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Kisan Andolan Story People Facing Jam For 358 Days Jams Continued At Many Places In Capital – किसान आंदोलन की कहानी: 358 दिन से जाम झेल रहे दिल्ली वासी, हाल ही में खोला गया टिकरी बॉर्डर

सार

टिकरी बॉर्डर बंद होने से लोग नांगलोई गांव के बीच से और नांगलोई-बवाना रोड से हरियाणा आने-जाने लगे। टिकरी बॉर्डर को हल्के वाहनों के लिए पिछले सप्ताह ही खोला गया है। टिकरी बॉर्डर के अलावा झरौदा बॉर्डर और झटिकरा बॉर्डर पर कुछ समय के लिए किसानों ने आंदोलन किया था। ये बॉर्डर भी आवागमन के लिए कुछ समय के लिए बंद हो गए थे। 

किसान आंदोलन, फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला

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किसान आंदोलन के चलते बॉर्डर से गुजरने व आसपास के लोग पिछले 358 दिन से जाम झेल रहे हैं। सिंघु व गाजीपुर बॉर्डर अभी भी बंद हैं। टिकरी बॉर्डर का कुछ हिस्सा पिछले सप्ताह ही खोला गया है। इन बॉर्डरों के चलते कई अन्य बॉर्डर व रास्तों पर जाम लगा। किसान आंदोलन के चलते बाहरी दिल्ली के हरियाणा से सटे इलाके व नोएडा से सटे इलाके जाम से कराह उठे। हालात यह हो गए थे कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को एडवाइजरी जारी करनी पड़ी थी। कृषि कानूनों के वापस होने से राजधानीवासियों को उम्मीद जागी है कि तीनों बॉर्डर जल्द ही खुल जाएंगे।

किसान आंदोलन के चलते सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर व चिल्ला बॉर्डर बंद हो गए थे। हालांकि, कुछ समय बाद चिल्ला बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन खत्म हो गया था। इससे दिल्ली से नोएडा आने-जाने वालों को काफी राहत मिली। गाजीपुर बॉर्डर पर शुरू से ही दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला कैरिज वे खुला रहा। हालांकि बीच-बीच में इस कैरिज्वे को बंद कर दिया था। गाजियाबाद से दिल्ली आने वाला एनएच-24 का कैरिज वे 358 दिन से बंद है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गाजीपुर बॉर्डर को पिछले सप्ताह खोल दिया गया था,मगर गाजियाबाद पुलिस द्वारा मार्ग बंद करने के बाद गाजीपुर बॉर्डर से अभी तक ट्रैफिक का आवागमन शुरू नहीं हुआ है। 

इसी तरह सिंघु बॉर्डर बंद होने से इस बॉर्डर से दिल्ली व हरियाणा का खत्म करीब एक वर्ष से कटा हुआ है। किसान आंदोलन के करीब चार महीने बाद किसानों ने सिंघु गांव और नेरला-डीएसआईडीसी व महर्षि वाल्मीकि अस्पताल होकर रास्ता दिया। सिंघु बॉर्डर पर अभी तक ट्रैफिक का आवागमन शुरू नहीं हुआ है। इसी तरह टिकरी बॉर्डर के बंद होने से दिल्ली से बहादुरगढ़ आने-जाने में लोगों को काफी परेशानी हुई।

तीनों बॉर्डरों के बंद होने से दिल्ली के हरियाणा से सटे मार्गों व बॉर्डर पर आए दिन जाम जैसी स्थिति रही। टिकरी बॉर्डर, झरौदा बॉर्डर, झटिकरा बॉर्डर के बंद होने से बदूसराय बॉर्डर केवल दो पहिया वाहनों के लिए खुला है। लोग हरियाणा जाने के लिए धनसा, दौराला, कापसहेड़ा, राजोकरी एनएच 8, बिजवासन/बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर का इस्तेमाल करने लगे थे। चिल्ला बॉर्डर के बंद होने से  नोएडा जाने के लिए अक्षरधाम फ्लाईओवर के नीचे से टर्न लेकर और सराय काले खां होकर जाने की सलाह दी गई थी। चिल्ला बॉर्डर की वजह से अशोक नगर बॉर्डर पर भी जाम रहा। 

26 जनवरी की किसान हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस को ये आशंका थी कि किसान नई दिल्ली में प्रवेश कर संसद तक न पहुंच जाएं और कोई हुड़दंग न मचा दें। इस आशंका के चलते नई दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी मार्गों हमेशा सील रहे। प्रवेश करने वाले मार्गों पर हमला बैरीकेड्स लग रहे और भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। ये पुलिसकर्मी चेकिंग के बाद ही लोगों को नई दिल्ली में प्रवेश करने दे रहे थे। इस कारण नई दिल्ली में प्रवेश करने वाले मार्गों पर साल भर जाम जैसी स्थिति रही। इन मार्गों पर क्रेन मशीन के अलावा मिट्टी से भरे डंपर खड़े किए गए थे। 

किसानों ने बीच में कई जगहों पर ट्रैक्टर रैली निकाली। इन रैलियों को देखते हुए दिल्ली पुलिस को आशंका थी कहीं किसान दिल्ली में प्रवेश न कर जाएं। इस कारण दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर, डीएनडी, एनएच-8 पर रजोकरी, आया नगर बॉर्डर व एनएच24 मार्गों पर बॉर्डर सील किए गए थे। इन बॉर्डरों पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए जाते थे। कई बार तो बॉर्डरों पर इतने पुलिसकर्मी तैनात कर दिए जाते थे कि पुलिस स्टेशनों में कुछ ही पुलिसकर्मी रहते थे। 

विस्तार

किसान आंदोलन के चलते बॉर्डर से गुजरने व आसपास के लोग पिछले 358 दिन से जाम झेल रहे हैं। सिंघु व गाजीपुर बॉर्डर अभी भी बंद हैं। टिकरी बॉर्डर का कुछ हिस्सा पिछले सप्ताह ही खोला गया है। इन बॉर्डरों के चलते कई अन्य बॉर्डर व रास्तों पर जाम लगा। किसान आंदोलन के चलते बाहरी दिल्ली के हरियाणा से सटे इलाके व नोएडा से सटे इलाके जाम से कराह उठे। हालात यह हो गए थे कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को एडवाइजरी जारी करनी पड़ी थी। कृषि कानूनों के वापस होने से राजधानीवासियों को उम्मीद जागी है कि तीनों बॉर्डर जल्द ही खुल जाएंगे।

किसान आंदोलन के चलते सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर व चिल्ला बॉर्डर बंद हो गए थे। हालांकि, कुछ समय बाद चिल्ला बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन खत्म हो गया था। इससे दिल्ली से नोएडा आने-जाने वालों को काफी राहत मिली। गाजीपुर बॉर्डर पर शुरू से ही दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला कैरिज वे खुला रहा। हालांकि बीच-बीच में इस कैरिज्वे को बंद कर दिया था। गाजियाबाद से दिल्ली आने वाला एनएच-24 का कैरिज वे 358 दिन से बंद है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गाजीपुर बॉर्डर को पिछले सप्ताह खोल दिया गया था,मगर गाजियाबाद पुलिस द्वारा मार्ग बंद करने के बाद गाजीपुर बॉर्डर से अभी तक ट्रैफिक का आवागमन शुरू नहीं हुआ है। 

इसी तरह सिंघु बॉर्डर बंद होने से इस बॉर्डर से दिल्ली व हरियाणा का खत्म करीब एक वर्ष से कटा हुआ है। किसान आंदोलन के करीब चार महीने बाद किसानों ने सिंघु गांव और नेरला-डीएसआईडीसी व महर्षि वाल्मीकि अस्पताल होकर रास्ता दिया। सिंघु बॉर्डर पर अभी तक ट्रैफिक का आवागमन शुरू नहीं हुआ है। इसी तरह टिकरी बॉर्डर के बंद होने से दिल्ली से बहादुरगढ़ आने-जाने में लोगों को काफी परेशानी हुई।

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