सार
राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा एलान करते हुए देशवासियों को चौंका दिया। प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए आंदोलन कर रहे किसानों से घर वापस लौटने की अपील की है। इस एलान के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, बसपा प्रमुख मायावती, राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत तमाम नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
प्रधानमंत्री मोदी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव
– फोटो : सोशल मीडिया
कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद राजनीतिक दल सरकार को किसानों का संघर्ष याद दिलाते हुए कोस रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और केजरीवाल समेत कई नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है।
आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख़ पर विश्वास करना मुश्किल है- प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने कहा कि 600 से अधिक किसानों की शहादत 350 से अधिक दिन का संघर्ष, प्रधानमंत्री जी आपके मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार डाला, आपको कोई परवाह नहीं थी। आपकी पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा, आपने खुद आंदोलनजीवी बोला। उनपर लाठियां बरसाईं, उन्हें गिरफ़्तार किया। अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी कि यह देश किसानों ने बनाया है। यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती। इसके बाद प्रियंका ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख़ पर विश्वास करना मुश्किल है। किसान की सदैव जय होगी। जय जवान, जय किसान, जय भारत।
भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी- अखिलेश यादव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए। भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।
सरकार को ये निर्णय काफी पहले ले लेना चाहिए था- बसपा प्रमुख मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, हमारी पार्टी की केंद्र सरकार से मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उन्हें आर्थिक मदद दे। उनके परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी ज़रूर दी जाए। कृषि क़ानूनों को रद्द करने का निर्णय बहुत पहले ले लिया जाना चाहिए था। सरकार अगर यह फ़ैसला काफी पहले ले लेती तो देश अनेक प्रकार के झगड़ों से बच जाता।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर तंज कसा। राहुल गांधी ने कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। केजरीवाल ने कहा कि आज प्रकाश पर्व के दिन कितनी बड़ी खुशखबरी मिली है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार को किसानों के आगे आखिरकार झुकना पड़ा। सरकार को यह मांग बहुत पहले ही मान लेनी चाहिए थी। वहीं, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इस पर अपनी राय रखी। नवाब मलिक ने कहा कि हार के डर से मोदी सरकार ने कृषि कानून वापस लिए ।
विस्तार
कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद राजनीतिक दल सरकार को किसानों का संघर्ष याद दिलाते हुए कोस रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और केजरीवाल समेत कई नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है।
आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख़ पर विश्वास करना मुश्किल है- प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने कहा कि 600 से अधिक किसानों की शहादत 350 से अधिक दिन का संघर्ष, प्रधानमंत्री जी आपके मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार डाला, आपको कोई परवाह नहीं थी। आपकी पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा, आपने खुद आंदोलनजीवी बोला। उनपर लाठियां बरसाईं, उन्हें गिरफ़्तार किया। अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी कि यह देश किसानों ने बनाया है। यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती। इसके बाद प्रियंका ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख़ पर विश्वास करना मुश्किल है। किसान की सदैव जय होगी। जय जवान, जय किसान, जय भारत।
भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी- अखिलेश यादव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए। भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।
सरकार को ये निर्णय काफी पहले ले लेना चाहिए था- बसपा प्रमुख मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, हमारी पार्टी की केंद्र सरकार से मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उन्हें आर्थिक मदद दे। उनके परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी ज़रूर दी जाए। कृषि क़ानूनों को रद्द करने का निर्णय बहुत पहले ले लिया जाना चाहिए था। सरकार अगर यह फ़ैसला काफी पहले ले लेती तो देश अनेक प्रकार के झगड़ों से बच जाता।
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