जेवर में अवतार सिंह भड़ाना की हार का कारण बनेगें दो गुर्जर प्रत्याशी कांग्रेस से मनोज चौधरी व बसपा से नरेंद्र डाढ़ा ?
अवतार सिंह भड़ाना फूट-फूटकर रोते हुए बोले योगी ने किया हमारे गुर्जर सम्राट मिहिरभोज का अपमान?
रफ्तार टुडे । राष्ट्रीय लोक दल, समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना की हार का कारण गुर्जर ही बनेंगे। अवतार सिंह भड़ाना तीन बार के सांसद व वर्तमान में मीरापुर से विधायक हैं जम्मू-कश्मीर से लेकर पूरे उत्तर भारत में कद्दावर गुर्जर नेता की उनकी पहचान है।
जेवर से लगते हुए फरीदाबाद के रहने वाले हैं। जेवर विधानसभा में उनकी सैकडों रिस्तेदारीयाँ है जेवर विधानसभा गुर्जर बाहुल्य है भडाना गठबंधन के प्रत्याशी हैं उनकी जीत में सबसे बड़ा रोड़ा उनके ही दो सजातीय गुर्जर प्रत्याशी हैं जो सिर्फ बोट कटवा की स्थिति में हैं बसपा से नया चेहरा नरेंद्र भाटी व कांग्रेस से मनोज चौधरी दोनों प्रत्याशी भी गुर्जर है ये दोनो गुर्जर समाज के इतने वोट जरूर काट देंगे की अवतार सिंह भड़ाना की हार तय लगती है?
जेवर विधानसभा पर वर्तमान विधायक धीरेंद्र सिंह और अवतार सिंह भड़ाना के बीच कांटे की टक्कर में यह दोनों गुर्जर प्रत्याशी रोडा बने हुए हैं। जेवर विधानसभा गुर्जर बाहुल्य है यहाँ गुर्जर मुस्लिम दलित व पिछड़ों का 70% वोट बैंक है।
पिछले तीन बार से वेदराम भाटी यहाँ से जीत रहे थे, यदि गुर्जर मुस्लिम जाट मतदाता एक मुस्त गठबंधन के साथ गये तो धीरेंद्र सिंह को भी हार का सामना करना पड सकता है, 2017 में पहली बार मोदी लहर पर सवार होकर रबुपुरा के पूर्व चैयरमैन ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने इस सीट पर कब्जा किया था। परन्तु वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य में ठाकुर धीरेंद्र सिंह भाजपा की अंदरूनी राजनीति का शिकार हैं उनका वह जिले के बड़े राष्ट्रीय नेता जी का विवाद पूरे जिले में 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त से लगभग 3 वर्ष से चर्चा का विषय बना हुआ है धीरेंद्र सिंह के साथ 2017 में राजपूत, ब्राह्मण, वैश्य, जाट, गुर्जर मतदाताओं का भारी समर्थन रहा था।
लेकिन इस बार 2022 के चुनाव में धीरेंद्र सिंह के सारे समीकरण बिखरे हुए हैं।सम्राट मिहिर भोज प्रकरण से गुर्जर व ठाकुर मतदाताओं में एक दूसरे के विरुद्ध भारी आक्रोश है दोनों ही समाज सम्राट मिहिर भोज को अपना बता रहें हैं यह प्रकरण भाजपा व धीरेंद्र सिंह के लिए बड़ा नुकसानदायक होने जा रहा है दूसरी तरफ जाट गुर्जर मुस्लिम अन्य पिछड़ा वर्ग गठबंधन के साथ मजबूती से खड़ा है इन परिस्थितियों में जेवर सीट जीतना भाजपा के लिए किसी सपने से कम नहीं है। भाजपा की हार का कारण भी स्वयं भाजपा की अंदरूनी कलह ही होगी।
जेवर विधानसभा में कुल तीन लाख पैंतालीस हजार वोट है।
जिनमे 70 हजार गुर्जर ।
50 हजार मुसलमान।
60 हजार जाटव बाल्मीकि
50 हजार राजपूत ठाकुर
40 हजार ब्राह्मण
30 हजार जाट
10 हजार वैश्य
35 हजार अन्य पिछड़ा वर्ग है।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिस तरह से राकेश टिकैत के आंसुओं से किसान आंदोलन को नया जीवन मिला था ऐसे ही आज अवतार सिंह भड़ाना के आंसुओं से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्जरों में भारी समर्थन गठबंधन में अवतार सिंह भड़ाना को मिलता दिख रहा है देखते हैं आने वाले कुछ दिनों में जेवर विधानसभा में क्या नया होने जा रहा है रफ्तार टुडे पत्रकार जेवर से