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नगर पालिका सपा प्रत्याशी अयूब मलिक का मुस्लिम समाज में हो रहा है खुला विरोध, चुनाव में नई आबादी से आजाद मलिक तथा मोहम्मद आजाद सिद्दीकी है मुख्य प्रत्याशी

सपा प्रत्याशी अयूब मलिक का नगर में ना रहने का मुस्लिम समाज में भारी विरोध और नई आबादी में जबरदस्ती धोखे से दुकानें खाली कराना पड़ सकता है महंगा, और खुद अयूब मलिक पे भी है बलात्कार के मुकदमे

दादरी, रफ्तार टुडे। जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में नगर पालिका चुनाव करीब आते जा रहे हैं वैसे ही प्रदेश के सभी नगर निगम और नगर पालिकाओं पर जीत हासिल करने के लिए नए और पुराने खिलाड़ियों को मैदान में कूद गए हैं। दादरी नगर पालिका चुनाव में भी जहां कुछ नए खिलाड़ी मैदान में है वह पुराने धुंरधर भी तैयार है।

दादरी नगर पालिका चुनाव में सबसे ज्यादा दिल चस्पी मुस्लिम समाज से है। दादरी पालिका अध्यक्ष पद को लेकर अब 4 मुख्य उम्मीदवार मैदान में आ चुके हैं। जिन में सबसे ज्यादा लोकप्रियता और युवा वर्ग में पसंदीदा उम्मीदवार वरिष्ठ समाजसेवी आजाद मलिक है। वही मोहम्मद आजाद सिद्दीकी नई आबादी और अयूब मलिक प्रमुख उम्मीदवार हैं।

मुस्लिम समाज में सबसे ज्यादा विरोध सपा प्रत्याशी अयूब मलिक का हो रहा है। मुस्लिम भाइयों के अनुसार अयूब मलिक का दादरी में ना रहना और उनके परिवार के कुछ लोगों द्वारा जीटी रोड पर मदरसे वाली दुकानों को धोखे से कब्जा लेना महंगा पड़ सकता है। मुस्लिम भाइयों का आरोप है कि अयूब मल्लिक ने दुकान खाली कराकर नई दुकान देने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक किसी को भी दुकाने नहीं मिली है। वही उनकी अफसर वाली छवि भी उनके लिए परेशानी बनी हुई है। पिछले चुनाव के बाद 5 साल से गायब रहे। जनता से किसी प्रकार का कोई जुड़ाव नहीं रहा है।

अयूब मलिक खुद भी एक अपराधी छवि के व्यक्ति है उनके खिलाफ कई बलात्कार के मुकदमे चल रहे है। उनकी गुंडई के कारण समाज के लोगों की जायज आवाज को भी बंद कर देते है मुस्लिम समाज के अयूब मलिक खिलाफ विरोध के स्वर काफी तेजी से बुलंद हो रहे हैं। उससे यह साफ है कि उनकी स्थिति मुस्लिम समाज में इस बार अच्छी नहीं है। वही बाकी बिरादरी के लोग भी अयूब मलिक के खिलाफ दिख रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या इतने विरोध के बाद सपा प्रत्याशी अपनी जमानत बचा पायेंगे या जब्त करा बैठेंगे।

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