ताजातरीनप्रदेश

Rubina Of Jamia Selected For Prime Minister Research Fellowship Vice Chancellor Najma Akhtar Congratulates – दिल्ली: जामिया की रुबीना का प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप के लिए हुआ चयन, कुलपति ने दी बधाई, छह छात्रों में पांच छात्राएं शामिल

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली

Published by: सुशील कुमार
Updated Sat, 04 Dec 2021 06:06 PM IST

सार

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुन्ना खान ने कहा कि शोधार्थी को पहले दो वर्षों के लिए 70 हजार रुपये, तीसरे वर्ष के लिए 75 हजार रुपये, चौथे और पांचवें वर्ष के लिए क्रमश: 80 हजार रुपये की मासिक फेलोशिप प्राप्त होगी।

जामिया की छात्रा रुबीना।
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) की पीएचडी रिसर्च स्कॉलर रुबीना का चयन प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप के लिए हुआ। जामिया के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की पीएचडी रिसर्च स्कॉलर रुबीना को मई-2021 ड्राइव में डायरेक्ट एंट्री श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) के लिए चुना गया है। जामिया के इससे पहले 2020 में छह छात्रों को इस फेलाशिप के लिए चुना गया था। जिसमें से पांच छात्राएं थीं।

जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने इस फेलोशिप पाने के लिए रुबीना को बधाई दी है। प्रो. अख्तर ने कहा कि वे उम्मीद करती हैं कि वह गुणवत्तापूर्ण शोध परिणाम के साथ फेलोशिप को उचित सिद्ध करेंगी। वहीं, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुन्ना खान ने कहा कि शोधार्थी को पहले दो वर्षों के लिए 70 हजार रुपये, तीसरे वर्ष के लिए 75 हजार रुपये, चौथे और पांचवें वर्ष के लिए क्रमश: 80 हजार रुपये की मासिक फेलोशिप प्राप्त होगी। इसके अलावा, इस योजना के तहत शोधार्थी प्रति वर्ष दो लाख रुपये (पांच साल के लिए 10 लाख रुपये) के शोध अनुदान के लिए भी पात्र है।

उन्होंने बताया कि रुबीना का शोध ‘डेवलपमेंट ऑफ़ स्मार्ट कैपेसिटी सेन्सर्स फॉर कंडीशन मोनिटरिंग ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एपारेटस इन स्मार्ट ग्रिड्स’ पर आधारित होगा। जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसफॉर्मर और गैस इंसुलेटेड स्विचगियर्स (जीआईएस) जैसे प्रमुख विद्युत उपकरणों की रियल टाइम ऑनलाइन हेल्थ निगरानी के लिए बेहतर स्थिर और गतिशील विशेषताओं के साथ कैपेसिटिव सेंसर बनाना है।

पीएचडी कर रही हैं रुबीना  
कैपेसिटिव सेंसर व्यापक रूप से सेंसिंग एप्लीकेशन्स के लिए उपयोग किए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर पैरलल प्लेट और नैनोस्ट्रक्चर सेंसिंग फिल्मों के साथ प्लेनर इंटरडिजिटल कैपेसिटिव सेंसर होते हैं। हालांकि, नैनोस्ट्रक्चर मैटेरियल्स आजकल व्यापक रूप से सेंसिंग एप्लीकेशन्स के लिए उपयोग की जाती है और वास्तविक समय एप्लीकेशन्स के लिए नैनोमटेरियल्स की स्थिरता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। शोधकर्ता ज्यादातर सेंसिंग पर ध्यान देते हैं, जिसे आधुनिक उन्नत आईसी उपकरणों के साथ आसानी से एड्रेस किया जा सकता है। लेकिन स्थिरता के कारण सेंसर के प्रदर्शन में गिरावट आईसीएस द्वारा एड्रेस करना मुश्किल है। फिलहाल रुबीना, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. तारिकुल इस्लाम के निर्देशन में पीएचडी कर रही हैं।

विस्तार

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) की पीएचडी रिसर्च स्कॉलर रुबीना का चयन प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप के लिए हुआ। जामिया के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की पीएचडी रिसर्च स्कॉलर रुबीना को मई-2021 ड्राइव में डायरेक्ट एंट्री श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) के लिए चुना गया है। जामिया के इससे पहले 2020 में छह छात्रों को इस फेलाशिप के लिए चुना गया था। जिसमें से पांच छात्राएं थीं।

जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने इस फेलोशिप पाने के लिए रुबीना को बधाई दी है। प्रो. अख्तर ने कहा कि वे उम्मीद करती हैं कि वह गुणवत्तापूर्ण शोध परिणाम के साथ फेलोशिप को उचित सिद्ध करेंगी। वहीं, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुन्ना खान ने कहा कि शोधार्थी को पहले दो वर्षों के लिए 70 हजार रुपये, तीसरे वर्ष के लिए 75 हजार रुपये, चौथे और पांचवें वर्ष के लिए क्रमश: 80 हजार रुपये की मासिक फेलोशिप प्राप्त होगी। इसके अलावा, इस योजना के तहत शोधार्थी प्रति वर्ष दो लाख रुपये (पांच साल के लिए 10 लाख रुपये) के शोध अनुदान के लिए भी पात्र है।

उन्होंने बताया कि रुबीना का शोध ‘डेवलपमेंट ऑफ़ स्मार्ट कैपेसिटी सेन्सर्स फॉर कंडीशन मोनिटरिंग ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एपारेटस इन स्मार्ट ग्रिड्स’ पर आधारित होगा। जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसफॉर्मर और गैस इंसुलेटेड स्विचगियर्स (जीआईएस) जैसे प्रमुख विद्युत उपकरणों की रियल टाइम ऑनलाइन हेल्थ निगरानी के लिए बेहतर स्थिर और गतिशील विशेषताओं के साथ कैपेसिटिव सेंसर बनाना है।

पीएचडी कर रही हैं रुबीना  

कैपेसिटिव सेंसर व्यापक रूप से सेंसिंग एप्लीकेशन्स के लिए उपयोग किए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर पैरलल प्लेट और नैनोस्ट्रक्चर सेंसिंग फिल्मों के साथ प्लेनर इंटरडिजिटल कैपेसिटिव सेंसर होते हैं। हालांकि, नैनोस्ट्रक्चर मैटेरियल्स आजकल व्यापक रूप से सेंसिंग एप्लीकेशन्स के लिए उपयोग की जाती है और वास्तविक समय एप्लीकेशन्स के लिए नैनोमटेरियल्स की स्थिरता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। शोधकर्ता ज्यादातर सेंसिंग पर ध्यान देते हैं, जिसे आधुनिक उन्नत आईसी उपकरणों के साथ आसानी से एड्रेस किया जा सकता है। लेकिन स्थिरता के कारण सेंसर के प्रदर्शन में गिरावट आईसीएस द्वारा एड्रेस करना मुश्किल है। फिलहाल रुबीना, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. तारिकुल इस्लाम के निर्देशन में पीएचडी कर रही हैं।

Source link

Related Articles

Back to top button