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Greater Noida Braking News : शिकायत करने वालों ने जांच समिति को सौंपे सबूत, रितु माहेश्वरी के आदेश पर तीन अफसरों की समिति गठित की गई, सामने आए चौंकाने वाले मामले

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। अथॉरिटी में हुए नियुक्ति फर्जीवाड़े की जांच तेज हो गई है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी के आदेश पर तीन अफसरों की समिति गठित की गई है। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा शर्मा की अध्यक्षता में बनी इस समिति ने शुक्रवार को शिकायत करने वालों से मुलाकात की। नियुक्ति घोटाले की जांच की मांग करने वाले लिखित व मौखिक रूप से अपने बयान दर्ज कराए हैं। साक्ष्य और दस्तावेज यह सभी साक्ष्य समिति में शामिल सीनियर मैनेजर एके जौहरी को सौंपे गए हैं।

जांच समिति को साक्ष्य के तौर पर दिए दस्तावेजों में बताया है किस अधिकारी और कर्मचारी के बेटा, नाती, रिश्तेदार फर्जी तरीके से नियुक्त किए गए हैं। ऐसे तमाम लोगों की नाम और पद सहित एक लिस्ट समिति को सौंपी है। जो लिस्ट जांच समिति के सामने पेश की गई है, उसमें कई चौंकाने वाले नाम हैं। सीईओ रितु माहेश्वरी के स्टाफ फसर वीपी नवानी का बेटा अजय नवानी, निजी सचिव गजेंद्र चौधरी का बेटा विकास चौधरी, गजेंद्र चौधरी का दूसरा बेटा विवेक चौधरी, भतीजा मनीष खारी, भतीजा नवाब खारी, भतीजे की पत्नी मिथलेश, गजेंद्र चौधरी के दोस्त का बेटा अमित कुमार भाटी, गजेंद्र चौधरी का भतीजा रितिक और गजेंद्र चौधरी के साले का बेटा लवांश शामिल हैं।

सीईओ-एसीईओ के स्टाफ अफसरों के रिश्तेदार हुए भर्ती
एसीईओ अमनदीप डुली के स्टाफ अफसर राजा राम मौर्य का भतीजा अंकित मौर्य, राजा राम मौर्य का दूसरा भतीजा गौरव कुमार और राजा राम मौर्य का तीसरा भतीजा दुर्गेश कुमार मौर्य भर्ती किए गए हैं।

कार्मिक विभाग में तैनात प्रबंधक सुधीर भाटी का रिश्तेदार अमित भाटी और सुधीर भाटी का चचेरा भाई विपिन भाटी भर्ती किए गए हैं। एजेंसी माधव एसोसिएटस के नाम पर यह भर्ती की गई हैं। एजेंसी के मालिक अनुराग शर्मा के दो भतीजे वरुण शर्मा और ध्रुव शर्मा भर्ती किए गए हैं। तत्कालीन विशेष कार्याधिकारी सचिन के रिश्तेदार शुभम मल को भर्ती किया गया है। इतना ही नहीं एसीईओ अमनदीप डुली के चपरासी ध्रुव सिंह के दो बेटे अभिषेक सिंह और विवेक सिंह को नौकरियां दी गई हैं। प्राधिकरण के ठेकेदार अवधेश करण का बेटा अमरजीत करण भी नौकरी हासिल करने वालों में शामिल है।

इन नियुक्तियों में खूब पैसा चला है। पांच लाख से लेकर दस-दस लाख रुपये तक रिश्वत वसूली गई है। आकाश ने आरोप लगाया कि नियुक्ति अधिकारियों ने बगैर योग्यता के ही अपनों को प्रबंधक और सहायक प्रबंधक पदों पर भर्ती कर लिया।

उस एजेंसी के मालिक अनुराग शर्मा के साले तरुण शर्मा को सिविल इंजीनियर के पद नियुक्त कर लिया है। भर्ती में जमकर खेल खेला गया है। किसी समाचार पत्र में विज्ञापन तक नहीं दिया गया। किस पद के लिए कितनी भर्ती निकाली गई हैं, यह किसी को भनक तक नहीं लगने दी गई। आकाश त्यागी ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में हुई नियुक्तियों में जमकर धांधली का आरोप लगाया है।

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