पानीपत37 मिनट पहले
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मामले की जानकारी देते राणा सिंह।
हरियाणा के पानीपत जिले में पिछले कई दिनों से भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच आपसी मतभेद चल रहा है। जगह-जगह कार्यकर्ताओं की अनदेखी होने के आरोप के चलते कार्यकर्ता धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं। जिला अध्यक्ष के पुतले फूंक रहे हैं और लगातार पार्टी को छोड़ने की चेतावनी भी दे रहे थे। इसी बीच शुक्रवार को पानीपत बीजेपी किसान मोर्चा के 15 गांव के मंडल अध्यक्ष राणा सिंह ने कार्यकारिणी को भंग करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा की पार्टी ने सभी से भाईचारा तुड़वा कर उन्हें कहीं जाने लायक नहीं छोड़ा और अब पार्टी कार्यकर्ताओं की सुनवाई भी नहीं कर रही है।
बीजेपी से परेशान होकर 15 गांव के मंडल अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
जानकारी देते हुए भाजपा सिवाह से किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष राणा सिंह ने बताया कि पार्टी में सभी कार्यकर्ताओं की पूरी तरह से अनदेखी हो रही है। किसी भी कार्यकर्ता के कोई काम नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं अगर वे इन सभी समस्याओं के बारे में विधायक, एमपी, प्रदेशाध्यक्ष सहित तमाम बीजेपी के बड़े व छोटे कार्यकर्ताओं से बात करते हैं तो वह भी उनका संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं। किसी भी कार्यकर्ता से फोन पर बात करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। बावजूद इसके बात नहीं हो पाती है। पार्टी में न ही कोई काम होता है और न ही किसी को कोई अहमियत दी जाती है।
जिला अध्यक्ष अर्चना गुप्ता पर लगाए प्रताड़ित करने के आरोप
राणा सिंह ने पानीपत जिला अध्यक्ष अर्चना गुप्ता पर प्रताड़ित करने तक के आरोप लगाए हैं। राणा सिंह कहा है कि अर्चना गुप्ता 1 महीने में 20 से 25 बार कार्यकर्ताओं की मीटिंग लेती है वह मीटिंग अपनी सूरत के हिसाब से लेती है दोपहर 2:00 से 2:30 तक वह पहले अपने क्लीनिक में ओपीडी पूरी करती हैं इसके बाद एक छोटे से मैसेज पर इमीडिएट मीटिंग बुलाई जाती है। अगर उनसे कार्यकर्ता किसी भी तरह की समस्याओं की बात करते हैं तो वह पार्टी से निकाले जाने तक की धमकियां देती हैं। राणा सिंह का कहना है कि जब से अर्चना गुप्ता जिला अध्यक्ष बनी है तब से पार्टी के कार्यकर्ताओं में बिखराव शुरू हो गया है।
प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं, काम नहीं होंगे, बस फूल की खुशबू लिए जाओ
प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ न ही फोन उठाते हैं और न ही व्हाट्सएप पर मैसेज का जवाब देते हैं। राणा सिंह का कहना है कि जब भी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ से इस समस्याओं के बारे में बात करते हैं तो वे अक्सर यही कहते हैं कि पार्टी में काम नहीं होंगे, बस फूल की खुशबू लिए जाओ।