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Group Of Students Of Jnu Released A Pamphlet For Screening Movie Ram Ke Naam Admistration Advised To Cancel Programme – जेएनयू: ‘राम के नाम’ डॉक्यूमेंट्री पर विवाद, प्रशासन ने प्रदर्शन पर लगाई रोक, जानिए क्या है मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुशील कुमार
Updated Sat, 04 Dec 2021 05:39 PM IST

सार

प्रशसान ने कहा कि संबंधित छात्रों को दृढ़ता से सलाह दी जाती है कि वे प्रस्तावित कार्यक्रम को तुरंत रद्द कर दें, ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है। 

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
– फोटो : AMAR UJALA

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जेएनयू कैंपस में भगवान राम के नाम पर सियासत तेज हो गई है। जवाहर लाल नेहरू छात्रसंघ और आइसा ने जेएनयू कैंपस में शनिवार रात को ‘राम के नाम’ नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए पैम्फलेट जारी किया। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने किसी भी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने पर रोक लगा दी है। 

जेएनयू प्रशासन का मानना है कि ऐसे कार्यक्रम या डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। यदि कोई छात्र नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जेएनयू प्रशासन ने शनिवार को छात्रों के नाम नोटिस जारी किया है। इसमें लिखा है कि जानकारी मिली है कि कैंपस स्थित टेफलस में छात्रों के समूह ‘राम के नाम’ नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि ऐसे किसी भी आयोजन की विश्वविद्यालय प्रशासन से न तो मंजूरी मांगी गई है और न ही दी गई है। 

बिगड़ सकता है सांप्रदायिक सौहार्द
छात्रों को आगह किया जाता है कि कैंपस में इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक है। क्योंकि इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। इससे विश्वविद्यालय कैंपस की शांति भंग होगी। इसलिए आयोजकों से अपील की जाती है कि वे इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन न करें। विश्वविद्यालय प्रशासन की रोक के बाद भी कार्यक्रम में शामिल या आयोजन किया जाता है तो जेएनयू नियमों के तहत संबंधित छात्रों, शिक्षकों और कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसलिए आयोजकों को सलाह दी जाती है कि वे कार्यक्रम का आयोजन रद्द करें।

सोशल मीडिया से एकत्रित होने की अपील
जेएनयू प्रशासन के नोटिस के बाद वामपंथी छात्र संगठनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से कार्यक्रम में अधिक से अधिक छात्रों को एकत्रित होने की अपील की है। फेसबुक पर आइसा के कार्यकर्ता अमन की ओर से वीडियो के माध्यम से छात्रों को एकजुट होने की कॉल दी है। अमन ने वीडियो में कहा है कि जेएनयू प्रशासन नोटिस में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की बात कहकर इस डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी भी दी जा रही है। इसलिए सभी से छात्रों से अपील है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस फिल्म के प्रदर्शन में शामिल हों।

राम मंदिर आंदोलन पर है फिल्म
राम के नाम की डॉक्यूमेंट्री भगवान राम पर आधारित है। इसमें अयोध्या में कार सेवा से लेकर विवादित ढांचे को गिराने तक का वर्णन है। इसमें मुस्लिम-हिंदू हिंसा दर्शायी गयी है।

विस्तार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जेएनयू कैंपस में भगवान राम के नाम पर सियासत तेज हो गई है। जवाहर लाल नेहरू छात्रसंघ और आइसा ने जेएनयू कैंपस में शनिवार रात को ‘राम के नाम’ नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए पैम्फलेट जारी किया। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने किसी भी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने पर रोक लगा दी है। 

जेएनयू प्रशासन का मानना है कि ऐसे कार्यक्रम या डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। यदि कोई छात्र नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जेएनयू प्रशासन ने शनिवार को छात्रों के नाम नोटिस जारी किया है। इसमें लिखा है कि जानकारी मिली है कि कैंपस स्थित टेफलस में छात्रों के समूह ‘राम के नाम’ नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि ऐसे किसी भी आयोजन की विश्वविद्यालय प्रशासन से न तो मंजूरी मांगी गई है और न ही दी गई है। 

बिगड़ सकता है सांप्रदायिक सौहार्द

छात्रों को आगह किया जाता है कि कैंपस में इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक है। क्योंकि इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। इससे विश्वविद्यालय कैंपस की शांति भंग होगी। इसलिए आयोजकों से अपील की जाती है कि वे इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन न करें। विश्वविद्यालय प्रशासन की रोक के बाद भी कार्यक्रम में शामिल या आयोजन किया जाता है तो जेएनयू नियमों के तहत संबंधित छात्रों, शिक्षकों और कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसलिए आयोजकों को सलाह दी जाती है कि वे कार्यक्रम का आयोजन रद्द करें।

सोशल मीडिया से एकत्रित होने की अपील

जेएनयू प्रशासन के नोटिस के बाद वामपंथी छात्र संगठनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से कार्यक्रम में अधिक से अधिक छात्रों को एकत्रित होने की अपील की है। फेसबुक पर आइसा के कार्यकर्ता अमन की ओर से वीडियो के माध्यम से छात्रों को एकजुट होने की कॉल दी है। अमन ने वीडियो में कहा है कि जेएनयू प्रशासन नोटिस में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की बात कहकर इस डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी भी दी जा रही है। इसलिए सभी से छात्रों से अपील है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस फिल्म के प्रदर्शन में शामिल हों।

राम मंदिर आंदोलन पर है फिल्म

राम के नाम की डॉक्यूमेंट्री भगवान राम पर आधारित है। इसमें अयोध्या में कार सेवा से लेकर विवादित ढांचे को गिराने तक का वर्णन है। इसमें मुस्लिम-हिंदू हिंसा दर्शायी गयी है।

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