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छोटे कद की वजह से सेना में नहीं जा पाया था अनिल दुजाना, फिर गुंडों की फौज का बना कुख्यात कमांडर, गैंगस्टर अनिल नागर ने क्यों जोड़ा अपने नाम के सामने ‘दुजाना’

दादरी,रफ्तार टुडे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े बदमाशों में गिने जाने वाला अनिल दुजाना मुठभेड़ में ढेर हो गया। दुजाना को मेरठ बाला जाल के पास मार गिराया गया। इससे साथी अनिल दुजाना का खौफ का समाप्त हो गया। उसकी कई कहानियां लोगों की जुबान पर है। अपराध की दुनिया में उतरने से पहले अनिल दुजाना का सेना में सैनिक बनने का प्लान था। लेकिन यह पूरा नहीं ही सका। ऐसे ही चुनाव जीतकर नेता बनने की ख्वाहिश भी अधूरी रह गई।

दुजाना एक गांव का नाम है। यह गांव गौतम नगर के बादलपुर के एक गांव का नाम है। दरअसल अनिल इसी गांव का रहने वाला था। दुजाना गांव में 70 और 80 एक कुख्यात डाकू रहा था। वह डाकू भी अपने नाम के सामने दुजाना लगाता था। उससे प्रेरित होकर अनिल दुजाना ने अपने नाम के सामने दुजाना लगाया। सुंदर डाकू ने अपने कार्यकाल में इंदिरा गांधी को जान से मारने की धमकी भी दी थी लेकिन जब भी आसपास के राज्यों की पुलिस लग गई थी और उसने सुनने डाकू को मार गिराया।

अपने छह भाइयों में अनिल दुजाना पांचवे नंबर का था। उसका सपना सेना में जाने का था। इसके लिए उसने कई प्रयास भी किए लेकिन हाइट छोटी होने कारण अनिल दुजाना का सपना अधूरा रह गया। उसने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भी लड़कर देखा। लेकिन उसका सपना सपना ही रह गया।

उसका बड़ा भाई जय भगवान की गैंगवार में मौत हो गई थी। अनिल दुजाना सेना में नहीं जाने के कारण टीटू के संपर्क में आ गया था कि टीटू को वह अपने गुरु मानता था।

अनिल दुजाना ने 2016 में जेल से जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लडा। उसे सबसे ज्यादा वोट मिले लेकिन हाईकोर्ट में चुनाव रद्द कर दिया। इसलिए उसका नेता बनने का ख्वाहिश भी अधूरी रह गई।

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