प्रगति मैदान के नए हॉल में ऊपरी तल पर उत्तराखंड पवेलियन में हैंडलूम, हैंडीक्रॉफ्ट के 34 स्टॉल हैं। लोई, शॉल, जैकेट, स्वेटर, रिंगाल (बांस की टोकरी), कुमाऊं की मूंज घास से निर्मित माता की चौकी, गणेश प्रतिमा, बद्रीनाथ व केदारनाथ मंदिर है। पवेलियन के डायरेक्टर केसी चमोली ने बताया कि महिलाओं के लिए 3000 रुपये तक की शॉल, पुरुषों के लिए 1000 रुपये तक की जैकेट है।
रोज 10 किलो मिठाई टेस्ट करा देते हैं
हरीश दर्मवाल अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई, सिंगोड़ी और चॉकलेट लाए हैं, जो 500-600 रुपये प्रति किलो है। दो क्विंटल से ज्यादा मिठाई बेच चुके हैं। रोज 10 किलो मिठाई टेस्ट करा देते हैं। ये खोया, चीनी और खसखस से बनी है और गारंटी के साथ एक महीने टिकाऊ है।
बिच्छू घास का जैकेट खास
केदारनाथ के पास उगने वाली बिच्छू घास सूखने के बाद फाइबर जैसी दिखती है। इससे बनी जैकेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ यात्रा के दौरान पहनी थी। मेले में इसकी कीमत 2300 रुपये है।
बंबू कला का उदाहरण त्रिपुरा पवेलियन
नए हॉल के ऊपरी तल पर त्रिपुरा पवेलियन है। यहां बांस से निर्मित सैकड़ों सजावट के सामान हैं। सजावट के सामानों में धनेश बर्ड, लाइटें, मोर, स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र और देवी देवताओं के चित्र हैं।
तमिलनाडु पवेलियन में काचीपुरम साड़ियां
तमिलनाडु पवेलियन में कांचीपुरम साड़ियों की 25 डिजाइन है। एक लाख रुपये तक इनकी कीमत है। जतिन ने बताया कि साड़ी की कीमत 45000 रुपये है। कीमत देखकर लोग हैरान हैं, लेकिन लोग बिना देखे जा भी नहीं रहे। हाथ से निर्मित कांचीपुर सिल्क की साड़ियों पर गोल्ड मार्का जरी का काम इसे मंहगा बनाता है, लेकिन ये टिकाऊ हैं।
मेले में पहुंचे आम लोग
व्यापार मेले में शुक्रवार से आम लोगों की एंट्री शुरू हो गई और भीड़ खूब थी। लोगों ने गुरु पूर्णिमा पर्व की छुट्टी का फायदा उठाया और मेला देखने के लिए पहुंचे। बड़ी संख्या में युवाओं के अलावा बच्चों और महिलाओं ने भी मेले की तरफ रुख किया था। प्रगति मैदान के करीब सभी हॉल में अच्छी भीड़ थी। आईटीपीओ की ओर से उम्मीद जताई गई है कि शनिवार-रविवार को भीड़ इससे कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी। आईटीपीओ की उम्मीद के मुताबिक अगर अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में भीड़ उमड़ी तो अंदाजा है कि यहां लोगों के लिए जगह कम पड़ेगी।