नई दिल्ली24 मिनट पहले
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उच्च न्यायालय।
बाजारों में सड़कों और फुटपाथों पर रेहड़ी-पटरी के अतिक्रमण से लोगों को हो रही परेशानी पर उच्च न्यायालय ने बुधवार को कड़ी नाराजगी जाहिर की। न्यायालय ने वेंडिंग नीति पर काम नहीं करने के लिए दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगमों को आड़े हाथ लिया। उच्च न्यायालय ने स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार, तीनों नगर निगमों, मामले से जुड़े वकीलों और अन्य सभी हितधारकों की बैठक बुलाई है। जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि नगर निगम के अधिकारी अपने विवक से काम नहीं कर रहे हैं। स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट के प्रावधानों के कार्यान्वयन में पूरी तरह से अराजकता है।
बैठक 11 दिसंबर को दोपहर 3 बजे उच्च न्यायालय में होगी
पीठ ने कहा कि राजधानी में हॉकिंग और वेंडिंग गतिविधियों को विनियमित करने की सरकार और नगर निगमों के पास कोई योजना नहीं है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय ने सभी हितधारकों की बैठक बुलाई है, जिससे ठोस एवं समुचित निर्णय लिया जा सके। यह बैठक 11 दिसंबर को दोपहर 3 बजे उच्च न्यायालय में होगी। पीठ ने स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट-2014 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कानून के कार्यान्वयन में बड़ी रुकावट है।
ऐसे में सभी हितधारकों और विभागों को आमने-सामने बैठकर बात करने की जरूरत है। बैठक में दिल्ली छावनी बोर्ड के प्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस व अन्य अधिवक्ता, एनडीएमसी की अधिवक्ता मिनी पुष्करना, दिल्ली सरकार के गौतम नारायण और अन्य शामिल होंगे। न्यायालय ने कहा कि बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा कि हम हर बार इस समस्या का सामना क्यों कर रहे हैं। उच्च न्यायालय ने कहा है कि अधिकारियों को जिस तरह से काम करना चाहिए, उस तरह से नहीं कर रहे हैं।
चांदनी चौक में पैदल चलना मुश्किल उच्च न्यायालय ने कहा कि राजधानी में अवैध तरीके से रेहड़ी-पटरी और फेरीवालों की गतिविधियों से बाजारों में स्थिति ठीक नहीं है, लोगों को परेशानियों का सामना करना होता है। पीठ ने कहा कि तेजी से हुए अवैध अतिक्रमण के चलते चांदनी चौक जैसे इलाकों में पैदल चलना मुश्किल हो गया है। इस पर दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने बताया कि चांदनी चौक इलाके में पिछले कुछ दिनों में स्थिति में सुधार हुआ है। इस पर न्यायालय ने कहा कि आप वहां किए गए कार्यों का दावा करते हैं, लेकिन राजधानी के अन्य इलाकों में अतिक्रमण किया जा रहा है, पूरे शहर में स्थिति खराब है।
स्पष्ट प्रावधान होने पर भी काम नहीं उच्च न्यायालय ने कहा कि कानून में साफ और स्पष्ट तौर कर कहा गया है कि हॉकिंग और वेंडिंग गतिविधियों को विनियमित करना है, लेकिन आप (अधिकारी) ऐसा नहीं कर रहे हैं। न्यायालय ने कहा है कि बैठक में हम आमने-सामने होंगे, हम कहेंगे कि हमें क्या करना है। पीठ ने कहा कि अधिनियम कहता है कि योजना तैयार की जाएगी। योजना तैयार करने के लिए विशेषज्ञों, यातायात पुलिस, अग्निशमन विभाग द्वारा क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जाना जरूरी है।