सार
आजादपुर मंडी के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने अमर उजाला को बताया कि टमाटर के मूल्यों में अब कमी आ रही है। आज मंडी में टमाटर का मॉडल रेट 35.50 रुपये प्रति किलो तक हो चुका है। सबसे अच्छे क्वॉलिटी के टमाटर का मूल्य भी केवल 50 रुपये प्रति किलो तक आ गया है…
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण टमाटर के दाम खुदरा बाजार में 80 रुपये प्रति किलो से 120 रुपये किलो तक पहुंच गए थे, जिसे लेकर विपक्षी दल भी हमलावर थे। लेकिन अब धीरे-धीरे इसमें कमी आनी शुरू हो गई है। एशिया की सबसे बड़ी फल-सब्जी मंडी आजादपुर में मंगलवार को टमाटर की सबसे अच्छी क्वॉलिटी का दाम 50 रुपये प्रति किलो तक गिर गया है, जबकि सबसे निचले स्तर के टमाटर की कीमतें गिरकर 20 रुपये प्रति किलो तक आ गई हैं। इसका कटौती का सीधा असर टमाटर के खुदरा मूल्य पर भी पड़ा है। अब खुदरा बाजार में टमाटर 50 रुपये प्रति किलो से 90 रुपये प्रति किलो के बीच आ गया है।
पेट्रोल-डीजल के दाम घटने का असर बाजार पर
आजादपुर मंडी के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने अमर उजाला को बताया कि टमाटर के मूल्यों में अब कमी आ रही है। आज मंडी में टमाटर का मॉडल रेट 35.50 रुपये प्रति किलो तक हो चुका है। सबसे अच्छे क्वॉलिटी के टमाटर का मूल्य भी केवल 50 रुपये प्रति किलो तक आ गया है। दक्षिणी भारत के कई राज्यों में भारी बारिश के कारण टमाटर सहित कई सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी हो गई थी, लेकिन जल्द ही बारिश थमने, नई फसल आने और पेट्रोल-डीजल के दाम घटने का असर अब सब्जियों की कीमतों में बड़ी कमी के तौर पर देखने को मिल रहा है।
संगठित क्षेत्र के बड़े स्टोर्स में भी टमाटर की कीमतें कम हो गई हैं। मंगलवार को बिग बास्केट में भी अच्छी क्वॉलिटी वाला टमाटर केवल 47 रुपये प्रति किलो तक आ गया है। रिलायंस फ्रेश और अन्य स्टोर्स पर भी टमाटर 65 से 90 रुपये किलो तक उपलब्ध है। खुदरा बाजार में टमाटर के दाम 50 से 75 रुपये तक आ गए हैं।
अनुमान है कि लगभग एक हफ्ते से दस दिन के अंदर सब्जियों की कीमतों में काफी कमी आ जाएगी। हालांकि, अभी भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ज्यादा कमी न आने के कारण अब यह पूर्व के वर्षों की तुलना में ज्यादा ही रहेंगी। खुदरा विक्रेता सब्जियों की कीमतों में 50 से 100 फीसदी तक की मार्जिन रखते हैं, जिससे मंडी से खुदरा बाजार तक पहुंचने पर सब्जियों की कीमत लगभग दोगुना तक बढ़ जाती है।
दोगुने तक करना पड़ रहा था खर्च
लोकल सर्किल सर्वे कंपनी ने अक्तूबर माह के अपने एक सर्वे में पाया है कि सब्जियों पर होने वाला खर्च कई घरों में दोगुना तक बढ़ गया था, तो अनेक घरों को सब्जियों में कटौती कर अपना खर्च संभालना पड़ रहा था। देश के अलग-अलग राज्यों में टमाटर की कीमतें लगभग 75 रुपये से लेकर 120 रुपये तक पहुंच गई थीं। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण 70 फीसदी भारतीय परिवारों को सब्जियों पर होने वाला खर्च 25 से 100 फीसदी तक बढ़ाना पड़ा था। वहीं, निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों की थाली से सब्जियां दूर होती जा रही हैं।
सर्वे में शामिल 44 फीसदी लोगों ने कहा कि वे लगभग 75 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर खरीद रहे हैं। संगठित रिटेलर टमाटर लगभग 100 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहे हैं, जबकि खुले बाजारों में इसका मूल्य कुछ कम है। 34 फीसदी लोगों ने कहा कि वे संगठित क्षेत्र के स्टोर्स से टमाटर खरीदते हैं जबकि 66 फीसदी लोग सब्जी के लिए खुले बाजार को प्राथमिकता देते हैं।
सर्वे के मुताबिक, बड़े शहरों और पॉश कॉलोनियों में टमाटर 100 रुपये प्रति किलो, सेकंड क्लास की शहरों में 70 रुपये प्रति किलो और तीसरी श्रेणी के शहरों या ग्रामीण इलाकों में टमाटर 50-60 रुपये प्रति किलो तक में मिल रहा था। पिछले दो महीनों में टमाटर की कीमतों में 25 फीसदी तक का उछाल आया था, जबकि पिछले साल इन्हीं महीनों में टमाटर की कीमतों की तुलना में इस समय टमाटर के दाम लगभग 50 फीसदी ज्यादा था।
विस्तार
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण टमाटर के दाम खुदरा बाजार में 80 रुपये प्रति किलो से 120 रुपये किलो तक पहुंच गए थे, जिसे लेकर विपक्षी दल भी हमलावर थे। लेकिन अब धीरे-धीरे इसमें कमी आनी शुरू हो गई है। एशिया की सबसे बड़ी फल-सब्जी मंडी आजादपुर में मंगलवार को टमाटर की सबसे अच्छी क्वॉलिटी का दाम 50 रुपये प्रति किलो तक गिर गया है, जबकि सबसे निचले स्तर के टमाटर की कीमतें गिरकर 20 रुपये प्रति किलो तक आ गई हैं। इसका कटौती का सीधा असर टमाटर के खुदरा मूल्य पर भी पड़ा है। अब खुदरा बाजार में टमाटर 50 रुपये प्रति किलो से 90 रुपये प्रति किलो के बीच आ गया है।
पेट्रोल-डीजल के दाम घटने का असर बाजार पर
आजादपुर मंडी के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने अमर उजाला को बताया कि टमाटर के मूल्यों में अब कमी आ रही है। आज मंडी में टमाटर का मॉडल रेट 35.50 रुपये प्रति किलो तक हो चुका है। सबसे अच्छे क्वॉलिटी के टमाटर का मूल्य भी केवल 50 रुपये प्रति किलो तक आ गया है। दक्षिणी भारत के कई राज्यों में भारी बारिश के कारण टमाटर सहित कई सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी हो गई थी, लेकिन जल्द ही बारिश थमने, नई फसल आने और पेट्रोल-डीजल के दाम घटने का असर अब सब्जियों की कीमतों में बड़ी कमी के तौर पर देखने को मिल रहा है।
संगठित क्षेत्र के बड़े स्टोर्स में भी टमाटर की कीमतें कम हो गई हैं। मंगलवार को बिग बास्केट में भी अच्छी क्वॉलिटी वाला टमाटर केवल 47 रुपये प्रति किलो तक आ गया है। रिलायंस फ्रेश और अन्य स्टोर्स पर भी टमाटर 65 से 90 रुपये किलो तक उपलब्ध है। खुदरा बाजार में टमाटर के दाम 50 से 75 रुपये तक आ गए हैं।
अनुमान है कि लगभग एक हफ्ते से दस दिन के अंदर सब्जियों की कीमतों में काफी कमी आ जाएगी। हालांकि, अभी भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ज्यादा कमी न आने के कारण अब यह पूर्व के वर्षों की तुलना में ज्यादा ही रहेंगी। खुदरा विक्रेता सब्जियों की कीमतों में 50 से 100 फीसदी तक की मार्जिन रखते हैं, जिससे मंडी से खुदरा बाजार तक पहुंचने पर सब्जियों की कीमत लगभग दोगुना तक बढ़ जाती है।
दोगुने तक करना पड़ रहा था खर्च
लोकल सर्किल सर्वे कंपनी ने अक्तूबर माह के अपने एक सर्वे में पाया है कि सब्जियों पर होने वाला खर्च कई घरों में दोगुना तक बढ़ गया था, तो अनेक घरों को सब्जियों में कटौती कर अपना खर्च संभालना पड़ रहा था। देश के अलग-अलग राज्यों में टमाटर की कीमतें लगभग 75 रुपये से लेकर 120 रुपये तक पहुंच गई थीं। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण 70 फीसदी भारतीय परिवारों को सब्जियों पर होने वाला खर्च 25 से 100 फीसदी तक बढ़ाना पड़ा था। वहीं, निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों की थाली से सब्जियां दूर होती जा रही हैं।
सर्वे में शामिल 44 फीसदी लोगों ने कहा कि वे लगभग 75 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर खरीद रहे हैं। संगठित रिटेलर टमाटर लगभग 100 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहे हैं, जबकि खुले बाजारों में इसका मूल्य कुछ कम है। 34 फीसदी लोगों ने कहा कि वे संगठित क्षेत्र के स्टोर्स से टमाटर खरीदते हैं जबकि 66 फीसदी लोग सब्जी के लिए खुले बाजार को प्राथमिकता देते हैं।
सर्वे के मुताबिक, बड़े शहरों और पॉश कॉलोनियों में टमाटर 100 रुपये प्रति किलो, सेकंड क्लास की शहरों में 70 रुपये प्रति किलो और तीसरी श्रेणी के शहरों या ग्रामीण इलाकों में टमाटर 50-60 रुपये प्रति किलो तक में मिल रहा था। पिछले दो महीनों में टमाटर की कीमतों में 25 फीसदी तक का उछाल आया था, जबकि पिछले साल इन्हीं महीनों में टमाटर की कीमतों की तुलना में इस समय टमाटर के दाम लगभग 50 फीसदी ज्यादा था।
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