गाजियाबादएक घंटा पहले
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सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन वापसी का औपचारिक ऐलान होते ही गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत मंच से इसकी जानकारी देंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा की महत्वपूर्ण बैठक आज दोपहर 12 बजे से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर होगी। इस बैठक में किसान आंदोलन वापसी का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है। बैठक के बाद सभी किसान नेता अपने-अपने मोर्चों पर जाकर किसानों को उनकी जीत बताएंगे और अपने घर वापस जाने के लिए कहेंगे। हालांकि इन सबसे पहले एसकेएम को केंद्र सरकार की हस्ताक्षरयुक्त कॉपी मिलने का इंतजार है, जिसमें सरकार ने किसानों की सभी मांगें मानने पर बिंदुवार सहमति जताई है। उम्मीद है कि यह कॉपी 12 बजे शुरू होने वाली बैठक से पहले एसकेएम को मिल जाएगी।
चलता-फिरता यह तंबू बुलंदशहर जिले के किसानों ने तैयार कराया है। इसमें डबल बैड, सोफे, एयर कंडीशन जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।
किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने की अपील
गाजीपुर बॉर्डर पर आज किसानों को इकट्ठे होने के लिए कहा गया है। इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की गई है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव पवन खटाना ने व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज भेजकर किसानों से बॉर्डर पहुंचने के लिए कहा है। इसी तरह दूसरे किसानर संगठनों ने भी अपने-अपने प्रतिनिधियों से गाजीपुर बॉर्डर के किसान क्रांति गेट पर पहुंचने की अपील की है।
टिकैत आकर देंगे फैसले की जानकारी
बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर चली बैठक में शामिल होने के बाद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत देर रात गाजीपुर बॉर्डर पर लौट आए। उन्होंने किसानों से इस बैठक पर चर्चा की। सिंघु बॉर्डर पर आज दोपहर 12 बजे से होने वाली बैठक में पुन: राकेश टिकैत जाएंगे। वहां आंदोलन वापसी का औपचारिक ऐलान होते ही टिकैत फिर से गाजीपुर बॉर्डर पर आएंगे और किसानों को संबोधित करेंगे। इसी तरह अन्य किसान नेता अपने-अपने मोर्चों पर जाकर किसानों को उनकी जीत के बारे में बताएंगे।
गाजीपुर बॉर्डर पर करीब एक किलोमीटर एरिया में किसानों के तंबुओं की बस्ती बसी हुई है। इसको हटाने में ही कई दिन लग जाएंगे।
एक्सप्रेस-वे खाली होने को चाहिए एक हफ्ता
किसानों का मानना है कि यदि आज अधिकारिक रूप से आंदोलन वापसी का ऐलान हो जाता है, तो भी उन्हें यहां से जाने में कई दिन लग जाएंगे। करीब एक किलोमीटर एरिया में किसानों के टैंट-तंबू लगे हुए हैं। इसमें कई पक्के निर्माण भी हैं। उन सबको समेटने में कई दिन का वक्त लग जाएगा। इसके बाद दिल्ली पुलिस अपनी बैरीकेडिंग हटाएगी। माना जा रहा है कि मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस को पूरी तरह खाली होने में करीब एक हफ्ते का वक्त लग सकता है।