एक ही परिवार के हुए तीन जिलाध्यक्ष, पिता, भाई और प्रणीत भाटी खुद, बीजेपी में सबसे आदर्श परिवार
गौरव शर्मा। रफ्तार टुडे। प्रणीत भाटी बहुचर्चित महेंद्र भाटी केस से बरी हुए उन्होंने इस मौके पर कहा कि यह सत्य की जीत है और मेरे परिवार और पार्टी की जीत है। उन्होंने कहा कि इस केस में मेरा नाम राजनीति की वजह से आया। उन्हें माननीय उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड नैनीताल के मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान व जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सबूतों के अभाव में निर्दोष घोषित कर बाइज्जत बरी कर दिया। कोर्ट ने ठोस सबूतों के अभाव में प्रणीत भाटी बरी दे दी है।
भाजपा में होते हुए भी यह परिवार फैसले की विरोध नहीं गया। क्योंकि भाजपा में एक ही परिवार के हुए तीन जिलाध्यक्ष, पिता, भाई और प्रणीत भाटी भी खुद जिलाध्यक्ष रहे है।ओर उसके बाद बीजेपी में प्रदेश महामंत्री किसान मोर्चा का दायित्व निर्वहन किया। बीजेपी में सबसे आदर्श परिवार है। एक ऐसा परिवार जिसने पूरा जीवन इसी पार्टी के लिए दे दिया। क्योंकि भारत में कोई उदाहरण नही मिलता। किसी भी विचारधारा व पार्टी में एक ही परिवार के तीन जिलाध्यक्ष रहे हों।
सीबीआई द्वारा पेश किए गए सबूतों और अभाव के आधार पर अदालत ने फरवरी 2021 में डीपी यादव, प्रणीत भाटी, पाल सिंह उर्फ लक्कड़पाला को बरी कर दिया।
बहुचर्चित विधायक महेंद्र भाटी हत्याकांड में पूर्व सांसद डीपी यादव, लक्कड़पाला, करण यादव को बरी करने के बाद आज प्रणीत भाटी को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
उच्च न्यायालय का यह आदेश लक्कड़पाला द्वारा दायर विशेष अपील पर आया है। अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठा करने में असमर्थ रही और एकत्रित किए गए सबूत परस्पर विरोधी हैं। इससे पहले उच्च न्यायालय ने उन्नतीस साल पुराने हत्याकांड में दोषी करार दिए गए पूर्व सांसद यादव को भी 30 नवंबर को मामले से बरी कर दिया था। आपको बता दें कि 15 दिसम्बर 1992 को विधायक महेंद्र सिंह भाटी की गाजियाबाद जिले में दादरी रेलवे क्रॉसिंग पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। हमले में भाटी के साथ उनका साथी उदय प्रकाश आर्य भी मारा गया था।