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नई दिल्ली4 घंटे पहले
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उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने रेलवे के सीनियर डीईएन स्टेट और दो एडीआरएम के ट्रांसफर संबंधित खबर पर अपना पक्ष जारी किया है। उन्होंने इसे रूटीन ट्रांसफर बताया है। हलांकि ट्रांसफर को रूटीन बताकर रेलवे खुद इस मामले में नियमाें को लेकर उलझ गया है। इससे उत्तर रेलवे के अधिकारियों द्वारा ट्रांसफर और पोस्टिंग में बरती जाने वाली पिक एंड च्वाइज का खुलासा हो गया है। रेलवे के कुछ अधिकारियों ने अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि एडीआरएम के मामले में ट्रांसफर पोस्टिंग रेलवे बोर्ड से होता है।
एडीआरएम के ट्रांसफर का पूरी लिस्ट निकाली जाती है। ऐसे एक या दो एडीआरएम का तबादला रूटीन में किया जाना अधिकारियों को अचरज में डाल रहा है और इसे रूटीन होने पर भी इसमें कोई बड़ा कारण चर्चा का विषय बन गया है। दिल्ली मंडल से ट्रांसफर किए गए एडीआरएम प्रशांत कुमार दिल्ली डिविजन में 28 नवंबर 2019 को ज्वाइन किए थे।
उनका कार्यकाल 28 नवंबर 2021 को दो साल पूरा होता जबकि दिल्ली मंडल में 20 नवंबर 2019 को एडीआरएम हेमेन्द्र की ज्वाइनिंग एडीआरएम प्रशांत पहले हुई थी और उनका कार्यकाल 20 नवंबर 2021 को पूरा हो रहा है। एडीआरएम प्रशांत के बजाय पहले एडीआरएम हेमेंद्र का ट्रांसफर करना चाहिए। बताया जा रहा है कि उत्तर रेलवे से लेकर दिल्ली मंडल में अभी ऐसे कई अधिकारी हैं जो अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद भी सालों से एक ही पद पर संबंधित अधिकारियों के मेहरवानी से बैठे हुए हैं।