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- For Four Days, The Family Of The Deceased Hitendra Garasia Of Udaipur Continues To Sit In Delhi, The Russian Embassy Also Spoke
उदयपुर7 मिनट पहले
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दिल्ली में धरना देते परिजन।
उदयपुर जिले के खेरवाड़ा क्षेत्र में करीब साढ़े चार महीनों से रूस में मृतक हितेंद्र गरासिया के परिजनों द्वारा शव को भारत लाने की मांग को लेकर दिल्ली में पीड़ित परिवार का आंदोलन शनिवार चौथे दिन भी जारी है। गरासिया के परिजनों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार को भी जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते किया।
बुधवार को पहले दिन परिजनों ने रसियन दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रूस के राजदूत के नाम ज्ञापन दिया। 6 दिसंबर को प्रस्तावित राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान मृतक के परिजनों द्वारा आत्मदाह की चेतावनी के बाद रशियन दूतावास के अधिकारियों ने शनिवार को पीड़ित परिवार को वार्ता के लिये बुलाया। हितेंद्र गरासिया की धर्म पत्नी आशा गरासिया, बेटी उर्वशी गरासिया,पुत्र पीयूष के साथ आधा दर्जन लोगो ने उनसे मुलाकात की। रशियन दूतावास के अधिकारियों ने हितेंद्र गरासिया के परिवार से नई दिल्ली में 6 दिसंबर को प्रस्तावित राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा का विरोध न करने का आग्रह किया। रशियन अधिकारियों ने परिजनों से हितेंद्र गरासिया के बारे में सारे घटनाक्रम की जानकारी ली। सारे दस्तावेज भी मांगे।
रशियन अधिकारियों के समक्ष जताया कड़ा विरोध
पीड़ित परिवार के साथ गये कांग्रेस के प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा ने रशियन अधिकारियों के समक्ष इस बात पर पर आक्रोश जताया कि 140 दिन से अधिक होने के बावजूद क्यों एक भारतीय नागरिक शव को अंतिम संस्कार के लिए भारत नहीं भेजा जा रहा। शर्मा ने रशियन अधिकारियों के समक्ष उदाहरण दिया कि कुछ वर्ष पहले गोवा में भी रशियन महिलाओं की मृत्यु हुई थी, तब भी भारत से सभी शवों को ससम्मान अंतिम संस्कार के लिये रूस भेजे गए। शर्मा ने सवाल उठाया कि क्यों अंतरराष्ट्रीय कानूनों व मानव मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हुए एक भारतीय नागरिक के शव के साथ ऐसा अन्याय किया जा रहा है।
पत्नी हुई भावुक, बेटी भी बिफरी
रशियन दूतावास के अधिकारियों ने हितेंद्र गरासिया की धर्म पत्नी आशा देवी से बात करने की कोशिश की तो वह भावुक होकर रोने लगी। इस दौरान गरासिया की बेटी उर्वशी ने अधिकारियों से कहा कि उसके पिता का शव अंतिम संस्कार के लिए भारत नहीं आया तो इसके कड़े परिणाम भुगतने होंगे।
रसियन दूतावास पर रूसी अधिकारी हितेंद्र के परिजनों के साथ वार्ता करते हुए।
दसअसल उदयपुर के खेरवाड़ा के गोड़वा निवासी हितेंद्र गरासिया रोजगार के लिए एजेंट के माध्यम से रूस गया था। उनकी 17 जुलाई 2021 को रूस में मौत हो गई। 17 अगस्त 2021 को दुतावास द्वारा मृतक के परिजनों को हितेंद्र की मौत की सूचना मिली, जिस पर मृतक के परिजनों ने 17 अक्टूबर 2021 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और 31 अक्टूबर 2021 को विदेश मंत्रालय को शिकायत कर शव को भारत लाने की मांग कर रहे है।
इनपुट- हितेश जोशी।