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Ncpcr Told Hc Delhi Government Didn’t Carry Proper Inquiry For Care To Minor Siblings Who Lost Father – एनसीपीसीआर ने कोर्ट में कहा: कोरोना से पिता की गई थी जान, सरकार ने नाबालिगों की देखभाल के लिए उचित जांच नहीं की

पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Mon, 06 Dec 2021 09:46 PM IST

सार

याचिका में विशेष रूप से अधिकारियों को उन बच्चों के लिए योजनाओं को तेजी से लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है जो निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं और अपने एकमात्र रोटी कमाने वाले माता-पिता या परिवार के सदस्य को खो चुके हैं।

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि दिल्ली सरकार ने दो नाबालिग भाई-बहनों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित जांच नहीं की। पिछले साल कोरोना संक्रमण से बच्चों के पिता की मौत हो गई थी। कहा कि दिल्ली सरकार बच्चों को लाभ देने के मुद्दे पर चुप है।

बच्चे वर्तमान में एक स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं, आशंका है यदि बच्चे अगले सत्र में शुल्क न भर पाए तो क्या स्कूल में पढ़ाई जारी रखने की अनुमति मिलेगी। नाबालिगों के पिता को 18 अप्रैल को जयपुर गोल्डन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। 24 अप्रैल को ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। याचिका में भी कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण उसकी मौत हो गई।

अधिवक्ता भरत मल्होत्रा और सिद्धांत सेठी ने याचिका में अस्पताल के चिकित्सा निदेशक द्वारा दिए गए एक बयान का भी हवाला दिया गया कि वहां ऑक्सीजन की कमी के कारण 20 मरीजों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोगों की जान दांव पर लग गई। दिल्ली सरकार ने अपने जवाबी हलफनामे में इस मामले में पहले कहा था कि वह ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना’ लागू कर रही है। जिसके तहत उन परिवारों को 2,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिन्होंने अपने परिवार एक कमाने वाले सदस्य को खो दिया है।

विस्तार

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि दिल्ली सरकार ने दो नाबालिग भाई-बहनों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित जांच नहीं की। पिछले साल कोरोना संक्रमण से बच्चों के पिता की मौत हो गई थी। कहा कि दिल्ली सरकार बच्चों को लाभ देने के मुद्दे पर चुप है।

बच्चे वर्तमान में एक स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं, आशंका है यदि बच्चे अगले सत्र में शुल्क न भर पाए तो क्या स्कूल में पढ़ाई जारी रखने की अनुमति मिलेगी। नाबालिगों के पिता को 18 अप्रैल को जयपुर गोल्डन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। 24 अप्रैल को ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। याचिका में भी कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण उसकी मौत हो गई।

अधिवक्ता भरत मल्होत्रा और सिद्धांत सेठी ने याचिका में अस्पताल के चिकित्सा निदेशक द्वारा दिए गए एक बयान का भी हवाला दिया गया कि वहां ऑक्सीजन की कमी के कारण 20 मरीजों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोगों की जान दांव पर लग गई। दिल्ली सरकार ने अपने जवाबी हलफनामे में इस मामले में पहले कहा था कि वह ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना’ लागू कर रही है। जिसके तहत उन परिवारों को 2,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिन्होंने अपने परिवार एक कमाने वाले सदस्य को खो दिया है।

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