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The pace of corona infection increased, more than 21 days of December, cases were found in six days | कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ी, दिसंबर के 21 दिन से अधिक छह दिन में केस मिले

गुड़गांव42 मिनट पहले

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कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाते हु� - Dainik Bhaskar

कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाते हु�

  • कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का भी एक केस मिला, 24 घंटे में कोरोना के 61 नए केस आए सामने

कोरोना संक्रमण की रफ्तार एकाएक तेज होती जा रही है। जिला में कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक सप्ताह में ही तीन गुणा बढ़ी है। दिसंबर महीने के 21 दिन से अधिक केस अंतिम छह दिन में मिले हैं। 21 दिसंबर तक गुड़गांव में कुल 284 केस सामने आए थे, जबकि पिछले छह दिन में ही 293 केस मिल चुके हैं। यही वजह है कि एक्टिव केस भी एक सप्ताह में 99 से बढ़कर 317 हो गए हैं। सबसे बड़ी चिंता ये है कि रिकवर होने में भी पेशेंट को समय अधिक लग रहा है। सोमवार को गुड़गांव में 24 घंटे में 61 नए पेशेंट मिले, जबकि 13 पेशेंट रिकवर होकर घर लौटे। दूसरी ओर कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन भी गुड़गांव तक पहुंच गया है। रविवार देर रात गुड़गांव में यूके से लौटे एक पेशेंट की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है।

गुड़गांव में हरियाणा के अन्य 21 जिलों से अधिक कोरोना संक्रमण के केस मिल रहे हैं। हालात ये है कि 50 फीसदी से अधिक एक्टिव केस अकेले गुड़गांव में हैं। रविवार शाम तक हरियाणा में कुल 472 एक्टिव थे, जिनमें से 269 एक्टिव केस अकेले गुड़गांव के शामिल हैं। इसके अलावा गुड़गांव में तेजी से कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोरोना टेस्ट भी बढ़ा दिए गए हैं। पिछले एक सप्ताह से पांच हजार से अधिक लोगों के टेस्ट रोजाना किए जा रहे हैं। जिनमें से 90 फीसदी टेस्ट आरटीपीसीआर किए जा रहे हैं, जबकि 10 फीसदी टेस्ट रैपिड एंटीजन से किए जा रहे हैं।

दिसंबर महीने के 27 दिन में मिले 577 नए केस

गुड़गांव में कोरोना संक्रमण की रफ्तार नवंबर के मुकाबले दोगुना से अधिक हो गई है। नवंबर महीने में केवल 284 केस मिले थे, जबकि दिसंबर महीने के 27 दिन में ही 577 केस सामने आ चुके हैं। इसके अलावा रिकवर होने वाले पेशेंट की संख्या कम हो गई है, जिससे एक्टिव केस में तेजी से बढ़ोतरी होती जा रही है। 27 दिन में केवल 322 पेशेंट ही रिकवर हुए हैं, जिससे एक्टिव का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।

गुडगांव में नहीं जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा
गुड़गांव में नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पहचान के लिए जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा गुड़गांव में नहीं है। जिसके लिए सेम्पल एनसीडीसी दिल्ली भेजे जाते हैं, जहां से सात दिन में रिपोर्ट मिल रही है। इसके तहत इसमें मरीज के शरीर से वायरस का सैंपल लिया जाता है और लैब में बेहद ताकतवर कंप्यूटर के जरिए उसकी आनुवंशिक संरचना का पता लगाते हैं. इससे उसका जेनेटिक कोड निकल आता है।

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