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The Duty Of Policemen In Delhi Will Now Be Marked By Computer – दिल्ली में ई चिट्ठा मुंशी प्रोजेक्ट : अब थानाध्यक्ष की नहीं चलेगी, कंप्यूटर लगाएगा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी

पुरुषोत्तम वर्मा, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 30 Dec 2021 04:41 AM IST

सार

दिल्ली पुलिस ने 15 थानों में शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट। दिल्ली पुलिस आयुक्त की है महत्वकांक्षी योजना।

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अब थानाध्यक्ष अपने थाने में बीट अफसर की न तो ड्यूटीं लगा सकेंगे और न ही उनकी मनमानी चलेगी। अब थाना इलाके में बीट अफसर की ड्यूटी कंप्यूटर लगाएगा। कंप्यूटर ये भी बता देगा कि किस बीट अफसर ने ज्यादा ड्यूटी है। इसके लिए दिल्ली पुलिस में ई-चिट्ठा मुंशी प्रोजेक्ट लागू किया जा रहा है। हालांकि अभी ई-चिट्ठा मुंशी दिल्ली पुलिस के 15 जिलों के एक-एक थाने में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के सफल रहने पर इसे दिल्ली पुलिस के सभी थानों में जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।

अभी दिल्ली पुलिस के थानों में एक चिट्ठा मुंशी होता है। ये थानाध्यक्ष की आदेश पर काम करता है और बीट अफसर की ड्यूटी व अरेंजमेंट में किस पुलिसकर्मी को जाना है इसकी ड्यूटी चिट्ठा मुंशी लगाता है। चिट्ठा मुंशी अपने या फिर थानाध्यक्ष के चहेते पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बढिय़ा बीट में लगा देता है। ऐसे में कुछ पुलिसकर्मी एक ही मलाई वाली बीट में सालों तक ड्यूटी करते रहते हैं। 

ऐसे में थानाध्यक्ष व चिट्ठा मुंशी की अफसरशाही को खत्म करने के लिए दिल्ली पुलिस में ई-चिट्ठा मुंशी प्रोजेक्ट लागू किया जा रहा है। इसके तहत कंप्यूटर बीट अफसर की ड्यूटी लगाएगा। कंप्यूटर ये भी बता देगा कि फला बीट अफसर ने कम रेस्ट लिया है तो उसको रेस्ट दिया जाए। इस सिस्टम के तहत बीट अफसर को बदल नहीं सकेंगे। किसी बीट अफसर या पुलिसकर्मी की ड्यूटी बदलनी है तो वह सीनियर अफसरों की अनुमति के बाद ही किया जाएगा। इन 15 थानों के थानाध्यक्षों को ट्रेनिंग के लिए सोमवार को पुलिस मुख्यालय बुलाया गया था। 

दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के ओएसडी रोमिल बानिया की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि ई-चिट्ठा मुंशी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है। इसके तहत विशेष रूप से विकसित किया गया साफ्टवेयर थाने में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाएगा। इस प्रोजेक्ट को एक जनवरी से लागू किया जाएगा। इन थानों के थानाध्यक्ष व नोडल अफसर इस प्रोजेक्ट के तहत ट्रेनिंग लेंगे। 

दक्षिण जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हर्षवर्धन, मध्य जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा और दक्षिण-पश्चिमी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अमित कुमार की निगरानी में इस प्रायलेट प्रोजेक्ट पर निगरानी रखेंगे। इस प्रोजेक्ट का जो भी नतीजा आएगा उसके बारे में पुलिस मुख्यालय को अवगत कराया जाएगा। 

पुलिस आयुक्त का ये कहना है-
दिल्ली पुलिस आयुक्त की इच्छा है कि संबंधित डीसीपी व एडिशनल डीसीपी ये तय करेंगे कि ये पायलट प्रोजेक्ट सुचारू रूप से संचालित हो सके। प्रोजेक्ट के लिए जरूरी डाटा उपलब्ध कराया जाए। जिला डीसीपी व एडिशनल डीसीपी भी इस प्रोजेक्ट में व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे। इसका जो भी फीसबैक आएगा उसे दक्षिण जिले के एडिशनल डीसीपी हर्षवर्धन को दिया जाएगा। 

जिला                थाना
दक्षिण                 ग्रेटर कैलाश
दक्षिण-पूर्व            अमर कॉलोनी
उत्तरी                कश्मीरी गेट
पश्चिमी                इंद्रपुरी
उत्तर-पूर्व            शास्त्री पार्क्र
मध्य                 राजेन्द्र नगर
पूर्वी                 कल्याणपुरी
बाहरी                मुंडका
शाहदरा             शाहदरा
बाहरी-नार्थ            अलीपुर
दक्षिण-पश्चिमी            पालम
नई दिल्ली             मंदिर मार्ग
उत्तर-पश्चिमी             केशवपुरम
द्वारका                द्वारका(नार्थ)

विस्तार

अब थानाध्यक्ष अपने थाने में बीट अफसर की न तो ड्यूटीं लगा सकेंगे और न ही उनकी मनमानी चलेगी। अब थाना इलाके में बीट अफसर की ड्यूटी कंप्यूटर लगाएगा। कंप्यूटर ये भी बता देगा कि किस बीट अफसर ने ज्यादा ड्यूटी है। इसके लिए दिल्ली पुलिस में ई-चिट्ठा मुंशी प्रोजेक्ट लागू किया जा रहा है। हालांकि अभी ई-चिट्ठा मुंशी दिल्ली पुलिस के 15 जिलों के एक-एक थाने में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के सफल रहने पर इसे दिल्ली पुलिस के सभी थानों में जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।

अभी दिल्ली पुलिस के थानों में एक चिट्ठा मुंशी होता है। ये थानाध्यक्ष की आदेश पर काम करता है और बीट अफसर की ड्यूटी व अरेंजमेंट में किस पुलिसकर्मी को जाना है इसकी ड्यूटी चिट्ठा मुंशी लगाता है। चिट्ठा मुंशी अपने या फिर थानाध्यक्ष के चहेते पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बढिय़ा बीट में लगा देता है। ऐसे में कुछ पुलिसकर्मी एक ही मलाई वाली बीट में सालों तक ड्यूटी करते रहते हैं। 

ऐसे में थानाध्यक्ष व चिट्ठा मुंशी की अफसरशाही को खत्म करने के लिए दिल्ली पुलिस में ई-चिट्ठा मुंशी प्रोजेक्ट लागू किया जा रहा है। इसके तहत कंप्यूटर बीट अफसर की ड्यूटी लगाएगा। कंप्यूटर ये भी बता देगा कि फला बीट अफसर ने कम रेस्ट लिया है तो उसको रेस्ट दिया जाए। इस सिस्टम के तहत बीट अफसर को बदल नहीं सकेंगे। किसी बीट अफसर या पुलिसकर्मी की ड्यूटी बदलनी है तो वह सीनियर अफसरों की अनुमति के बाद ही किया जाएगा। इन 15 थानों के थानाध्यक्षों को ट्रेनिंग के लिए सोमवार को पुलिस मुख्यालय बुलाया गया था। 

दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के ओएसडी रोमिल बानिया की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि ई-चिट्ठा मुंशी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है। इसके तहत विशेष रूप से विकसित किया गया साफ्टवेयर थाने में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाएगा। इस प्रोजेक्ट को एक जनवरी से लागू किया जाएगा। इन थानों के थानाध्यक्ष व नोडल अफसर इस प्रोजेक्ट के तहत ट्रेनिंग लेंगे। 

दक्षिण जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हर्षवर्धन, मध्य जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा और दक्षिण-पश्चिमी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अमित कुमार की निगरानी में इस प्रायलेट प्रोजेक्ट पर निगरानी रखेंगे। इस प्रोजेक्ट का जो भी नतीजा आएगा उसके बारे में पुलिस मुख्यालय को अवगत कराया जाएगा। 

पुलिस आयुक्त का ये कहना है-

दिल्ली पुलिस आयुक्त की इच्छा है कि संबंधित डीसीपी व एडिशनल डीसीपी ये तय करेंगे कि ये पायलट प्रोजेक्ट सुचारू रूप से संचालित हो सके। प्रोजेक्ट के लिए जरूरी डाटा उपलब्ध कराया जाए। जिला डीसीपी व एडिशनल डीसीपी भी इस प्रोजेक्ट में व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे। इसका जो भी फीसबैक आएगा उसे दक्षिण जिले के एडिशनल डीसीपी हर्षवर्धन को दिया जाएगा। 

जिला                थाना

दक्षिण                 ग्रेटर कैलाश

दक्षिण-पूर्व            अमर कॉलोनी

उत्तरी                कश्मीरी गेट

पश्चिमी                इंद्रपुरी

उत्तर-पूर्व            शास्त्री पार्क्र

मध्य                 राजेन्द्र नगर

पूर्वी                 कल्याणपुरी

बाहरी                मुंडका

शाहदरा             शाहदरा

बाहरी-नार्थ            अलीपुर

दक्षिण-पश्चिमी            पालम

नई दिल्ली             मंदिर मार्ग

उत्तर-पश्चिमी             केशवपुरम

द्वारका                द्वारका(नार्थ)

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