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Delhi Metro Pink Line Will Be Driverless From Today – दिल्ली : मेट्रो की पिंक लाइन आज से हो जाएगी ड्राइवरलेस, इससे होंगे कई लाभ

सार

त्रिलोकपुरी-मयूर विहार-1 के बीच सेवाएं शुरू होने के तीन महीने बाद मेट्रो ने पहना ड्राइवरलेस का जामा।

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दिल्ली मेट्रो के पिंक लाइन कॉरिडोर पर आज से मेट्रो बगैर चालक दौड़ने लगेगी। सुबह 11.30 बजे केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के परिवहन मंत्री अनअटेंड ट्रेन ऑपरेशन (यूटीओ) यानी ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।इसके बाद मजलिस पार्क-शिव विहार के बीच ड्राइवरलेस मेट्रो में यात्रियों को सफर का मौका मिल सकेगा।

पिंक लाइन कॉरिडोर के 58.43 किलोमीटर में 38 स्टेशनों से चालक रहित मेट्रो में सफर का मौका मिल जाएगा। मजेंटा लाइन के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(डीएमआरसी)की ओर से पिंक लाइन कॉरिडोर को ड्राइवरलेस करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई। 11 महीने बाद सभी तकनीकी बदलाव के बाद पिंक लाइन पर मेट्रो को पूर्ण तौर पर स्वचालित कर दिया गया।  

मेट्रो की पिंक लाइन के शेष हिस्से पर मयूर विहार-पॉकेट वन-त्रिलोकपुरी संजय लेक के बीच मेट्रो की सुविधा न होने से इस लाइन को ड्राइवरलेस करने में देरी हुई। दिल्ली मेट्रो के पिंक लाइन के ड्राइवरलेस होने से यात्रियों को रिंग रोड के नजदीकी स्टेशनों से स्चालित मेट्रो में सफर का मौका मिलने लगेगा। इस लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो सेवा की शुरुआत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की जाएगी। 

38 स्टेशनों के यात्रियों को भी मिलेगा अनूठे सफर का मौका
पिंक लाइन की कुल लंबाई लाइन 58.43 किलोमीटर के दायरे में 38 स्टेशन हैं। इनमें 26 एलिवेटेड जबकि 12 भूमिगत स्टेशन हैं।मार्च 2018 से अगस्त 2021 के दौरान पांच चरणों में पिंक लाइन कॉरिडोर पर टुकड़ों में अलग अलग सेक्शन पर मेट्रो सेवाएं शुरू हुई। दिल्ली मेट्रो के सबसे लंबे कॉरिडोर के पूरा होने के तीन महीने बाद ही इसे दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(डीएमआरसी)ने ड्राइवरलेस कर, एक नई कामयाबी हासिल कर ली है। मजेंटा लाइन पर मेट्रो सेवाएं जब ड्राइवरलेस हुई थी तो पहले दिन यात्रियों को जब इसकी जानकारी मिली तो कुछ यात्री बीच के स्टेशनों पर ही उतर गए और दूसरे परिवहन साधनों को अपनाया।

पांच चरणों में मेट्रो की पिंक लाइन का पूरा हो गया सफर 

  • 14 मार्च 2018 से मजलिस पार्क से दुर्गाबाई देशमुख(साउथ कैंपस) के बीच मेट्रो सेवाएं शुरू हई
  • अगस्त, 2018 में दुर्गाबाई देशमुख(साउथ कैंपस) और लाजपत नगर के बीच पिंक लाइन पर मेट्रो ने बढ़ाया कदम 
  • अक्तूबर 2018 में शिव विहार से त्रिलोकपुरी के बीच सेवाएं शुरू कर दी गई। 
  • दिसंबर, 2019 में लाजपत नगर से मयूर विहार पॉकेट-वन के बीच के सेक्शन पर भी मेट्रो दौड़ने लगी।
  • त्रिलोकपुरी (संजय झील) और मयूर विहार पॉकेट-वन के बीच मेट्रो सेवाएं शुरू होने में भूमि भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के कारण देरी हुई।
  • पिंक लाइन के शेष हिस्से को भी अगस्त, 2021 में यात्रियों के लिए मेट्रो सेवाओं की शुरुआत कर दी गई। इससे पहले मजलिस पार्क से मयूर विहार पॉकेट-वन और शिव विहार से त्रिलोकपुरी संजय झील के बीच मेट्रो सेवाएं अलग अलग छोर पर मिल रही थी। 

ड्राइवरलेस मेट्रो से होंगे ये फायदे 

  • मेट्रो के ड्राइवरलेस होने से फ्रिक्वेंसी बढ़ जाएगी। 90 सेंकेंड के अंतराल पर मेट्रो की सुविधा यात्रियों को उपलब्ध होगी। 
  • इससे रोजाना मेट्रो के लगने वाले फेरों में बढ़ोतरी होगी 
  • प्रणाली पूरी तरह स्वचालित होगी, ट्रैक पर बाधा की मिलेगी जानकारी 
  • मेट्रो ट्रेन के बाहर लगे होंगे कैमरे, ओसीसी की हर पल रहेगी नजर 
  • सभी मेट्रो में छह कोच होंगे 
दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तीनों कॉरिडोर पर भी मेट्रो ड्राइवरलेस होगी। मजेंटा के बाद पिंक लाइन कॉरिडोर को ड्राइवरलेस किया जा रहा है। फेज-4 के तीनों कॉरिडोर के जुड़ने के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(डीएमआरसी)का ड्राइवरलेस नेटवर्क करीब 160 किलोमीटर का हो जाएगा। इस फेज के तहत सबसे पहले मौजपुर-मजलिस पार्क के बीच(12.555)किलोमीटर में मेट्रो निर्माण का कार्य दो साल में पूरा किए जाने की उम्मीद है। इसके बाद देश का पहला रिंग मेट्रो कॉरिडोर भी तैयार हो जाएगा। पिंक लाइन के करीब 96 किलोमीटर के साथ फेज-4 के तीन कॉरिडोर(करीब 65 कि.मी)के जुड़़ने पर दिल्ली मेट्रो का नाम ड्राइवरलेस मेट्रो के लिहाज से अग्रणी देशों में शुमार होगा। 

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(डीएमआरसी) के दो कॉरिडोर को ड्राइवरलेस करने के लिए कम्यूनिकेशन बेस्ट ट्रेन कंट्रोल(सीबीटीसी)तकनीक को अपनाया गया। मजेंटा और पिंक लाइन मेट्रो को इस तकनीक से जोड़ने के बाद फेज-4 के तीनों कॉरिडोर पर इसी तकनीक को लागू किया जाएगा। इस तकनीक से मेट्रो परिचालन की निगरानी के लिए मेट्रो के आगे कैमरे लगे होंगे। कैमरे लगे होने से ट्रैक पर किसी तरह की बाधा की सूचना ऑपरेशन एंड कंट्रोल सेंटर(ओसीसी)को मिल जाएगी। ट्रेनों के परिचालन की पल पल इसी सेंटर से निगरानी की जाएगी ताकि किसी तरह की बाधा या रुकावट की जानकारी तत्काल मिल सके। 

दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक मौजपुर-मजलिस पार्क पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 12.558 किलोमीटर के इस कॉरिडोर पर आठ स्टेशन होंगे। इसी दायरे में सिग्नेचर ब्रिज के उपर एक ब्रिज का भी निर्माण किया जा रहा है और 2023 तक इस कॉरिडोर पर मेट्रो सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है।  

मौजपुर-मजलिस पार्क पर होंगे आठ स्टेशन
मौजपुर-मजलिस पार्क के बीच मेट्रो के विस्तार के बाद पिंक लाइन का रिंग कॉरिडोर करीब 70 किलोमीटर लंबा हो जाएगा। इस कॉरिडोर पर आठ स्टेशन होंगे। इसपर मेट्रो सेवाएं शुरू होने से गाजियाबाद, लोनी, मेरठ, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा सहित एनसीआर के कई शहरों के मेट्रो यात्रियों को राहत मिलेगी। इस कॉरिडोर के आठ स्टेशन भजनपुरा, यमुना विहार, खजूरी खास, सुरघाट, सोनिया विहार, जगतपुर गांव, झड़ौदा माजरा और बुराड़ी हैं। फेज-4 के तीनों कॉरिडोर में यह सबसे छोटा हैं, इसलिए सबसे पहले इसपर मेट्रो सेवाएं शुरू की जाएंगी। 

आठ लाइन से होगी इंटरचेंज की सुविधा 
नेताजी सुभाष प्लेस, वेलकम, आईएनए, आजादपुर सहित राजौरी गार्डन, मयूर विहार, फेज-1, आनंद विहार और कड़कड़डूमा, पंजाबी बाग वेस्ट, वजीराबाद, सुरघाट और लाजपत नगर, दुर्गाबाई देशमुख(साउथ कैंपस), मजलिस पार्क सहित आठ लाइनों के स्टेशनों पर इंटरचेंज की सुविधा होगी। धौला कुआं से साउथ कैंपस को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज से पिंक लाइन के यात्रियों को सीधे एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर सफर और भी आसान हो जाएगा। 

विस्तार

दिल्ली मेट्रो के पिंक लाइन कॉरिडोर पर आज से मेट्रो बगैर चालक दौड़ने लगेगी। सुबह 11.30 बजे केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के परिवहन मंत्री अनअटेंड ट्रेन ऑपरेशन (यूटीओ) यानी ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।इसके बाद मजलिस पार्क-शिव विहार के बीच ड्राइवरलेस मेट्रो में यात्रियों को सफर का मौका मिल सकेगा।

पिंक लाइन कॉरिडोर के 58.43 किलोमीटर में 38 स्टेशनों से चालक रहित मेट्रो में सफर का मौका मिल जाएगा। मजेंटा लाइन के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(डीएमआरसी)की ओर से पिंक लाइन कॉरिडोर को ड्राइवरलेस करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई। 11 महीने बाद सभी तकनीकी बदलाव के बाद पिंक लाइन पर मेट्रो को पूर्ण तौर पर स्वचालित कर दिया गया।  

मेट्रो की पिंक लाइन के शेष हिस्से पर मयूर विहार-पॉकेट वन-त्रिलोकपुरी संजय लेक के बीच मेट्रो की सुविधा न होने से इस लाइन को ड्राइवरलेस करने में देरी हुई। दिल्ली मेट्रो के पिंक लाइन के ड्राइवरलेस होने से यात्रियों को रिंग रोड के नजदीकी स्टेशनों से स्चालित मेट्रो में सफर का मौका मिलने लगेगा। इस लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो सेवा की शुरुआत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की जाएगी। 

38 स्टेशनों के यात्रियों को भी मिलेगा अनूठे सफर का मौका

पिंक लाइन की कुल लंबाई लाइन 58.43 किलोमीटर के दायरे में 38 स्टेशन हैं। इनमें 26 एलिवेटेड जबकि 12 भूमिगत स्टेशन हैं।मार्च 2018 से अगस्त 2021 के दौरान पांच चरणों में पिंक लाइन कॉरिडोर पर टुकड़ों में अलग अलग सेक्शन पर मेट्रो सेवाएं शुरू हुई। दिल्ली मेट्रो के सबसे लंबे कॉरिडोर के पूरा होने के तीन महीने बाद ही इसे दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(डीएमआरसी)ने ड्राइवरलेस कर, एक नई कामयाबी हासिल कर ली है। मजेंटा लाइन पर मेट्रो सेवाएं जब ड्राइवरलेस हुई थी तो पहले दिन यात्रियों को जब इसकी जानकारी मिली तो कुछ यात्री बीच के स्टेशनों पर ही उतर गए और दूसरे परिवहन साधनों को अपनाया।

पांच चरणों में मेट्रो की पिंक लाइन का पूरा हो गया सफर 

  • 14 मार्च 2018 से मजलिस पार्क से दुर्गाबाई देशमुख(साउथ कैंपस) के बीच मेट्रो सेवाएं शुरू हई
  • अगस्त, 2018 में दुर्गाबाई देशमुख(साउथ कैंपस) और लाजपत नगर के बीच पिंक लाइन पर मेट्रो ने बढ़ाया कदम 
  • अक्तूबर 2018 में शिव विहार से त्रिलोकपुरी के बीच सेवाएं शुरू कर दी गई। 
  • दिसंबर, 2019 में लाजपत नगर से मयूर विहार पॉकेट-वन के बीच के सेक्शन पर भी मेट्रो दौड़ने लगी।
  • त्रिलोकपुरी (संजय झील) और मयूर विहार पॉकेट-वन के बीच मेट्रो सेवाएं शुरू होने में भूमि भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के कारण देरी हुई।
  • पिंक लाइन के शेष हिस्से को भी अगस्त, 2021 में यात्रियों के लिए मेट्रो सेवाओं की शुरुआत कर दी गई। इससे पहले मजलिस पार्क से मयूर विहार पॉकेट-वन और शिव विहार से त्रिलोकपुरी संजय झील के बीच मेट्रो सेवाएं अलग अलग छोर पर मिल रही थी। 


ड्राइवरलेस मेट्रो से होंगे ये फायदे 

  • मेट्रो के ड्राइवरलेस होने से फ्रिक्वेंसी बढ़ जाएगी। 90 सेंकेंड के अंतराल पर मेट्रो की सुविधा यात्रियों को उपलब्ध होगी। 
  • इससे रोजाना मेट्रो के लगने वाले फेरों में बढ़ोतरी होगी 
  • प्रणाली पूरी तरह स्वचालित होगी, ट्रैक पर बाधा की मिलेगी जानकारी 
  • मेट्रो ट्रेन के बाहर लगे होंगे कैमरे, ओसीसी की हर पल रहेगी नजर 
  • सभी मेट्रो में छह कोच होंगे 

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