अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 31 Dec 2021 06:09 AM IST
सार
दिल्ली सरकार ने इस साल मार्च में इस कॉलेज को डीयू से अलग कर अंबेडकर विवि में जोड़ने का फैसला किया था। इस साल कॉलेज में दाखिले नहीं हुए हैं।
दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दाखिले होंगे या नहीं, इस पर संशय बना हुआ है। इसका कारण यह है कि यह कॉलेज अब तक डीयू और दिल्ली सरकार के बीच अटका हुआ है। दिल्ली सरकार ने मार्च 2021 में हुई कैबिनेट की बैठक में इस कॉलेज को अंबेडकर विश्वविद्यालय में जोडने का फैसला किया था। अब तक यह कॉलेज डीयू से संबद्ध है और दिल्ली सरकार से वित्त पोषित है।
डीयू की कार्यकारी परिषद(ईसी) ने इस कॉलेज में दाखिले की सिफारिश की थी। जिससे कि छात्रों को किसी प्रकार का नुकसान ना हो। ईसी सदस्यों का कहना है कि दाखिले नहीं करके अनैतिक काम किया जा रहा है। कॉलेज को डीयू से अलग करने केफैसले को कार्यकारी परिषद ने एक कमेटी बनाई थी। जिसने कॉलेज को अलग करने के फैसले को रद किया था।
डीयू कार्यकारी परिषद सदस्य डॉ सीमा दास ने बताया कि कॉलेज ऑफ आर्ट दिल्ली विश्वविद्यालय से अब भी संबद्ध है और दिल्ली सरकार से वित्त पोषित है। यहां दाखिले होने चाहिएं लेकिन कॉलेज स्तर पर इन्हें नहीं किया जा रहा है। यहां दाखिले कॉलेज अपने स्तर पर टेस्ट के माध्यम से करता है।
डीयू ईसी इस मामले को लेकर एक कमेटी बना चुकी है। जिसने इस कॉलेज को अलग करने के फैसले को रद किया था। इसे डीयू से अलग नहीं किया जा सकता है। मालूम हो कि कॉलेज डीयू से असंबद्ध होने के बाद ही अंबेडकर विवि में जुड़ सकता है। डॉ दास ने कहा कि अब एक दूसरी कमेटी बनाई गई है। जिसके तहत दिल्ली सरकार केउच्च शिक्षा विभाग से बातचीत की जा रही है। कमेटी हर तरह की जांच पड़ताल भी कर रही है। विभाग को भी बोला गया है कि दाखिले लिए जाने चाहिएं।
विस्तार
दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दाखिले होंगे या नहीं, इस पर संशय बना हुआ है। इसका कारण यह है कि यह कॉलेज अब तक डीयू और दिल्ली सरकार के बीच अटका हुआ है। दिल्ली सरकार ने मार्च 2021 में हुई कैबिनेट की बैठक में इस कॉलेज को अंबेडकर विश्वविद्यालय में जोडने का फैसला किया था। अब तक यह कॉलेज डीयू से संबद्ध है और दिल्ली सरकार से वित्त पोषित है।
डीयू की कार्यकारी परिषद(ईसी) ने इस कॉलेज में दाखिले की सिफारिश की थी। जिससे कि छात्रों को किसी प्रकार का नुकसान ना हो। ईसी सदस्यों का कहना है कि दाखिले नहीं करके अनैतिक काम किया जा रहा है। कॉलेज को डीयू से अलग करने केफैसले को कार्यकारी परिषद ने एक कमेटी बनाई थी। जिसने कॉलेज को अलग करने के फैसले को रद किया था।
डीयू कार्यकारी परिषद सदस्य डॉ सीमा दास ने बताया कि कॉलेज ऑफ आर्ट दिल्ली विश्वविद्यालय से अब भी संबद्ध है और दिल्ली सरकार से वित्त पोषित है। यहां दाखिले होने चाहिएं लेकिन कॉलेज स्तर पर इन्हें नहीं किया जा रहा है। यहां दाखिले कॉलेज अपने स्तर पर टेस्ट के माध्यम से करता है।
डीयू ईसी इस मामले को लेकर एक कमेटी बना चुकी है। जिसने इस कॉलेज को अलग करने के फैसले को रद किया था। इसे डीयू से अलग नहीं किया जा सकता है। मालूम हो कि कॉलेज डीयू से असंबद्ध होने के बाद ही अंबेडकर विवि में जुड़ सकता है। डॉ दास ने कहा कि अब एक दूसरी कमेटी बनाई गई है। जिसके तहत दिल्ली सरकार केउच्च शिक्षा विभाग से बातचीत की जा रही है। कमेटी हर तरह की जांच पड़ताल भी कर रही है। विभाग को भी बोला गया है कि दाखिले लिए जाने चाहिएं।
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