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Pragati Maidan Trade Fair Moga Silk Is Shining Like Gold Attracting People Doing Sari Worth Lakhs Of Rupees – प्रगति मैदान व्यापार मेला : मोगा रेशम बिखेर रहा सोने जैसी चमक, लाख रुपये वाली साड़ी कर रही लोगों को आकर्षित

व्यापार मेला: मोगा सिल्क साड़ी।
– फोटो : अमर उजाला

व्यापार मेले में मोगा रेशम सोने जैसी चमक बिखेर रहा है। प्राकृतिक रूप से सुनहरे मोगा रेशम से बने परिधान लोगों को बरबस ही आकर्षित कर रहे हैं। इन परिधानों की आसमान छूती कीमतें मोगा रेशम की अहमियत का भी एहसास करा रही हैं।

प्रगति मैदान के नए हॉल में ऊपरी तल पर असम पवेलियन में मोगा रेशम से बनी साड़ी मिल रही है। इसकी कीमत 45 हजार से एक लाख रुपये तक है। असम के सिबसागर से सोइलन राजखोवा और उनकी पत्नी इसे लेकर आए हैं। यह उनका घरेलू हस्त-निर्मित उत्पाद है, जिसे परिवार के सदस्यों और कुछ कामगरों के सहयोग से वह चला रहे हैं। उद्योग मेले में मोगा रेशम से बने करीब 25 परिधान वह ले आए हैं। उन्होंने बताया कि रिस्पॉन्स अच्छा है। आम लोग मेले में 19 नवंबर से आएंगे। उन्हें फिर से माल मंगाना पड़ जाएगा।

व्यापार मेला: मोगा सिल्क साड़ी।
– फोटो : अमर उजाला

इसलिए इतना मंहगा है मोगा रेशम

मोगा शिल्क असम में ही पैदा होता है, दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अधिक मांग है। प्राकृतिक सुनहरा रंग और आरामदेह कपड़े और मजबूती इसके अधिक पसंद किए जाने की मुख्य वजह है। सोइलन ने बताया कि मांग के मुताबिक इसका पांच प्रतिशत भी उत्पादन नहीं होता। लेकिन वह इसकी गारंटी लेते हैं कि इसका कपड़ा 100 साल तक चलेगा।

व्यापार मेला: मोगा सिल्क साड़ी।
– फोटो : अमर उजाला

मोगा रेशम निर्माण का लाइव डेमो

मोगा रेशम पैदा करने वाले कीड़े और जिन पेड़ों पर ये कीड़े रहते हैं। दोनों ही असम पवेलियन में मौजूद हैं। रेशम के धागे बनाने की मशीन का लाइव डेमो भी चल रहा है। जूरी दास ने बताया कि कोई भी यहां आकर धागे की रीलिंग और ट्विस्टिंग सीख सकता है।

व्यापार मेला: स्मॉग टावर।
– फोटो : अमर उजाला

एशियन एक्सप्रेस-वे पवेलियन की थीम

एशियन एक्सप्रेस-वे असम पवेलियन की थीम है। यहां मानोवी रासवंशी और सरला बालानंदी तालाब से निकलने वाली विशेष घास से मेटेका (टोकरा) बनाने का डेमो दे रही हैं। बांस से बने सामानों का अलग डेमो चल रहा है। इसमें कंघा, चाकू, कटलेटरी, जूलरी शामिल हैं। स्मॉग टावर की प्रतिकृति भी लोगों को आकर्षित कर रही है। 

व्यापार मेला: सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देते कालाकार
– फोटो : अमर उजाला

वादियों से आई है 12 प्रकार की खास चाय

यहां असम की वादियों से 12 प्रकार की खास चाय आई है, जो रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ाने और दिनभर की थकान मिटाने में सक्षम हैं। ब्लू-टी में नीलकंठ फूल और ग्रीन टी का ब्लेंड है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक है। ह्वाइट-टी चाय की पहली पत्ती से बनी है। इससे त्वचा में निखार आता है। रोज ग्रीन टी में गुलाब का फ्लेबर है। इसके अलावा ऑर्थोडॉक्स टी, कैमोमाइल टी, पुदीना टी, लेमन ग्रास ग्रीन टी, चॉकलेट टी, बैनिला टी, मसाला टी, फायर टी और सीटीसी है। ये सभी चाय विशेष गुणों से लैस है। इनकी कीमत भी अच्छी खासी है। चार हजार से 10 हजार रुपये प्रति किलो तक कीमत की चाय यहां उपलब्ध है। इस बीच आए कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। 

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