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Two Miscreants Of Metro Cable Theft Gang Arrested – मेट्रो की केबल चोरी करने वाले गैंग के दो बदमाश गिरफ्तार

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नई दिल्ली। मेट्रो की केबल चोरी में सक्रिय दो बदमाशों को स्पेशल स्टाफ ने गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से पुलिस ने पांच लाख रुपये कीमत की केबल और इसे काटने के औजार, वारदात में इस्तेमाल टेंपो और एक कार बरामद की है। पुलिस ने बदमाशों की गिरफ्तारी से पंद्रह मामले सुलझाने का दावा किया है।
मेट्रो पुलिस उपायुक्त जितेंद्र मणि ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों की पहचान राजपुर खुर्द, छत्तरपुर निवासी हैंड्रू परेरा और समालखा निवासी जितेंद्र कुमार के रूप में हुई है। मेेट्रो केबल चोरी की बढ़ती घटना को देखते हुए निरीक्षक अजय कुुमार के नेतृत्व में स्पेशल स्टाफ को जांच सौंपी गई।
जिन जगहों पर वारदात हुई थीं पुलिस ने वहां आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की। साथ ही मुखबिरों को भी सक्रिय किया। पुलिस को 15 दिसंबर की रात सूचना मिली कि मेट्रो के केबल चोरों का एक गैंग रिज रोड, जंगल क्षेत्र एयरपोर्ट मेट्रो टनल के पास चोरी करने आएगा। पुलिस टीम उस जगह पहुंची। वहां दो लोगों को एक टेंपो में केबल लादते हुए देखा। पास ही एक कार खड़ी थी। पुलिस ने दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
बदमाशों ने बताया कि उन्होंने मेट्रो ट्रैक धौला कुआं से शिवाजी स्टेडियम एयरपोर्ट मेट्रो टनल तक मेट्रो के केबल चुराए थे। चोरी की मेट्रो केबल को झाड़ियों में छिपा कर रख दिया था। 15 दिसंबर की रात वही केबल लेने आए थे। उन्होंने बताया कि बाद में वह केबल को कबाड़ी को बेच देते थे और उससे मिले पैसे को आपस में बांट लेते थे।
जांच में पता चला कि आरोपी पिछले एक साल से विभिन्न मेट्रो ट्रैक से केबल की चोरी कर चुके हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश गरीब परिवार से हैं। जुआ और नशे की लत को पूरा करने के लिए चोरी करते थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गैंग में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और केबल बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है।
नाले और जंगल के पास देते थे वारदात को अंजाम
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि उसके गैंग में छह से सात सदस्य हैं। गैंग के बदमाश नाले या फिर जंगली इलाके में मेट्रो ट्रैक पर चोरी को अंजाम देते थे। गैंग का एक बदमाश रस्सी की मदद से मेट्रो ट्रैक पर चढ़ जाता था। बिजली के झटके से बचने के लिए लकड़ी के डंडा से बंधे आरी (आयरन ब्लेड) की मदद लेता था।
ट्रैक के साथ गुजर रही केबल काटने के बाद वह उसे जमीन पर फेंक देता था। नीचे खडे़ बदमाश तुरंत उसे उठाकर झाड़ियों में छिपा देते थे या फिर अपने वाहनों में डाल लेते थे। मेट्रो ट्रैक पर खड़ा व्यक्ति रस्सी के सहारे नीचे उतर कर फरार हो जाता था।

नई दिल्ली। मेट्रो की केबल चोरी में सक्रिय दो बदमाशों को स्पेशल स्टाफ ने गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से पुलिस ने पांच लाख रुपये कीमत की केबल और इसे काटने के औजार, वारदात में इस्तेमाल टेंपो और एक कार बरामद की है। पुलिस ने बदमाशों की गिरफ्तारी से पंद्रह मामले सुलझाने का दावा किया है।

मेट्रो पुलिस उपायुक्त जितेंद्र मणि ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों की पहचान राजपुर खुर्द, छत्तरपुर निवासी हैंड्रू परेरा और समालखा निवासी जितेंद्र कुमार के रूप में हुई है। मेेट्रो केबल चोरी की बढ़ती घटना को देखते हुए निरीक्षक अजय कुुमार के नेतृत्व में स्पेशल स्टाफ को जांच सौंपी गई।

जिन जगहों पर वारदात हुई थीं पुलिस ने वहां आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की। साथ ही मुखबिरों को भी सक्रिय किया। पुलिस को 15 दिसंबर की रात सूचना मिली कि मेट्रो के केबल चोरों का एक गैंग रिज रोड, जंगल क्षेत्र एयरपोर्ट मेट्रो टनल के पास चोरी करने आएगा। पुलिस टीम उस जगह पहुंची। वहां दो लोगों को एक टेंपो में केबल लादते हुए देखा। पास ही एक कार खड़ी थी। पुलिस ने दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।

बदमाशों ने बताया कि उन्होंने मेट्रो ट्रैक धौला कुआं से शिवाजी स्टेडियम एयरपोर्ट मेट्रो टनल तक मेट्रो के केबल चुराए थे। चोरी की मेट्रो केबल को झाड़ियों में छिपा कर रख दिया था। 15 दिसंबर की रात वही केबल लेने आए थे। उन्होंने बताया कि बाद में वह केबल को कबाड़ी को बेच देते थे और उससे मिले पैसे को आपस में बांट लेते थे।

जांच में पता चला कि आरोपी पिछले एक साल से विभिन्न मेट्रो ट्रैक से केबल की चोरी कर चुके हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश गरीब परिवार से हैं। जुआ और नशे की लत को पूरा करने के लिए चोरी करते थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गैंग में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और केबल बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है।

नाले और जंगल के पास देते थे वारदात को अंजाम

पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि उसके गैंग में छह से सात सदस्य हैं। गैंग के बदमाश नाले या फिर जंगली इलाके में मेट्रो ट्रैक पर चोरी को अंजाम देते थे। गैंग का एक बदमाश रस्सी की मदद से मेट्रो ट्रैक पर चढ़ जाता था। बिजली के झटके से बचने के लिए लकड़ी के डंडा से बंधे आरी (आयरन ब्लेड) की मदद लेता था।

ट्रैक के साथ गुजर रही केबल काटने के बाद वह उसे जमीन पर फेंक देता था। नीचे खडे़ बदमाश तुरंत उसे उठाकर झाड़ियों में छिपा देते थे या फिर अपने वाहनों में डाल लेते थे। मेट्रो ट्रैक पर खड़ा व्यक्ति रस्सी के सहारे नीचे उतर कर फरार हो जाता था।

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