नई दिल्ली4 घंटे पहले
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द्वारका डिस्ट्रिक में आए दिन ताबड़तोड़ वारदातें हो रही हैं। पुलिस बदमाशों पर लगाम लगाने के बजाए अपराध के बढ़ते ग्राफ को घटाने पर ज्यादा जोर दे रही हैं। कहीं स्नैचिंग के मामले को हल्का करने के लिए उसे चोरी का बनाया जा रहा है तो लूटपाट के किसी केस में पीड़ित को ही पुलिस जेल जाने का डर दिखा मामले को दबाने की कोशिश में लगी है। ऐसी ही दो घटनाएं सामने आई हैं, जहां पुलिस ने मौका ए वारदात की तस्वीर ही बदलकर रख दी।
पहली वारदात बिंदापुर इलाके में शुक्रवार रात सामने आई। यहां पलम्बर का काम करने वाले करीब अठारह वर्षीय मसूर आलम से कुछ युवकों ने मारपीट कर उसके पांच हजार रुपए लूट लिए। पीड़ित ने मामले की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद बदमाशों को पकड़ने के बजाए केस पर मिट्टी डालने की कवायद शुरु हुई। जेजे कॉलोनी मटियाला सेक्टर तीन में रहने वाले मसूर आलम ने बताया शनिवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे उसे पुलिस थाने लेकर गई।
यहां उसे करीब छह घंटे तक थाने में बिठाकर रखा गया। पुलिस ने उसे ही झूठा ठहराने की कोशिश की। कहा अगर यह बात झूठ साबित हुई तो तुम जेल जाओगे। बाद में उसे छोड़ते समय पुलिस की ओर से यह कहा गया अगर तुम्हें बदमाश के बारे में पता चले तो तुंरत पुलिस को खबर कर देना। पीड़ित का कहना है आरोपियों की संख्या तीन चार में थी। इनमें वह एक युवक को पहचानता जरुर है लेकिन उसे कभी बात नहीं की।
अब पुलिस की इस केस में कारस्तानी देखिए। मौके पर पहुंची पीसीआर की तरफ से उसका हवाला देते हुए बताया गया पीड़ित का राणा नाम के लड़के के साथ रुपयों का लेनदेन था। जो इसके करीब तीन हजार रुपए मांगता था। इसी बात पर रात में करीब ग्यारह बजे झगड़ा हुआ। लूटपाट वाली कोई बात नहीं है।
जबकि पीड़ित ने पुलिस को प्राथमिक सूचना देते हुए साफ कहा था कि जब वह रात को काम करके घर लौट रहा था तभी उसके घर के नजदीक कुछ लड़कों ने मारपीट की और रुपए छीनकर फरार हो गए। यह कॉल रात करीब पौने दस बजे की गई थी। दूसरा मामला शनिवार शाम करीब छह बजे का है।
आकांक्षा यादव (25) नाम की युवती ने पुलिस को कॉल कर सूचना दी बिंदापुर इलाके में होली पब्लिक स्कूल के पास दो लड़के उसका मोबाइल छीनकर ले गए हैं। वे स्कूटी पर थे। पीड़िता नंदराम पार्क इलाके रहती है। वह एक निजी बैंक में जॉब करती है। इस घटना की सूचना मिलने पर पीड़िता की बात सुनने के बाद पुलिस ने मामले को दूसरा रुप दे दिया। ।