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The Accused Used The Data Card Of England To Threaten The Union Minister – ब्लैकमेलिंग का मामला : केंद्रीय मंत्री को धमकाने के लिए आरोपियों ने किया था इंग्लैंड के डाटा कार्ड का इस्तेमाल

पुरुषोत्तम वर्मा, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Mon, 27 Dec 2021 04:16 AM IST

सार

रोमानिया, अमेरिका, फ्रांस और इंग्लैंड के बाद भारत आती थी कॉल। एप के माध्यम से बंद हो चुका नंबर मंत्री के मोबाइल पर होता था फ्लैश। कई देशों की सहायता के बाद आरोपियों तक पहुंची दिल्ली पुलिस।

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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी को ब्लैकमेल करने के लिए आरोपियों ने कई तकनीकों का इस्तेमाल किया, लेकिन फिर भी वह पुलिस के जाल में फंस गए। धमकी भरी कॉल करने के लिए इंग्लैंड का डाटा कार्ड तक खरीदा गया। इसके माध्यम से आरोपियों की कॉल पहले विदेशों में जाती थी और वहां से भारत में आती थी। गिरोह का मुख्य मास्टर माइंड कबीर वर्मा है और वह ठगी के मामले में हाल ही में जेल से बाहर आया था। आरोपियों के चारों मोबाइल फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने अमित कुमार के नाम से भारत में रहते हुए ही इंग्लैंड का डाटा कार्ड खरीदा। बाद में आईटी एक्सपर्ट अमित कुमार ने एक एप बनाया, जिसके जरिए पीड़ित के मोबाइल पर बंद हो चुका मोबाइल नंबर फ्लैश होता था। इस डाटा कार्ड से कॉल पहले रोमानिया, अमेरिका, फ्रांस व इंग्लैंड जाती थी और वहां से भारत में टेनी के मोबाइल पर आती थी। अमित कुमार ने जो एप विकसित किया है उससे मंत्री के मोबाइल पर भारत का ऐसा नंबर फ्लैश होता था जो अस्तित्व में ही नहीं है। इस तरह आरोपियों को पकड़ना मुश्किल था। इस जांच में नार्थ एवेन्यू थाने की पुलिस के साथ तिलक मार्ग थाने में तैनात तफ्तीश इंस्पेक्टर विशाल चौधरी को लगाया गया। विशाल हाल ही में सीबीआई डेपूटेशन से दिल्ली पुलिस में आए हैं।

मामला गंभीर होने के कारण दिल्ली पुलिस ने अमेरिका, रोमानिया व इंग्लैंड की सुरक्षा एजेंसियों व एक्सपर्ट की सहायता ली। इसके बाद दिल्ली पुलिस विदेशी डाटा कार्ड खरीदने वाले अमित कुमार तक पहुंच गई। पुलिस ने अमित कुमार व कबीर वर्मा को पकड़ लिया। इसके बाद बाकी आरोपी पकड़े गए। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस तरह की कॉल को स्पूफिंग कॉल कहते हैं। ब्लैकमेल करने के लिए इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल करने का मामला पहली बार सामने आया है। 

पहली कॉल पर ही दर्ज हो गया था मामला
नई दिल्ली जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपियों ने धमकी भरी पहली कॉल 17 दिसंबर को की थी। केंद्रीय मंत्री की ज्यादातर कॉल उनके निजी सचिव अमित मिश्रा ही उठाते हैं। पहली कॉल आने के बाद ही नार्थ एवेन्यू थाने में मामला दर्ज करा दिया गया था। इसके बाद आरोपियों को फंसाने के लिए पुलिस कोई न कोई बहाना बनाकर कॉल करवाती रही। 

आरोपियों की सभी कॉल रिकार्ड
आरोपी जब केंद्रीय मंत्री को कॉल कर रहे थे तो मंत्री ने अपने मोबाइल में रिकार्डिंग करना शुरू कर दिया था। ऐसे में पुलिस आरोपियों की आवाज का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजेगी और मोबाइल रिकार्डिंग से मिलाएगी। कबीर वर्मा व अमित ने यह कॉल अमित काला, निशांत व प्रभात से करवाई थी। पुलिस प्रभात की तलाश कर रही है। उसकी गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दी जा रही है। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की जाने वाली आल्टो कार बरामद कर ली है। इसी से आरोपी नोएडा के सेक्टर-15 में जाकर कॉल करते थे।

विस्तार

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी को ब्लैकमेल करने के लिए आरोपियों ने कई तकनीकों का इस्तेमाल किया, लेकिन फिर भी वह पुलिस के जाल में फंस गए। धमकी भरी कॉल करने के लिए इंग्लैंड का डाटा कार्ड तक खरीदा गया। इसके माध्यम से आरोपियों की कॉल पहले विदेशों में जाती थी और वहां से भारत में आती थी। गिरोह का मुख्य मास्टर माइंड कबीर वर्मा है और वह ठगी के मामले में हाल ही में जेल से बाहर आया था। आरोपियों के चारों मोबाइल फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने अमित कुमार के नाम से भारत में रहते हुए ही इंग्लैंड का डाटा कार्ड खरीदा। बाद में आईटी एक्सपर्ट अमित कुमार ने एक एप बनाया, जिसके जरिए पीड़ित के मोबाइल पर बंद हो चुका मोबाइल नंबर फ्लैश होता था। इस डाटा कार्ड से कॉल पहले रोमानिया, अमेरिका, फ्रांस व इंग्लैंड जाती थी और वहां से भारत में टेनी के मोबाइल पर आती थी। अमित कुमार ने जो एप विकसित किया है उससे मंत्री के मोबाइल पर भारत का ऐसा नंबर फ्लैश होता था जो अस्तित्व में ही नहीं है। इस तरह आरोपियों को पकड़ना मुश्किल था। इस जांच में नार्थ एवेन्यू थाने की पुलिस के साथ तिलक मार्ग थाने में तैनात तफ्तीश इंस्पेक्टर विशाल चौधरी को लगाया गया। विशाल हाल ही में सीबीआई डेपूटेशन से दिल्ली पुलिस में आए हैं।

मामला गंभीर होने के कारण दिल्ली पुलिस ने अमेरिका, रोमानिया व इंग्लैंड की सुरक्षा एजेंसियों व एक्सपर्ट की सहायता ली। इसके बाद दिल्ली पुलिस विदेशी डाटा कार्ड खरीदने वाले अमित कुमार तक पहुंच गई। पुलिस ने अमित कुमार व कबीर वर्मा को पकड़ लिया। इसके बाद बाकी आरोपी पकड़े गए। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस तरह की कॉल को स्पूफिंग कॉल कहते हैं। ब्लैकमेल करने के लिए इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल करने का मामला पहली बार सामने आया है। 

पहली कॉल पर ही दर्ज हो गया था मामला

नई दिल्ली जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपियों ने धमकी भरी पहली कॉल 17 दिसंबर को की थी। केंद्रीय मंत्री की ज्यादातर कॉल उनके निजी सचिव अमित मिश्रा ही उठाते हैं। पहली कॉल आने के बाद ही नार्थ एवेन्यू थाने में मामला दर्ज करा दिया गया था। इसके बाद आरोपियों को फंसाने के लिए पुलिस कोई न कोई बहाना बनाकर कॉल करवाती रही। 

आरोपियों की सभी कॉल रिकार्ड

आरोपी जब केंद्रीय मंत्री को कॉल कर रहे थे तो मंत्री ने अपने मोबाइल में रिकार्डिंग करना शुरू कर दिया था। ऐसे में पुलिस आरोपियों की आवाज का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजेगी और मोबाइल रिकार्डिंग से मिलाएगी। कबीर वर्मा व अमित ने यह कॉल अमित काला, निशांत व प्रभात से करवाई थी। पुलिस प्रभात की तलाश कर रही है। उसकी गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दी जा रही है। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की जाने वाली आल्टो कार बरामद कर ली है। इसी से आरोपी नोएडा के सेक्टर-15 में जाकर कॉल करते थे।

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