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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रोहिणी कोर्ट में हुई गोलीबारी से जुड़े मामले में टिल्लू ताजपुरिया समेत सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। गोलीबारी में पेशी पर आया गैंगस्टर जितेंद्र गोगी और वकीलों के भेष में आए दो हमलावर मारे गए थे। पुलिस ने कहा इस मामले में गहरी साजिश रची गई थी। इन हमलावरों को टिल्लू ताजपुरिया ने भेजा था।
प्रतिद्वंद्वी गिरोह के हमलावरों ने 24 सितंबर को कोर्ट रूम नंबर 207 में गोगी पर गोलियां चला दीं थीं। उस समय वहां गोगी के खिलाफ हत्या के मामले की सुनवाई हो रही थी।
दिल्ली पुलिस ने 20 दिसंबर को दायर 11 पृष्ठों के आरोपपत्र में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया और नवीन बाली, उमंग यादव, विनय यादव, आशीष यादव और दो मृतकों राहुल और जगदीप जग्गा को आरोपी बनाया गया है। आरोपपत्र में पुलिस ने मंडोली जेल में बंद टिल्लू द्वारा योजना तैयार करने से लेकर उसके पूरा होने तक घटना की पूरी जानकारी दी है।
पुलिस ने धारा 302 (हत्या), 120 बी (साजिश), 353 (हमला), 201 (सबूत नष्ट करना), 186 (सरकारी काम में बाधा डालना) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है।
कोर्ट रूम में हुई थी गोलीबारी
यह घटना अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गगनदीप सिंह की अध्यक्षता वाले कोर्ट रूम नंबर 207 में हुई थी। गोलीबारी की वीडियो फुटेज में दो हमलावर शामिल थे, गोलियों की आवाज सुनी गई
और पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच हाथापाई हुई। आरोपपत्र के मुताबिक शूटरों को एक आरोपी के घर पर एक महीने की ट्रेनिंग दी गई थी। इनमें से एक आरोपी पेशे से वकील था।
राष्ट्रीय राजधानी में रोहिणी कोर्ट पिछले दो महीनों से लगातार दो हमलों के बाद सुर्खियों में है, जिसने अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठाए थे।
24 सितंबर को पहली घटना में दिल्ली के शीर्ष गैंगस्टर जितेंद्र सिंह मान, उर्फ गोगी, को प्रतिद्वंद्वी टिलू ताजपुरिया गिरोह के दो हमलावरों ने वकीलों की आड़ में कोर्ट रूम में गोली मार दी थी। जवाबी फायरिंग में हमलावर भी मारे गए। गोगी की हत्या का मुख्य कारण दो प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच एक संघर्ष था।
हमलावरों के संपर्क में था ताजपुरिया
आरोपपत्र में कहा गया है कि टिल्लू ने 23 अगस्त को जगदीश और राहुल के रूप में पहचाने गए निशानेबाजों को भेजा था। वे गैंगस्टर गोगी की सुरक्षा व्यवस्था की जांच करने के लिए 13 सितंबर को पानीपत भी गए थे।
उन्होंने कहा कि राकेश ताजपुरिया ने हरियाणा में बंदूकें मुहैया कराई थीं। इसके अलावा वह व्हाट्सएप कॉल से लगातार उनके संपर्क में था। दिल्ली में एम्स के पास किसी व्यक्ति द्वारा हमलावरों को वकीलों की वर्दी दी गई थी।
कोर्ट परिसर में हो चुकी हैं दो वारदात
आरोपपत्र दूसरी घटना के 13 दिन बाद दायर किया गया है। नौ दिसंबर को रोहिणी अदालत परिसर के कोर्ट रूम नंबर 102 में कम तीव्रता वाला विस्फोट हुआ था। इसमें विस्फोट के दायरे में मौजूद एक व्यक्ति घायल हो गया था। बाद में डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक को गिरफ्तार किया गया था।
जांच में पता चला कि वैज्ञानिक और एक वकील करीब तीन साल पहले तक एक ही बिल्डिंग में रह रहे थे। उनका 10 साल से अधिक समय से विवाद चल रहा था। उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ एक दर्जन से अधिक दीवानी और आपराधिक मामले दायर किए थे।
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रोहिणी कोर्ट में हुई गोलीबारी से जुड़े मामले में टिल्लू ताजपुरिया समेत सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। गोलीबारी में पेशी पर आया गैंगस्टर जितेंद्र गोगी और वकीलों के भेष में आए दो हमलावर मारे गए थे। पुलिस ने कहा इस मामले में गहरी साजिश रची गई थी। इन हमलावरों को टिल्लू ताजपुरिया ने भेजा था।
प्रतिद्वंद्वी गिरोह के हमलावरों ने 24 सितंबर को कोर्ट रूम नंबर 207 में गोगी पर गोलियां चला दीं थीं। उस समय वहां गोगी के खिलाफ हत्या के मामले की सुनवाई हो रही थी।
दिल्ली पुलिस ने 20 दिसंबर को दायर 11 पृष्ठों के आरोपपत्र में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया और नवीन बाली, उमंग यादव, विनय यादव, आशीष यादव और दो मृतकों राहुल और जगदीप जग्गा को आरोपी बनाया गया है। आरोपपत्र में पुलिस ने मंडोली जेल में बंद टिल्लू द्वारा योजना तैयार करने से लेकर उसके पूरा होने तक घटना की पूरी जानकारी दी है।
पुलिस ने धारा 302 (हत्या), 120 बी (साजिश), 353 (हमला), 201 (सबूत नष्ट करना), 186 (सरकारी काम में बाधा डालना) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है।
कोर्ट रूम में हुई थी गोलीबारी
यह घटना अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गगनदीप सिंह की अध्यक्षता वाले कोर्ट रूम नंबर 207 में हुई थी। गोलीबारी की वीडियो फुटेज में दो हमलावर शामिल थे, गोलियों की आवाज सुनी गई
और पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच हाथापाई हुई। आरोपपत्र के मुताबिक शूटरों को एक आरोपी के घर पर एक महीने की ट्रेनिंग दी गई थी। इनमें से एक आरोपी पेशे से वकील था।
राष्ट्रीय राजधानी में रोहिणी कोर्ट पिछले दो महीनों से लगातार दो हमलों के बाद सुर्खियों में है, जिसने अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठाए थे।
24 सितंबर को पहली घटना में दिल्ली के शीर्ष गैंगस्टर जितेंद्र सिंह मान, उर्फ गोगी, को प्रतिद्वंद्वी टिलू ताजपुरिया गिरोह के दो हमलावरों ने वकीलों की आड़ में कोर्ट रूम में गोली मार दी थी। जवाबी फायरिंग में हमलावर भी मारे गए। गोगी की हत्या का मुख्य कारण दो प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच एक संघर्ष था।
हमलावरों के संपर्क में था ताजपुरिया
आरोपपत्र में कहा गया है कि टिल्लू ने 23 अगस्त को जगदीश और राहुल के रूप में पहचाने गए निशानेबाजों को भेजा था। वे गैंगस्टर गोगी की सुरक्षा व्यवस्था की जांच करने के लिए 13 सितंबर को पानीपत भी गए थे।
उन्होंने कहा कि राकेश ताजपुरिया ने हरियाणा में बंदूकें मुहैया कराई थीं। इसके अलावा वह व्हाट्सएप कॉल से लगातार उनके संपर्क में था। दिल्ली में एम्स के पास किसी व्यक्ति द्वारा हमलावरों को वकीलों की वर्दी दी गई थी।
कोर्ट परिसर में हो चुकी हैं दो वारदात
आरोपपत्र दूसरी घटना के 13 दिन बाद दायर किया गया है। नौ दिसंबर को रोहिणी अदालत परिसर के कोर्ट रूम नंबर 102 में कम तीव्रता वाला विस्फोट हुआ था। इसमें विस्फोट के दायरे में मौजूद एक व्यक्ति घायल हो गया था। बाद में डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक को गिरफ्तार किया गया था।
जांच में पता चला कि वैज्ञानिक और एक वकील करीब तीन साल पहले तक एक ही बिल्डिंग में रह रहे थे। उनका 10 साल से अधिक समय से विवाद चल रहा था। उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ एक दर्जन से अधिक दीवानी और आपराधिक मामले दायर किए थे।