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Strictness may increase on stars advertising fraud schemes, fine may be more than 10 lakhs and public apology may be the rule | ठगी की स्कीमों का विज्ञापन करने वाले स्टार्स पर 10 लाख से ज्यादा जुर्माना और सार्वजनिक माफीनामे का हो सकता है नियम

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नई दिल्ली4 मिनट पहलेलेखक: मुकेश कौशिक

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कमेटी ने सरकार से पूछा था कि अवैध स्कीमों का विज्ञापन करने वाले सेलेब्रिटीज के खिलाफ क्या प्रावधान है। - Dainik Bhaskar

कमेटी ने सरकार से पूछा था कि अवैध स्कीमों का विज्ञापन करने वाले सेलेब्रिटीज के खिलाफ क्या प्रावधान है।

जाने-अनजाने निवेश की फर्जी स्कीमों का प्रचार करने वाले सेलिब्रिटीज पर अब कानूनी फंदा और ज्यादा कस सकता है। बैनिंग आफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स रुल्स, 2020 कानून लागू होने के बाद संसदीय समिति की जांच में यह बात पुष्ट हुई कि ठगने वाली स्कीमों की तरफ लोग स्टार प्रचारकों की वजह से ज्यादा आकर्षित होते हैं। मौजूदा कानून में ठगी की स्कीम में शामिल होने का लालच देने वाले को 1 से 5 साल की सजा और 10 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है।

अब समिति ने सिफारिश की है कि जुर्माना राशि बढ़ाई जाए क्योंकि स्टार्स विज्ञापन के लिए करोड़ों रुपए बतौर फीस वसूलते हैं। इतना ही नहीं, गैर कानूनी स्कीमों का विज्ञापन देने पर सार्वजनिक माफीनामा लिखवाने और उसे भी उतना ही प्रचारित करने का प्रावधान किया जा सकता है। हाल ही में प. बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश व झारखंड में ऐसे मामले सामने आए हैं। अब सरकार समिति की सिफारिशों पर विचार कर रही है।

कमेटी ने सरकार से पूछा था कि अवैध स्कीमों का विज्ञापन करने वाले सेलेब्रिटीज के खिलाफ क्या प्रावधान है। सरकार ने बताया कि एक्ट के सेक्शन 5 में उस व्यक्ति के खिलाफ एक से 5 साल की सजा व 10 लाख तक जुर्माने की व्यवस्था थी जो अन्य व्यक्ति को गैरकानूनी स्कीम में शामिल होने का लालच देता है।

कई राज्यों ने सक्षम प्राधिकरण की व्यवस्था ही लागू नहीं की
जांच में यह सामने आया कि अनेक राज्यों ने इस कानून को लागू करने के लिए कायम की जाने वाली सक्षम प्राधिकरण की व्यवस्था ही लागू नहीं की है। कमेटी को बताया गया कि अभी तक झारखंड, कर्नाटक, मणिपुर और मध्य प्रदेश की सरकारों ने ही इस प्रकार का प्राधिकरण गठित करने की सूचना दी है। कमेटी की सिफारिश की आधार पर अब केंद्र सरकार उन राज्यों पर खास ध्यान दे रही जहां ठगी वाली स्कीमों का प्रचलन अधिक है और एक खास पैटर्न भी वहां देखने में आया है। इनमें पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और झारखंड के नाम प्रमुखता से सामने आए हैं।

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