सार
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भी बाजार में उमड़ी जबरदस्त भीड़।कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ी, एनडीएमसी ने हटवाया अतिक्रमण।
कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बाद भी राजधानी के सरोजनी नगर बाजार में हालात जस के तस हैं। सप्ताहांत के मौके पर उमड़ी जबरदस्त भीड़ ने क्रिसमस और नए साल के लिए बेफिक्र होकर खरीदारी की। वहां न तो हाईकोर्ट की सख्ती का असर नजर आया और न ही सम-विषम फार्मूले का। एहतियात के नाम पर सिर्फ मास्क लगाया गया था। शनिवार को सम-विषम के आधार पर दुकानें जरूर खुलीं, लेकिन सामाजिक दूरी कहीं नजर नहीं आई।
अगर मौजूदा हालात जल्द नहीं सुधरे तो ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकना बेहद मुश्किल हो जाएगा। मार्केट में शनिवार को अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्रवाई के दो घंटे बाद ही भीड़ पहले जैसे उमड़ी रही। बाजार के बाहर पटरियों पर सामान की बिक्री की जा रही थी। कार्रवाई के थोड़ी देर बाद अंदर ही फेरी वाले बाजार में घूमते दिखाई दिए। हाईकोर्ट की फटकार के बाद विभागों ने अपने स्तर पर कार्रवाई की, मगर हालात में कोई खास सुधार नहीं दिखा। ‘अमर उजाला’ संवाददाता सर्वेश कुमार ने सरोजनी नगर बाजार के हालात का जायजा लिया। पेश है रिपोर्ट…
कार्रवाई के कुछ घंटे बाद ही हालात जस के तस
बाजार में प्रवेश और निकास के लिए छह गेट जरूर बनाए गए हैं, लेकिन अंदर जाते ही लोग नियमों को भूल गए। नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने भीड़ को काबू करने के शनिवार सुबह पटरी और दुकानों के बाहर से अतिक्रमण हटाया। इससे न तो भीड़ कम हुई और न ही बिक्री करने वालों की संख्या में कोई कमी आई। फर्क इतना आया कि सम-विषम आधार पर दुकानें खुलीं और कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को अतिक्रमण को हटा लिया गया।
हालांकि, दो से तीन घंटे बाद ही दुकानदार बाजार में घूमकर सामान बेचते नजर आए। हर तरफ ग्राहकों की भीड़ में जिसे जहां जगह मिली, वहीं खरीद-बिक्री शुरू कर दी। कई लोगों को मार्केट के अंदर जब बैठने की जगह नहीं मिली तो हाथ में बैग और स्टूल पर खड़े होकर ही सामान बेचने लगे। इस दौरान कुछ फेरीवाले आवाज लगाते नजर आए कि रविवार से यह सामान मार्केट में नहीं मिलेगा। इसे सुनकर ग्राहकों का ध्यान खरीदारी पर और अधिक हो गया। इससे पहले एनडीएमसी, पुलिस और प्रशासन की टीम ने पटरी और दुकानों के सामने से अतिक्रमण हटाया।
ऑड-ईवन से कारोबारियों को 50 फीसदी का नुकसान
सरोजिनी नगर मिनी मार्केट के प्रधान अशोक रंधावा ने कहा कि अचानक ऑड-ईवन का फैसला लागू किए जाने से कारोबारियों को करीब 50 फीसदी तक का नुकसान होगा। सभी दुकानें इसी आधार पर शनिवार को बंद रहीं। ऑड ईवन फिलहाल दो दिन के लिए लागू किया गया है, मगर इसे बढ़ाया गया तो नुकसान और बढ़ जाएगा। कोरोना काल में वित्तीय नुकसान झेलने के बाद भी त्योहारी सीजन में दुकानें बंद होने से उन्हें सीधा नुकसान हो रहा है।
दुकानों के बाहर पटरियां लगाने वालों के कारण भीड़ और अधिक होती है। सभी दुकानों के बाहर मास्क के बगैर एंट्री नहीं होने के नोटिस चिपकाए गए हैं। सभी दुकानदारों ने टीकाकरण करा लिया है, ताकि विक्रेताओं की तरफ से किसी तरह की दिक्कत न हो। रंधावा ने कहा कि वह इस फैसले के साथ हैं, मगर सरोजनी नगर मार्केट के अलावा लाजपत नगर, गांधी नगर, चांदनी चौक, लक्ष्मी नगर मार्केट में यह नियम क्यों नहीं लागू किया जा रहा है।
सभी बाजारों के लिए एक हो मानदंड
रंधावा ने कहा कि दिल्ली के सभी बाजार खुले हैं तो सरोजिनी नगर मार्केट को ही संभावित सुपर स्प्रेडर क्यों माना जा रहा है। अगर हमें कोविड और ओमिक्रॉन से लड़ना है तो सभी के लिए मानदंड एक होना चाहिए। लोगों के बाजार में पहुंचने पर कोई पाबंदी नहीं तो दुकानदारों के साथ ऐसा क्यों? क्योंकि, संक्रमण तो किसी बाजार विशेष को देखकर नहीं आता है।
एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर एनडीएमसी की प्रवर्तन टीम, दिल्ली पुलिस, सिविल डिफेंस और सशस्त्र बल को भी मार्केट के छह प्रवेश और निकास गेट पर तैनात किया गया है। भीड़ रोकने के लिए प्रवेश-निकास के तीन-तीन गेट सुनिश्चित किए गए हैं। जिला प्रशासन ने सप्ताहांत पर दुकानों और तहबाजारी को सम-विषम आधार पर खोलने का आदेश लागू कर दिया। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बाजार के हितधारकों के साथ हुई बैठक में कहा गया है कि किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इन्होंने कहा…
कोर्ट के आदेश पर प्रशासन, एनडीएमसी और पुलिस टीम ने अतिक्रमण को हटाया। सभी को मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और सामाजिक दूरी रखने की उद्घोषणा की जा रही है। ऑड-ईवन लागू होने से भीड़ में कमी होने की उम्मीद है।
– ओमदत्त शर्मा, वॉलंटियर
-ऑड- ईवन लागू होने से दुकानदारों को नुकसान होगा। पिछले दो साल से दुकानदारों की वित्तीय स्थिति खराब है। ग्राहकों की बढ़ती भीड़ को काबू और बिक्री के लिए कोई ऐसा रास्ता निकालना चाहिए ताकि किसी एक पक्ष का अधिक नुकसान न हो।
– रमेश अरोड़ा, दुकानदार
पिछले 10 साल से तहबाजारी के तहत दुकानें लगा रही हूं। एक दिन छोड़कर दुकान खोलने की इजाजत मिलने से काम थोड़ा कम होगा, मगर अगर कोरोना से बचाव होता है तो इसके लिए तैयार हूं।
-कंचन, दुकानदार
सम-विषम का सभी दुकानदार पालन कर रहे हैं। सभी दुकानों पर नोटिस चस्पा किया गया है कि मास्क के बगैर प्रवेश की इजाजत नहीं है। दुकानदारों की पूरी कोशिश है कि नियमों का पालन किया जाए।
– लक्ष्य, दुकानदार
भीड़ को काबू करने और कोविड नियमों का सख्ती से पालन करवाने में सभी का सहयोग जरूरी है। दोपहर बाद से सिविल डिफेंस कर्मी मार्केट में गश्त करते रहे और शाम को पुलिस घूमती नजर आई।
– गौरव, दुकानदार
सम-विषम लागू होने से थोड़ी राहत मिलेगी, मगर मार्केट में नियमों का सभी सख्ती से पालन करें। इस दिशा में सभी को आगे बढ़ना होगा। तभी कोरोना संक्रमण को मात दी जा सकती है।
– विनोद खन्ना
विस्तार
कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बाद भी राजधानी के सरोजनी नगर बाजार में हालात जस के तस हैं। सप्ताहांत के मौके पर उमड़ी जबरदस्त भीड़ ने क्रिसमस और नए साल के लिए बेफिक्र होकर खरीदारी की। वहां न तो हाईकोर्ट की सख्ती का असर नजर आया और न ही सम-विषम फार्मूले का। एहतियात के नाम पर सिर्फ मास्क लगाया गया था। शनिवार को सम-विषम के आधार पर दुकानें जरूर खुलीं, लेकिन सामाजिक दूरी कहीं नजर नहीं आई।
अगर मौजूदा हालात जल्द नहीं सुधरे तो ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकना बेहद मुश्किल हो जाएगा। मार्केट में शनिवार को अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्रवाई के दो घंटे बाद ही भीड़ पहले जैसे उमड़ी रही। बाजार के बाहर पटरियों पर सामान की बिक्री की जा रही थी। कार्रवाई के थोड़ी देर बाद अंदर ही फेरी वाले बाजार में घूमते दिखाई दिए। हाईकोर्ट की फटकार के बाद विभागों ने अपने स्तर पर कार्रवाई की, मगर हालात में कोई खास सुधार नहीं दिखा। ‘अमर उजाला’ संवाददाता सर्वेश कुमार ने सरोजनी नगर बाजार के हालात का जायजा लिया। पेश है रिपोर्ट…
कार्रवाई के कुछ घंटे बाद ही हालात जस के तस
बाजार में प्रवेश और निकास के लिए छह गेट जरूर बनाए गए हैं, लेकिन अंदर जाते ही लोग नियमों को भूल गए। नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने भीड़ को काबू करने के शनिवार सुबह पटरी और दुकानों के बाहर से अतिक्रमण हटाया। इससे न तो भीड़ कम हुई और न ही बिक्री करने वालों की संख्या में कोई कमी आई। फर्क इतना आया कि सम-विषम आधार पर दुकानें खुलीं और कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को अतिक्रमण को हटा लिया गया।
हालांकि, दो से तीन घंटे बाद ही दुकानदार बाजार में घूमकर सामान बेचते नजर आए। हर तरफ ग्राहकों की भीड़ में जिसे जहां जगह मिली, वहीं खरीद-बिक्री शुरू कर दी। कई लोगों को मार्केट के अंदर जब बैठने की जगह नहीं मिली तो हाथ में बैग और स्टूल पर खड़े होकर ही सामान बेचने लगे। इस दौरान कुछ फेरीवाले आवाज लगाते नजर आए कि रविवार से यह सामान मार्केट में नहीं मिलेगा। इसे सुनकर ग्राहकों का ध्यान खरीदारी पर और अधिक हो गया। इससे पहले एनडीएमसी, पुलिस और प्रशासन की टीम ने पटरी और दुकानों के सामने से अतिक्रमण हटाया।
ऑड-ईवन से कारोबारियों को 50 फीसदी का नुकसान
सरोजिनी नगर मिनी मार्केट के प्रधान अशोक रंधावा ने कहा कि अचानक ऑड-ईवन का फैसला लागू किए जाने से कारोबारियों को करीब 50 फीसदी तक का नुकसान होगा। सभी दुकानें इसी आधार पर शनिवार को बंद रहीं। ऑड ईवन फिलहाल दो दिन के लिए लागू किया गया है, मगर इसे बढ़ाया गया तो नुकसान और बढ़ जाएगा। कोरोना काल में वित्तीय नुकसान झेलने के बाद भी त्योहारी सीजन में दुकानें बंद होने से उन्हें सीधा नुकसान हो रहा है।
दुकानों के बाहर पटरियां लगाने वालों के कारण भीड़ और अधिक होती है। सभी दुकानों के बाहर मास्क के बगैर एंट्री नहीं होने के नोटिस चिपकाए गए हैं। सभी दुकानदारों ने टीकाकरण करा लिया है, ताकि विक्रेताओं की तरफ से किसी तरह की दिक्कत न हो। रंधावा ने कहा कि वह इस फैसले के साथ हैं, मगर सरोजनी नगर मार्केट के अलावा लाजपत नगर, गांधी नगर, चांदनी चौक, लक्ष्मी नगर मार्केट में यह नियम क्यों नहीं लागू किया जा रहा है।
सभी बाजारों के लिए एक हो मानदंड
रंधावा ने कहा कि दिल्ली के सभी बाजार खुले हैं तो सरोजिनी नगर मार्केट को ही संभावित सुपर स्प्रेडर क्यों माना जा रहा है। अगर हमें कोविड और ओमिक्रॉन से लड़ना है तो सभी के लिए मानदंड एक होना चाहिए। लोगों के बाजार में पहुंचने पर कोई पाबंदी नहीं तो दुकानदारों के साथ ऐसा क्यों? क्योंकि, संक्रमण तो किसी बाजार विशेष को देखकर नहीं आता है।
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