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इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का terminal-1 बनकर तैयार, आइए हम बताते हैं कैसे अलग है यह T2 और T3 से

दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट का नया टर्मिनल 1 (Terminal 1) बनकर तैयार है,जो अगले सप्ताह से ही मुसाफिरों के लिए शुरू हो जाएगा

ऐसे में जानें कि आखिर टर्मिनल 2 और टर्मिनल 3 से ये कैसे अलग है।

Raftar today। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट का नया टर्मिनल 1 (Terminal 1) बनकर तैयार है. जो अगले सप्ताह से ही मुसाफिरों के लिए शुरू हो जाएगा. ऐसे में जानें कि आखिर टर्मिनल 2 और टर्मिनल 3 से ये कैसे अलग है।

अगले हफ्ते पब्लिक के लिए हो जाएगा उपलब्ध

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट का नया टर्मिनल 1 (Terminal 1) जल्‍द ही मुसाफिरों के लिए शुरू हो जाएगा. यहां पर भी टर्मिनल-2 और टर्मिनल-3 जैसी तमाम सुविधाएं मौजूद हैं।जैसे टैक्‍सी, शटल बस के लिए अलग लेन. पहले यहां 8 लेन हुआ करती थीं. अब यहां कुल 11 लेन होगी, जिससे यात्रियों को आने में कोई समस्या नही होगी। इसके अलावा बाहर पार्किंग एरिया में करीब 100 से ज्यादा गाड़ियां पार्क हो सकती हैं. तो वहीं मैट्रो पीछे है जो ऑपरेशनल है।

इससे यहां तक पहुंचने में दिक्‍कत नहीं आएगी. इसका लुक T2 और T3 जैसा ही है. अनुमान है कि अगले दो-तीन सालों में 10 करोड़ मुसाफिर यहां सालाना आएंगे।

नए टर्मिनल पर तमाम सुविधाएं

नए टर्मिनल पर लगेज बेल्‍ट की लंबाई भी पहले से ज्‍यादा बड़ी है. पहले यह 52 मीटर हुआ करती थी। लेकिन अब यह बढ़कर 72 मीटर कर दी गई है. इस टर्मिनल को इसी बात का ध्‍यान रखते हुए इसे डिजाइन किया गया है कि यात्रियों के लिये और अच्छा और तमाम जरूरी सुविधा से बनाया जा सके। साथ में चौथे रनवे का भी काम पूरा हो गया है। इसके लुक में इस बात का ध्‍यान रखा गया है तो सनलाइट यानी सूरज की रोशनी भी आती रहे ताकि बिजली की खपत कम हो।

ग्रीन बिल्डिंग के नाम से जाना जाएगा Terminal 1

यही नहीं, इस टर्मिनल में दो बेल्‍ट के बीच की स्‍पेस बढ़ाई गई है ताकि मुसाफिरों को बैगेज कलेक्‍ट करने में दिक्‍कत न हो. यहां पर 4 बेल्‍ट हैं जिसमें बेहतर स्‍पेस देने की कोशिश की गइ है. टर्मिनल-1 में LED बल्‍ब का इस्‍तेमाल किया गया है, इसे ग्रीन बिल्डिंग का नाम दिया गया है.

मॉडर्न टेक्‍नोलॉजी पर आधारित

मॉडर्न टेक्‍नोलॉजी के जरिए DIAL ने इसे बनाया है. इसके टॉयलेट में दिव्‍यांग की जरूरत को ध्‍यान में रखते हुए ‘वेल बटन’ दिया गया है. दिव्‍यांगों को टॉयलेट में अंदर दिक्‍कत आने की स्थिति में वे बाहर से किसी को बुला सकते हैं. इसमें बेबी चेंजिंग रूम भी है जो कामकाजी महिलाओं के लिए उपयोगी साबित होगा. आने वाले वक्‍त को ध्‍यान में रखते हुए इसे डिजाइन किया गया है। 8000 स्‍क्‍वायर फिट के T-1 Arrival टर्मिनल में मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। बेहतर लुक देने के साथ ही इसे ऐसे डिजाइन किया गया है कि बिजली की कम खपत हो।

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