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एनकाउंटर में कुख्यात अनिल दुजाना ढेर, हत्या लूट, डकैती जैसे कई मामले दर्ज, इन लोगों के जरिए चला रहा था गैंग, अमिताभ यश ने कही बड़ी बात

दादरी, रफ्तार टुडे। अनिल नागर उर्फ़ अनिल दुजाना का गांव दुजाना है। यह गांव गौतमबुद्ध नगर जिले की बादलपुर कोतवाली क्षेत्र में पड़ता है। अनिल दुजाना बादलपुर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर था। उसके खिलाफ 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। करीब 10 दिन पहले अनिल जेल से जमानत पर रिहा हुआ था। रिहा होते ही उसने गौतमबुद्ध नगर में अपने खिलाफ गवाही दे रहे लोगों को धमकियां दी थीं।

कुख्यात अनिल दुजाना का ‘आतंक राज’ खत्म हो गया है। गुरुवार की दोपहर उसे यूपी एसटीएफ ने मेरठ में मार गिराया है। यूपी एसटीएफ ने अनिल दुजाना के आपराधिक इतिहास और काम करने के तरीकों का सिलसिलेवार खुलासा किया है। एसटीएफ ने बताया है कि वह कैसे अपना गैंग चला रह था। उन लोगों के नाम भी एसटीएफ ने सार्वजानिक किए हैं, जो उसकी मदद करते रहे हैं।

अनिल दुजाना इस तरह कर रहा था गैंग ऑपरेट
यूपी एसटीएफ ने बताया कि अनिल दुजाना एक शातिर किस्म का अपराधी था, जो अपने गैंग के सदस्यों की रंजिश और उनके आर्थिक लाभ को ध्यान में रखकर अपना गैंग चलाता था। लगातार गैंग में नए सदस्य जोड़ता रहता था।

इन लोगों से उसे मिल रही थी मदद
यूपी एसटीएफ ने बताया कि अनिल दुजाना विवादित संपत्तियों के विवादों में धन वसूली करता था। जिसमें शहजाद मामा और चंद्रपाल बंबावड़ उसके सहयोगी थे। यह लोग विवादित संपत्तियों से जुड़ी पार्टियों की मुलाकात अनिल दुजाना से करवाते थे। फिलहाल शहजाद मामा से पैसे के बंटवारे को लेकर अनिल दुजाना की नाराजगी चल रही थी। इसी तरह बादलपुर कस्बे में अनिल दुजाना के लिए तहबाजारी की वसूली बिल्लू दुजाना करता था। इस पैसे की बेईमानी को लेकर अनिल दुजाना से बिल्लू की अनबन हो गई। एसटीएफ के मुताबिक सिकंदराबाद में एक विवादित संपत्ति को लेकर खिज्जू ने अनिल दुजाना को पैसे नहीं दिए। इस पर तेजू और अनिल दुजाना के बीच भी अनबन हो गई। फिलहाल अनिल दुजाना का काम उसका भाई मेनपाल, बबलू दुजाना, चंद्रपाल बंबावड़, हरेंद्र प्रधान, शालू, सुनील दुजाना, अनिल दुजाना, कुलदीप नागर देख रहे हैं। यूपी एसटीएफ ने एक वकील को भी गैंग के लिए पैसों के लेनदेन और पैरोकारी में शामिल बताया है।

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) के चीफ और उत्तर प्रदेश पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने बताया, “अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बेहद खूंखार अपराधी था। उसका मुख्य धंधा रंगदारी वसूल करना और फिरौती लेकर हत्या करवाना था। लंबे अरसे से यूपी एसटीएफ उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही थी। इसी दौरान शुक्रवार को उससे जुड़ा इनपुट मिला। यूपी एसटीएफ ने मेरठ में उसकी घेराबंदी की। अनिल दुजाना और उसके साथियों ने यूपी एसटीएफ पर गोलीबारी की। जवाबी कार्रवाई की गई। जिसमें अनिल दुजाना को गोली लगी। यूपी एसटीएफ के जवान अनिल दुजाना को घायल अवस्था में लेकर अस्पताल पहुंचे। वहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है। आगे की जानकारी जल्दी साझा की जाएगी।”

उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया, “अनिल का वास्तविक नाम अनिल नागर था। वह गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र में पड़ने वाले दुजाना गांव का रहने वाला था। इस वजह से लोग उसे अनिल दुजाना बोलते थे। वह पश्चिम उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बना हुआ था। उसके खिलाफ 50 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

एक कारोबारी से रंगदारी मांगी थी। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने अनिल दुजाना के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस के सात स्पेशल टीम अनिल दुजाना का पीछा कर रही थीं। बड़ी बात यह है कि गौतमबुद्ध नगर पुलिस अनिल को पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाई। अनिल दुजाना को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने मेरठ में मार गिराया है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक मेरठ में यूपी एसटीएफ और अनिल दुजाना गैंग के बीच सीधी मुठभेड़ हुई।

जिसमें अनिल दुजाना ढेर हो गया है। आपको बता दें कि अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में आतंक का पर्याय माना जाता था। अनिल दुजाना पर गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग जिलों में करीब 50 मुकदमे चल रहे हैं। जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूटपाट, रंगदारी, जान से मारने की धमकी देने, बलवा, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर अधिनियम और एनएसए के तहत मुक़दमे चल रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक मेरठ में यूपी एसटीएफ और अनिल दुजाना बैंक के बीच सीधी मुठभेड़ हुई। जिसमें दोनों ओर से क्रॉस फायरिंग की गई। इसी दौरान कुख्यात अनिल दुजाना मारा गया है।

अनिल दुजाना उत्तर प्रदेश के टॉप बदमाशों में शामिल था। कुछ दिनों पहले यूपी के टॉप 65 माफियाओं की लिस्ट योगी आदित्यनाथ कार्यालय से जारी की गई थी। जिसमें ग्रेटर नोएडा के अनिल दुजाना का नाम भी शामिल है। लिस्ट मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में 7 कुख्यात बदमाश हैं। जिनमें से इस समय 6 जेल में बंद है। अनिल दुजाना जेल से बाहर आने के बाद फरार चल रहे था। जिसकी तलाश के लिए काफी टीमें लगी हुई थी। अब उसका एनकाउंटर उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ है।

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