सार
विभिन्न देशों से आने वाले लोगों की सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होने और आरटीपीसीआर की वजह से एयरपोर्ट पर जांच रिपोर्ट के लिए घंटों गुजारने की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग के नियम भी तार-तार हो रहे है। हालांकि अब एराइवल एरिया में ही जांच के लिए मशीनें लगा दी गई है।
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन संक्रमण की वजह से हाई रिस्क देशों से आ रहे यात्रियों को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट अलर्ट मोड में है। लेकिन बड़ी संख्या में आने वाले यात्रियों व व्यवस्थित भीड़ प्रबंधन नहीं होने की वजह से एयरपोर्ट के हाई रिस्क जोन होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
विभिन्न देशों से आने वाले लोगों की सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होने और आरटीपीसीआर की वजह से एयरपोर्ट पर जांच रिपोर्ट के लिए घंटों गुजारने की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग के नियम भी तार-तार हो रहे है। हालांकि अब एराइवल एरिया में ही जांच के लिए मशीने लगा दी गई है।
अब सैंपल लेकर लैब में जाने की अवधि भी पहले की अपेक्षा कम हो गई है। वहीं एयरपोर्ट से बाहर निकलने की जल्दबाजी की वजह से भी बेहतर भीड़ प्रबंधन करने में परेशानी हो रही है। अराइवल जोन में भीड़ तो है ही साथ ही डिपार्चर जोन में भी भीड़ देखने को मिल रही है। क्योंकि कई यात्री समय पूर्व ही पहुंच जा रहे है।
भीड़ नियंत्रण के लिए कई प्रयास किए जा रहे
हाई रिस्क देशों से आ रहे यात्रियों की आईजीआई एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर जांच की सुविधा तो है ही साथ ही भीड़ बढ़े नहीं इसे देखते हुए प्री-बुकिंग काउंटर की व्यवस्था की गई है। इसके लिए अलग से 20 काउंटर बने है ताकि एयरपोर्ट पहुंचते ही जांच के लिए उनका टोकन नंबर जारी किया जा सके और जांच रिपोर्ट सौंपी जा सके। पहले ऑनलाइन टिकट बुकिंग कराते समय ही आरटीपीसीआर के लिए फार्म भरा जा रहा था। बावजूद भीड़ में कमी नहीं हो रही है।
इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कुछ विमान हाई-रिस्क वाले देश से पहुंच रहे है तो कुछ वहां से जहां ओमिक्रॉन वायरस का खतरा नहीं है। दोनों तरह के देश से आने वाले विमान के यात्रियों को पहले तो अलग-अलग किया जाता है फिर हाई-रिस्क वालों को बने दो पीयर के समीप ठहराया जाता है।
एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार एक बड़ी समस्या एयरपोर्ट पर काम करने वाली एजेंसियों के बीच तालमेल की है। एजेंसियों की बात करें तो सुरक्षा में जहां सीआईएसएफ जुटा है तो कोविड प्रबंधन में डीडीएमए व सिविल डिफेंस के लोग। इसी तरह एयरपोर्ट प्रबंधन करने वाली कंपनी के साथ विमान संचालकों के स्टाफ भी संभाल रहे है जिम्मेदारी।
पीक आवर्स में बढ़ जाती है समस्या
आमूमन विदेशों से आने वाले विमान रात में ही पहुंचते है। पीक आवर्स में लगातार विमान केआगमन की वजह से भीड़ ज्यादा बढ़ जाती है। कई बार विमान की देरी की वजह से दो विमान एक समय में पहुंच जाते है। इनमें हाई-रिस्क देश के यात्रियों को अलग करके उन्हें कोविड जांच के लिए अलग से ले जाया जाता है। इस स्थिति में इमिग्रेशन जोन छोटा पड़ जाता है। इससे इमिग्रेशन क्लियरेंस में भी देरी होने की वजह से भीड़ इकट्ठा हो जाती है।
विशेष व्यवस्था भी की गई है
एयरपोर्ट संचालित करने वाली कंपनी ने बैठने के लिए कुर्सी की संख्या बढ़ा दी है। 1400 सीट से बढ़ा कर 2 हजार किया गया है। डायल का कहना है कि जरूरत के अनुसार सीट बढ़ाई जा रही है। रैपिड पीसीआर करने के लिए 120 मशीनें लगा दी गई है। जो 60 मिनट में जांच रिपोर्ट दे रही है। पंजीकरण के लिए 60 काउंटर लगाने की भी तैयारी हे। ताकि यात्रियों की कोविड की जांच रिपोर्ट लेने में कम वक्त लगे।
- हाई रिस्क देशों से औसतन 10-12 विमान दिल्ली पहुंच रही है। जिसमें 4-5 हजार यात्रा कर टर्मिनल-3 पहुंच रहे है।
- जिन देशों में ओमिक्रॉन वायरस नहीं है वहां से 10-15 विमान टर्मिनल-3 पहुंच रहा है।
- विदेश से कुल 20-25 विमान दिल्ली पहुंच रहा है। जिसमें 10-12 हजार यात्री औसतन प्रतिदिन दिल्ली पहुंचते है।
- भारत सरकार ने ग्यारह देशों से आने वाले विमान को हाई-रिस्क की सूची में डाला है। इन देशों से आने वाले यात्रियों का कोविड टेस्क अनिवार्य है। अन्य देशों से आने वाले यात्रियों का रैंडम चेक किया जा रहा है। आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव वालों को भी सात दिन तक होम क्वॉरंटीन में रहने के लिए कहा जा रहा है।
- हर घंटें 450 लोगों का कोविड जांच किया जा रहा है।
- 120 रैपिड जांच मशीन के अलावा 50 अतिरिक्त मशीन की व्यवस्था की जा रही है।
- जांच पजीकरण के लिए 60 काउंटर का इंतजाम किया गया है।
- प्री-बुकिंग वालों के लिए 20 काउंटर की व्यवस्था की गई हे।
विस्तार
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन संक्रमण की वजह से हाई रिस्क देशों से आ रहे यात्रियों को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट अलर्ट मोड में है। लेकिन बड़ी संख्या में आने वाले यात्रियों व व्यवस्थित भीड़ प्रबंधन नहीं होने की वजह से एयरपोर्ट के हाई रिस्क जोन होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
विभिन्न देशों से आने वाले लोगों की सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होने और आरटीपीसीआर की वजह से एयरपोर्ट पर जांच रिपोर्ट के लिए घंटों गुजारने की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग के नियम भी तार-तार हो रहे है। हालांकि अब एराइवल एरिया में ही जांच के लिए मशीने लगा दी गई है।
अब सैंपल लेकर लैब में जाने की अवधि भी पहले की अपेक्षा कम हो गई है। वहीं एयरपोर्ट से बाहर निकलने की जल्दबाजी की वजह से भी बेहतर भीड़ प्रबंधन करने में परेशानी हो रही है। अराइवल जोन में भीड़ तो है ही साथ ही डिपार्चर जोन में भी भीड़ देखने को मिल रही है। क्योंकि कई यात्री समय पूर्व ही पहुंच जा रहे है।
भीड़ नियंत्रण के लिए कई प्रयास किए जा रहे
हाई रिस्क देशों से आ रहे यात्रियों की आईजीआई एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर जांच की सुविधा तो है ही साथ ही भीड़ बढ़े नहीं इसे देखते हुए प्री-बुकिंग काउंटर की व्यवस्था की गई है। इसके लिए अलग से 20 काउंटर बने है ताकि एयरपोर्ट पहुंचते ही जांच के लिए उनका टोकन नंबर जारी किया जा सके और जांच रिपोर्ट सौंपी जा सके। पहले ऑनलाइन टिकट बुकिंग कराते समय ही आरटीपीसीआर के लिए फार्म भरा जा रहा था। बावजूद भीड़ में कमी नहीं हो रही है।
Source link