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नई दिल्ली। अदालत ने गवाहों को व्हाट्सएप के माध्यम से समन जारी करने पर दिल्ली पुलिस की खिंचाई की है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह सरासर तय निर्देशों का उल्लंघन है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने कहा कि कई मामलों में देखा गया है कि व्हाट्सएप या एसएमएस के माध्यम से गवाहों को समन भेजे गए है, जबकि कानून में इसकी कोई मंजूरी नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इसे समन जारी करने की उचित सेवा नहीं माना जा सकता है।
अदालत ने कहा कि यदि गवाह अदालत में अपनी परीक्षा के लिए निर्धारित तिथि पर अनुपस्थित रहने का विकल्प चुनता है, तो ऐसी रिपोर्ट के आधार पर एक गवाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। ऐसी स्थितियों में सुनवाई की तारीख प्रभावी न्यायिक कार्य के बिना बर्बाद हो जाएगी और इससे मामले की सुनवाई बाधित होगी।
अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब अभियोजन पक्ष के गवाह अदालत में पेश नहीं हुए और पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया कि समन व्हाट्सएप के माध्यम से जारी किया गया था। अदालत ने इसके साथ ही डीसीपी (मध्य जिला) को इस संबंध में सभी पुलिस थानों को सख्त निर्देश जारी करने के संबंध में नोटिस जारी किया।
अदालत ने कहा कि कानून के हिसाब से समन जारी करने के निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया जाए। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि लौटाए गए समन पर प्रोसेस सर्वर द्वारा तामील किए गए गवाह के हस्ताक्षर की तारीख और मोबाइल नंबर नहीं हैं।
नई दिल्ली। अदालत ने गवाहों को व्हाट्सएप के माध्यम से समन जारी करने पर दिल्ली पुलिस की खिंचाई की है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह सरासर तय निर्देशों का उल्लंघन है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने कहा कि कई मामलों में देखा गया है कि व्हाट्सएप या एसएमएस के माध्यम से गवाहों को समन भेजे गए है, जबकि कानून में इसकी कोई मंजूरी नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इसे समन जारी करने की उचित सेवा नहीं माना जा सकता है।
अदालत ने कहा कि यदि गवाह अदालत में अपनी परीक्षा के लिए निर्धारित तिथि पर अनुपस्थित रहने का विकल्प चुनता है, तो ऐसी रिपोर्ट के आधार पर एक गवाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। ऐसी स्थितियों में सुनवाई की तारीख प्रभावी न्यायिक कार्य के बिना बर्बाद हो जाएगी और इससे मामले की सुनवाई बाधित होगी।
अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब अभियोजन पक्ष के गवाह अदालत में पेश नहीं हुए और पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया कि समन व्हाट्सएप के माध्यम से जारी किया गया था। अदालत ने इसके साथ ही डीसीपी (मध्य जिला) को इस संबंध में सभी पुलिस थानों को सख्त निर्देश जारी करने के संबंध में नोटिस जारी किया।
अदालत ने कहा कि कानून के हिसाब से समन जारी करने के निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया जाए। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि लौटाए गए समन पर प्रोसेस सर्वर द्वारा तामील किए गए गवाह के हस्ताक्षर की तारीख और मोबाइल नंबर नहीं हैं।