निकलने वाली ऊर्जा और दिशा भारत को शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरु बनाएगी।”
समारोह की मुख्य झलकियाँ:
✅ उद्घाटन उपराष्ट्रपति द्वारा
✅ कुलपतियों और शिक्षाविदों की रिकॉर्ड भागीदारी
✅ राष्ट्रवाद पर जागरूकता व्याख्यान
✅ AIU के 100 वर्ष – भारत की शिक्षा सेवा को नमन
✅ नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में विचार विमर्श
🔖 निष्कर्ष: “असंभव विकल्पों को चुनने की हिम्मत ही हमें नेतृत्व दिलाएगी”
भारत अब महज शिक्षार्थियों का देश नहीं, बल्कि शिक्षा में दुनिया का अगुवा बनने को तत्पर राष्ट्र है। एमिटी विश्वविद्यालय का यह सम्मेलन न केवल शिक्षा में उत्कृष्टता का पर्व था, बल्कि यह युवा मस्तिष्कों के लिए विचारों की क्रांति का आगाज भी है।
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